राजा नको ने यहो-आहाज के भाई एलयाकीम को उसके पिता योशियाह के स्थान पर राजा बनाया। उसने एलयाकीम का नाम ‘यहोयाकीम’ रखा। वह यहोआहाज को मिस्र देश ले गया। यहोआहाज मिस्र देश गया, और वहां उसकी मृत्यु हो गई।
यहेजकेल 19:1 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ‘ओ मानव, तू इस्राएली उच्चाधिकारियों के सम्बन्ध में यह शोक गीत गा: पवित्र बाइबल यहोवा ने मुझसे कहा, “तुम्हें इस्राएल के प्रमुखों के विषय में इस करुण—गीत को गाना चाहिये। Hindi Holy Bible और इस्राएल के प्रधानों के विषय तू यह विलापगीत सुना, पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “इस्राएल के प्रधानों के विषय तू यह विलापगीत सुना : सरल हिन्दी बाइबल “इस्राएल के राजकुमारों के संबंध में एक विलापगीत लो इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “इस्राएल के प्रधानों के विषय तू यह विलापगीत सुना: |
राजा नको ने यहो-आहाज के भाई एलयाकीम को उसके पिता योशियाह के स्थान पर राजा बनाया। उसने एलयाकीम का नाम ‘यहोयाकीम’ रखा। वह यहोआहाज को मिस्र देश ले गया। यहोआहाज मिस्र देश गया, और वहां उसकी मृत्यु हो गई।
अत: यहूदा प्रदेश के राजा यहोयाकीन, उसकी मां, उसके दरबारियों, राजकुमारों और राजमहल के खोजों ने बेबीलोन के राजा के सम्मुख आत्मसमर्पण कर दिया। बेबीलोन के राजा ने अपने राज्यकाल के आठवें वर्ष में यहोयाकीन को बन्दी बनाया।
यहोयाकीम अपने मृत पूर्वजों के साथ सो गया। उसका पुत्र यहोयाकीन उसके स्थान पर राज्य करने लगा।
नबी यिर्मयाह ने भी राजा योशियाह की स्मृति में एक शोक गीत रचा था। आज भी लोक गायक और गायिकाएं अपने शोकगीतों में योशियाह का उल्लेख करते हैं। योशियाह के सम्बन्ध में शोकगीत गाना वास्तव में एक प्रथा बन गया है। ये शोकगीत “विलाप गीत” की पुस्तक में लिखे हुए हैं।
वसन्त के दिनों में बेबीलोन के राजा नबूकदनेस्सर ने अपने सैनिक भेजे और उसको बेबीलोन में ले आया। इसके अतिरिक्त वह प्रभु के भवन के समस्त बहुमूल्य पात्र बेबीलोन ले गया। उसने उसके भाई सिदकियाह को यहूदा प्रदेश तथा यरूशलेम का राजा बनाया।
तब मिस्र के राजा नको ने यरूशलेम में उसको राजगद्दी से उतार दिया, और उसके देश पर जुर्माना किया कि वह साढ़े तीन हजार किलो चांदी और पैंतीस किलो सोना देगा।
उसके राज्यकाल में बेबीलोन के राजा नबूकदनेस्सर ने उस पर आक्रमण किया, और उसको जंजीरों में जकड़कर अपने देश की राजधानी बेबीलोन ले गया।
लोग कहते हैं, ‘क्या कोन्याह टूटा-फूटा, उपेिक्षत पात्र है? क्या वह तुच्छ बर्तन है जिस की कोई चिन्ता नहीं करता? तब वह और उसके बच्चे अज्ञात देश में क्यों फेंक दिए गए, उनको क्यों त्याग दिया गया?’
