बेबीलोन के राजा ने यहोयाकीन के चाचा मत्तन्याह को उसके स्थान पर राजा नियुक्त किया। उसने मत्तन्याह का नाम बदल दिया, और उसका नाम सिदकियाह रखा।
यहेजकेल 17:5 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तब उसने देश के बीज को लिया और उसको उपजाऊ भूमि में बो दिया। उसने बीज बोया, उमड़ते जलाशय के तट पर बोया; उसने मजनूं वृक्ष के सदृश बीज को बोया। पवित्र बाइबल तब उकाब ने बीजों (लोगों) में से कुछ को कनान से लिया। उसने उन्हें अच्छी भूमि में बोया। उसने एक अच्छी नदी के सहारे उन्हें बोया। Hindi Holy Bible तब उसने देश का कुछ बीज ले कर एक उपजाऊ खेत में बोया, और उसे बहुत जल भरे स्थान में मजनू की नाईं लगाया। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब उसने देश का कुछ बीज लेकर एक उपजाऊ खेत में बोया, और उसे बहुत जल भरे स्थान में मजनू के समान लगाया। सरल हिन्दी बाइबल “ ‘उसने देश के छोटे पौधों में से एक पौधा लेकर उसे उपजाऊ भूमि में लगा दिया. उसने उसे एक बहुत पानी वाले जगह में एक सरई की तरह लगाया, इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब उसने देश का कुछ बीज लेकर एक उपजाऊ खेत में बोया, और उसे बहुत जलभरे स्थान में मजनू के समान लगाया। |
बेबीलोन के राजा ने यहोयाकीन के चाचा मत्तन्याह को उसके स्थान पर राजा नियुक्त किया। उसने मत्तन्याह का नाम बदल दिया, और उसका नाम सिदकियाह रखा।
वे अपनी शेष धन-सम्पत्ति, अपना संचित माल-असबाब अराबीम की तंग घाटी के उस पार ले जा रहे हैं।
तब वे जलाशयों के तट की घास के सदृश लहलहा उठेंगे; वे बहते झरनों के किनारे उगे मजनूं के समान बढ़ने लगेंगे।
सच है कि तूने उनको रोपा है, और उन्होंने जड़ पकड़ ली है। वे दिन-प्रतिदिन बढ़ते हैं, और फलते- फूलते हैं। वे मुंह से तेरा नाम जपते हैं, पर हृदय से तुझको दूर रखते हैं।
यहोयाकीम के पुत्र कोन्याह के बदले योशियाह का पुत्र सिदकियाह यहूदा प्रदेश पर राज्य करने लगा; क्योंकि बेबीलोन के राजा नबूकदनेस्सर ने उसको यहूदा प्रदेश का राजा नियुक्त किया था।
उसने राजवंश के एक पुरुष को लिया, और उससे सन्धि स्थापित की। उसने उससे वचन लिया कि वह उसके अधीन रहेगा। (वह देश के प्रमुख व्यक्तियों को भी बन्दी बनाकर ले गया था।
उसने फुनगी की नयी टहनी को तोड़ा, और उसको व्यापारियों के देश में ले गया। उसने नयी टहनी को लेनदेन करनेवालों के महानगर में रोप दिया।
बीज में अंकुर फूटे, और वह छोटी फैलनेवाली अंगूर-बेल में बदल गया। बेल की शाखाएं बाज की ओर झुकीं, किन्तु उसकी जड़ें वहीं रहीं, जहां बीज बोया गया था, यों वह अंगूर-बेल बन गया; उसमें शाखाएं फूटीं और पत्ते निकले।
जल उसको हरा-भरा रखता है; भूमितल का जल उसको बढ़ाता है। जहां वह रोपा जाता है, उसके आस-पास नदियाँ बहती हैं। नदियों की नहरें वन के सब वृक्षों तक पहुंचती हैं।
यों देवदार बढ़ता जाता है, और जंगल के सब वृक्षों में सबसे ऊंचा हो जाता है। उसकी टहनियां खूब बढ़ती हैं; शाखाएं लम्बी-लम्बी हो जाती हैं; क्योंकि उसकी जड़ों को भरपूर पानी मिलता है।