यहेजकेल 20:15 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) इसके अतिरिक्त मैंने निर्जन प्रदेश में उनसे शपथ खाई कि जो देश मैंने उनको दे दिया है, जो विश्व का सर्वश्रेष्ठ देश है, जहां दूध और शहद की नदियां बहती हैं, उस देश में मैं उनको नहीं लाऊंगा, पवित्र बाइबल मैंने मरूभूमि में उन लोगों को एक और वचन दिया। मैंने वचन दिया कि मैं उन्हें उस प्रदेश में नहीं लाऊँगा जिसे मैं उन्हें दे रहा हूँ। वह अनेक चीजों से भरा एक अच्छा प्रदेश था। यह सभी देशों से अधिक सुन्दर था। Hindi Holy Bible फिर मैं ने जंगल में उन से शपथ खाई कि जो देश मैं ने उन को दे दिया, और जो सब देशों का शिरोमणि है, जिस में दूध और मधु की धराएं बहती हैं, उस में उन्हें न पहुंचाऊंगा, पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) फिर मैं ने जंगल में उनसे शपथ खाई कि जो देश मैं ने उनको दे दिया, और जो सब देशों का शिरोमणि है, जिसमें दूध और मधु की धाराएँ बहती हैं, उसमें उन्हें न पहुँचाऊँगा, सरल हिन्दी बाइबल अपना हाथ उठाकर निर्जन प्रदेश में, मैंने शपथ भी खाई कि मैं उन्हें उस देश में नहीं लाऊंगा, जिसे मैंने उन्हें दिया था—एक ऐसा देश जहां दूध और मधु की धाराएं बहती हैं, जो सब देशों से सुंदर है— इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 फिर मैंने जंगल में उनसे शपथ खाई कि जो देश मैंने उनको दे दिया, और जो सब देशों का शिरोमणि है, जिसमें दूध और मधु की धराएँ बहती हैं, उसमें उन्हें न पहुँचाऊँगा, |
किन्तु मुझे अपने नाम के हेतु अपना निश्चय त्यागना पड़ा। मैंने अपना क्रोध कार्य-रूप में परिणत नहीं किया, जिससे मेरा नाम उन राष्ट्रों की दृष्टि में अपवित्र न हो जाए, जिनके सामने से मैं इस्राएलियों को निकालकर लाया था।
इसके अतिरिक्त, मैंने निर्जन प्रदेश में उनसे शपथ खाई कि मैं उनको राष्ट्रों के मध्य बिखेर दूंगा, विश्व के देशों में उनको तितर-बितर कर दूंगा।
जो विद्रोही तुम्हारे मध्य में हैं, जो मेरे प्रति अपराध करते हैं, उनको मैं अलग करूंगा, और तुम्हें शुद्ध करूंगा। जिन देशों में वे अस्थायी रूप से प्रवास करेंगे, वहां से भी मैं उनको निकालूंगा। किन्तु मैं उन्हें इस्राएल देश में प्रवेश नहीं करने दूंगा। तब तुम्हें ज्ञात होगा कि मैं ही प्रभु हूं।
जब मैं तुम्हें इस्राएल देश में लाऊंगा, जिस को देने की प्रतिज्ञा मैंने तुम्हारे पूर्वजों से की थी, तब तुम्हें ज्ञात होगा कि मैं ही प्रभु हूं।
उसी दिन मैंने उनसे यह भी शपथ खाई थी: “ओ इस्राएलियो, मैंने तुम्हारे लिए एक देश ढूंढ़ लिया है, जो विश्व के देशों में सर्वश्रेष्ठ है। उसमें दूध और शहद की नदियां बहती हैं। मैं तुम को मिस्र देश की गुलामी से मुक्त कर उस देश में ले जाऊंगा।”
उन्होंने अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियों के सामने इस्राएलियों की सेवा की थी। वे इस्राएल के वंशजों के लिए उनके अधर्म का कारण तथा ठोकर का कारण बन गए थे। अत: मैंने उनके विषय में यह शपथ खायी थी : लेवीय पुरोहित निस्सन्देह अपने अधर्म का दण्ड भोगेंगे। मैं, स्वामी-प्रभु यही कहता हूँ।
किन लोगों के विषय में उसने शपथ खाकर कहा कि “ये मेरे विश्रामस्थान में प्रवेश नहीं करेंगे”? निश्चय ही उनके विषय में, जिन्होंने विश्वास करना अस्वीकार किया।
इसलिए यदि हम विश्वासी बन गये हैं तो हम परमेश्वर के उस विश्राम-स्थान में प्रवेश करते हैं, जिसके विषय में उसने कहा, “मैंने क्रुद्ध हो कर यह शपथ खायी; ये मेरे विश्रामस्थान में प्रवेश नहीं करेंगे।” परमेश्वर का कार्य तो संसार की सृष्टि के समय ही समाप्त हो गया है,