प्रभु यों कहता है, ‘इस पुरुष को निर्वंश लिख, यह अपने जीवन में कभी सफल न होगा। इसके वंश में अब कोई ऐसा भाग्यवान न होगा। जो दाऊद के सिंहासन पर बैठेगा, और यहूदा प्रदेश पर पुन: राज्य करेगा।’
जब बेबीलोन का राजा नबूकदनेस्सर यहूदा प्रदेश के राजा यकोन्याह बेन-यहोयाकीम को, तथा यहूदा प्रदेश के सामन्तों, कारीगरों और लोहारों की बन्दी बना कर यरूशलेम नगर से ले गया, और उनको बेबीलोन नगर में लाया, तब प्रभु ने मुझ को यह दर्शन दिखाया। मैंने यह देखा: प्रभु के मन्दिर के आंगन के सम्मुख दो टोकरियां हैं, जिन में अंजीर के फल हैं।
प्रभु यों कहता है, ‘बुरे अंजीर फलों के समान, जो इतने बुरे हैं कि खाए भी नहीं जा सकते, मैं यहूदा प्रदेश के राजा सिदकियाह, सामंतों और यरूशलेम के बचे हुए निवासियों तथा मिस्र देश के रहनेवालों के साथ बुरा व्यवहार करूंगा।
काश, मेरा मस्तिष्क सागर होता, मेरी आंखें आँसुओं की झील होती, तो मैं अपने लोगों के महासंहार के कारण दिन-रात फूट-फूट कर रोता।
मैं पर्वतों के लिए रोऊंगा, शोक मनाऊंगा; निर्जन प्रदेश के चरागाह के लिए विलाप करूंगा; क्योंकि वे उजाड़ हो गए हैं, राहगीर उधर से अब नहीं गुजरते। पशुओं का रंभाना भी नहीं सुनाई देता। आकाश के पक्षी उनको छोड़ चले गए हैं; जंगली पशु भी भाग गए हैं।
हमारा प्राण, प्रभु का अभिषिक्त राजा बन्दी बना लिया गया; और वह उनके गड्ढों में डाल दिया गया। हम अपने राजा के विषय में यह कहते थे: ‘हम महाराज की छत्रछाया में पृथ्वी के राष्ट्रों के मध्य जीवित रहेंगे।’
शत्रुओं ने हमारे अधिकारियों को उनके हाथ बांधकर लटका दिया; धर्मवृद्धों का अनादर किया गया।
किन्तु उसकी मोटी टहनी में से आग निकली, जिसने उसकी शाखाओं और फल को जला दिया। अब अंगूर लता में एक भी मोटी टहनी नहीं रही, जो राजा का राज-दण्ड बन सके! (यह एक शोक गीत है, और समाज में शोकगीत के रूप में प्रचलित है।)
ओ इस्राएल के उच्चाधिकारियो, तुम्हारी मां सिंहों के मध्य एक सिंहनी थी। वह जवान सिंहों से घिरी रहती थी, और अपने बच्चों का लालन-पालन करती थी।
उसने पुस्तक मेरे सामने खोल दी। उसके दोनों पृष्ठों पर लिखा हुआ था। मैंने पढ़ा, उस पर विलाप और शोक-गीत लिखे हुए थे। उस पर धिक्कार के शब्द लिखे हुए थे।
वे तेरे विषय में शोक-गीत रचेंगे, और वे तुझसे यह कहेंगे : ओ विख्यात महानगर! महा सागर के तट से तू लोप हो गया! समुद्र पर तेरा और तेरे निवासियों का एकछत्र अधिकार था। तेरे निवासियों के आतंक से भूमि-तट के निवासी कांप उठते थे।
उन्होंने तेरे प्रति अपना शोक प्रकट करने के लिए तुझ पर एक शोक-गीत रचा है। वे यह शोक-गीत गा रहे हैं: “सोर के सदृश समुद्र के मध्य में और किसका विनाश हुआ है?
‘ओ मानव, तू सोर नगर के राजा के लिए एक शोक-गीत लिख, और उसको सुना। तू उससे कहना, स्वामी-प्रभु यों कहता है: “तू सिद्ध राजा का प्रतीक था। तू बुद्धि से परिपूर्ण था। तू सर्वांग सुन्दर था।
‘यही वह शोक-गीत है, जो फरओ के विनाश पर गाया जाएगा। मिस्र राष्ट्र की कन्याएं इसको गाएंगी। प्रभु-स्वामी कहता है, वे मिस्र देश और उसकी विशाल प्रजा के पतन पर यही शोक-गीत गाएंगी।’
‘ओ मानव, मिस्र की विशाल प्रजा के विनाश के कारण विलाप कर। मिस्र देश और प्रतापी राष्ट्रों की कन्याओं को अधोलोक में कबर में पड़े हुए मृतकों के पास उतार दे।
‘ओ मानव, मिस्र के राजा फरओ के सम्बन्ध में एक शोक-गीत गा। तू उससे यह कहना: “ओ फरओ, तू राष्ट्रों में अपने को सिंह समझता था। लेकिन तू तो समुद्र के मगर के समान है! तू नदियों में फूत्कारें मारता है, पैरों से जल को मथकर उनको गंदला करता है।
ओ इस्राएल के वंशजो, यह संदेश सुनो। यह मैं तुम्हारे विषय में कह रहा हूं। यह एक शोक गीत है।