‘हे परमेश्वर, क्या तू पृथ्वी पर रह सकता है? देख, ऊंचे से ऊंचा आकाश भी तुझे नहीं समा सकता। तब तू मेरे इस भवन में, जिसको मैंने बनाया है, कैसे समाएगा?
यशायाह 66:1 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) प्रभु यों कहता है : ‘आकाश मेरा सिंहासन है और पृथ्वी मेरे चरणों की चौकी है! तब तुम मेरे लिए कैसा घर बनाओगे? वह स्थान कहाँ है, जहाँ मैं विश्राम कर सकता हूं?’ पवित्र बाइबल यहोवा यह कहता है, “आकाश मेरा सिंहासन है। धरती मेरे पाँव की चौकी बनी है। सो क्या तू यह सोचता है कि तू मेरे लिये भवन बना सकता है नहीं, तू नहीं बना सकता। क्या तू मुझको विश्रामस्थल दे सकता है नहीं, तू नहीं दे सकता। Hindi Holy Bible यहोवा यों कहता है, आकाश मेरा सिंहासन और पृथ्वी मेरे चरणों की चौकी है; तुम मेरे लिये कैसा भवन बनाओगे, और मेरे विश्राम का कौन सा स्थान होगा? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) यहोवा यों कहता है : “आकाश मेरा सिंहासन और पृथ्वी मेरे चरणों की चौकी है; तुम मेरे लिये कैसा भवन बनाओगे, और मेरे विश्राम का कौन सा स्थान होगा? सरल हिन्दी बाइबल याहवेह यों कहते हैं: “स्वर्ग मेरा सिंहासन है, तथा पृथ्वी मेरे चरणों की चौकी है. तुम मेरे लिये कैसा भवन बनाओगे? कहां है वह जगह जहां मैं आराम कर सकूंगा? इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 यहोवा यह कहता है: “आकाश मेरा सिंहासन और पृथ्वी मेरे चरणों की चौकी है; तुम मेरे लिये कैसा भवन बनाओगे, और मेरे विश्राम का कौन सा स्थान होगा? (प्रेरि. 7:48-50, मत्ती 5:34,35) |
‘हे परमेश्वर, क्या तू पृथ्वी पर रह सकता है? देख, ऊंचे से ऊंचा आकाश भी तुझे नहीं समा सकता। तब तू मेरे इस भवन में, जिसको मैंने बनाया है, कैसे समाएगा?
तब राजा दाऊद खड़ा हुआ। उसने कहा, ‘ओ मेरे भाइयो, मेरे निज लोगो! मेरी यह हार्दिक इच्छा थी कि मैं अपने परमेश्वर के चरणों की चौकी के लिए, प्रभु की विधान-मंजूषा के लिए एक भवन बनाऊं, जहां वह प्रतिष्ठित की जा सके। मैंने भवन-निर्माण के लिए तैयारी कर ली है।
हमारा प्रभु परमेश्वर सब देवताओं से महान् है। अत: जो भवन मैं उसके लिए बनाना चाहता हूँ, वह सबसे बड़ा होगा।
‘हे परमेश्वर, क्या तू मानव के साथ पृथ्वी पर रह सकता है? देख, ऊंचे से ऊंचा आकाश भी तुझे नहीं समा सकता। तब तू मेरे इस भवन में जिसको मैंने बनाया है, कैसे समाएगा?
प्रभु अपने पवित्र मंदिर में है, प्रभु का सिंहासन स्वर्ग में है। उसकी आंखें मानव-संतान को निहारती हैं, उसकी पलकें उनको जांचती हैं।
आओ, हम प्रभु के निवास-स्थान में प्रवेश करें, आओ, हम उसकी चरणों की चौकी के सम्मुख वन्दना करें।
हमारे प्रभु परमेश्वर का गुणगान करो; उसके पवित्र पर्वत पर जाकर प्रभु की वन्दना करो। क्योंकि प्रभु, हमारा परमेश्वर पवित्र है।
सर्वोच्च और महान परमेश्वर, जिसका नाम पवित्र है, जो अनन्तकाल तक जीवित है, यह कहता है : ‘मैं उच्च और पवित्र स्थान में निवास करता हूं, पर मैं उसके साथ भी विद्यमान रहता हूं जिसकी आत्मा विदीर्ण और विनम्र है। मैं उस विनम्र व्यक्ति की आत्मा को संजीव करता हूं, और उसके विदीर्ण हृदय को पुनर्जीवित।
लबानोन प्रदेश का वैभव तेरे पास आएगा: मेरे पवित्र स्थान की साज-सज्जा के लिए सनोवर, देवदार और चीड़ वृक्षों की इमारती लकड़ी तेरे पास आएगी। मैं उस स्थान को जहाँ मैं चरण रखता हूं, महिमा प्रदान करूंगा।
क्या मनुष्य अपने को ऐसे गुप्त स्थानों में छिपा सकता है कि मैं उसको न देख सकूं? क्या मेरी उपस्थिति से आकाश और पृथ्वी परिपूर्ण नहीं हैं?’ प्रभु की यह वाणी है।
उदयाचल से अस्ताचल तक, समस्त राष्ट्रों में मेरा नाम महान है। हर स्थान में मेरे नाम पर धूप-द्रव्य और शुद्ध भेंट चढ़ाई जाती है। मैं, स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यह कहता हूं: समस्त राष्ट्रों में मेरा नाम महान है।
येशु ने उनसे कहा, “तुम यह सब देख रहे हो न? मैं तुम से सच कहता हूँ, यहाँ एक पत्थर पर दूसरा पत्थर पड़ा नहीं रहेगा − सब ध्वस्त हो जाएगा।”
“जिस परमेश्वर ने विश्व तथा उसमें जो कुछ है, वह सब बनाया है, और जो आकाश और पृथ्वी का प्रभु है, वह हाथ से बनाये हुए मन्दिरों में निवास नहीं करता।