तू ऐसा कार्य करने से सदा दूर रहे कि दूराचारियों के साथ धार्मिक भी मारे जाएँ। धार्मिकों की दशा दुराचारियों के सदृश हो, यह कार्य तुझसे कभी न हो। क्या सारी पृथ्वी का न्यायाधीश उचित न्याय न करेगा?’
यशायाह 3:10 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) धार्मिक व्यक्तियों से यह कहो, ‘चिन्ता मत करो, तुम्हारा भला होगा, तुम अपने परिश्रम का फल खाओगे।’ पवित्र बाइबल अच्छे लोगों को बता दो कि उनके साथ अच्छी बातें घटेंगी। जो अच्छे कर्म वे करते हैं, उनका सुफल वे पायेंगे। Hindi Holy Bible धर्मियों से कहो कि उनका भला होगा, क्योंकि उसके कामों का फल उसको मिलेगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) धर्मियों से कहो कि उनका भला होगा, क्योंकि वे अपने कामों का फल प्राप्त करेंगे। सरल हिन्दी बाइबल धर्मियों को यह बताओ कि उनका अच्छा ही होगा, क्योंकि उन्हें उनके कामों का प्रतिफल मिलेगा. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 धर्मियों से कहो कि उनका भला होगा, क्योंकि वे अपने कामों का फल प्राप्त करेंगे। |
तू ऐसा कार्य करने से सदा दूर रहे कि दूराचारियों के साथ धार्मिक भी मारे जाएँ। धार्मिकों की दशा दुराचारियों के सदृश हो, यह कार्य तुझसे कभी न हो। क्या सारी पृथ्वी का न्यायाधीश उचित न्याय न करेगा?’
मनुष्य यह कहेंगे, “निश्चय, धार्मिकों के लिए पुरस्कार है, निस्सन्देह, परमेश्वर है, जो पृथ्वी पर न्याय करता है।”
धार्मिक मनुष्य के सिर पर आशिषों की वर्षा होती है; पर दुर्जन के मुंह में हिंसा ही हिंसा भरी रहती है।
मनुष्य को अपने वचनों के फल के अनुरूप उत्तम वस्तुएं प्राप्त होती हैं, और वह सन्तुष्ट होता है; मनुष्य जैसा कार्य करता है वैसा ही उसको फल मिलता है।
अनिष्ट पापी मनुष्य के पीछे लगा रहता है; किन्तु धार्मिक व्यक्ति को समृद्धि प्राप्त होती है।
जीभ के वश में मनुष्य का जीवन और मृत्यु दोनों हैं; और जो मनुष्य अपनी जीभ का प्रयोग जानता है उसको उचित फल प्राप्त होता है।
यद्यपि पापी मनुष्य सौ बार दुष्कर्म करता है, और उसे दण्ड नहीं मिलता, वह लम्बी उम्र तक जीवित रहता है, तथापि मैं यह जानता हूं कि परमेश्वर से डरनेवालों का अन्त में भला ही होता है। परमेश्वर उनका भला करता है, क्योंकि वे उससे डरते हैं।
तेरे विरुद्ध बनाया गया कोई भी शस्त्र सफल न होगा; जो साक्षी न्यायालय में तेरे विरुद्ध प्रस्तुत होगी, तू उसको निरस्त करने में सफल होगी। यह प्रभु के सेवकों की नियति है, मैं उनको विजय प्रदान करता हूं।’ प्रभु यह कहता है।
प्रभु, क्या यह सच नहीं है कि मैंने शक्ति-भर सेवा की; अपने शत्रु के लिए भी तुझ से निवेदन किया, जब वह संकट में था, जब वह कष्ट में था?
पर मैं-प्रभु कहता हूँ : मैं तुम्हारे आचरण के अनुरूप तुम्हें दण्ड दूंगा। मैं तुम्हारी बस्ती के जंगल में दावानल सुलगा दूंगा; वह वन के आसपास के सब मकानों को भस्म कर देगा।’
क्या तू इसलिए राजा बना है कि दूसरों से अधिक देवदार की इमारतें बनाए? तेरा पिता खाता-पीता, आमोद-प्रमोद करता था, फिर भी वह न्याय और धर्म का आचरण करता था। अत: उसका भला हुआ।
किन्तु मैंने उनको यह आज्ञा दी थी: “मेरी वाणी को सुनोगे तो मैं तुम्हारा परमेश्वर होऊंगा, और तुम मेरे निज लोग होगे। जिस मार्ग पर चलने का मैंने तुम्हें आदेश दिया है, उस पर चलते रहोगे तो तुम्हारा कल्याण होगा।”
केवल पाप करनेवाला प्राणी ही मरेगा। पिता के अधर्म का फल पुत्र कदापि नहीं भोगेगा, और न ही पुत्र के अधर्म का दण्ड पिता को मिलेगा। किन्तु धार्मिक व्यक्ति को उसके धर्म का फल और दुर्जन को उसके पाप का फल मिलेगा।
प्रभु ने उससे कहा, ‘यरूशलेम नगर में जाओ, और उन-सब मनुष्यों के माथे पर चिह्न लगाओ, जो नगर में किए जा रहे घृणित कार्यों के लिए दु:ख मनाते और शोक करते हैं।’
ओ देश के सब विनम्र लोगो, प्रभु के आज्ञाकारी लोगो, प्रभु को खोजो; धार्मिकता को, नम्रता को ढूंढ़ो। तब सम्भवत: तुम प्रभु के प्रकोप-दिवस पर सुरक्षित रह सको।
तुम धार्मिक और अधार्मिक में पुन: भेद पहचानोगे; तुम जानोगे कि कौन व्यक्ति मुझ-परमेश्वर की सेवा करता है, और कौन व्यक्ति मेरी सेवा नहीं करता।’
तू उसको नहीं खाना, जिससे तू प्रभु की दृष्टि में उचित कार्य कर सके, और तेरा तथा तेरे पश्चात् तेरी सन्तान का भला हो।
परमेश्वर अन्याय नहीं करता। वह आपके कार्यों को एवं उस प्रेम को नहीं भुला सकता, जो आपने, उसके नाम की महिमा के उद्देश्य से, इस प्रकार दिखाया कि आपने सन्तों की सेवा की और अब भी कर रहे हैं।