अत: दाऊद ने किर्यत-यहारीम नगर से परमेश्वर की मंजूषा लाने के लिए इस्राएली कुलों के सब पुरुषों को एकत्र किया। उसने मिस्र देश की सीमा शीहोर नदी से हमात घाटी के प्रवेश-द्वार तक के भूमि-क्षेत्रों में रहने वाले सब इस्राएलियों को इकट्ठा किया।
यशायाह 23:3 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वे अनेक सागरों की यात्रा करते थे। शिहोर का अनाज, नील नदी की फसल उन्हें आय में प्राप्त होती थी। वे अनेक राष्ट्रों से व्यापार करते थे। पवित्र बाइबल वे लोग अनाज की तलाश में समुद्रों में यात्रा करते थे। सोर के वे लोग नील नदी के आसपास जो अनाज पैदा होता था, उसे मोल ले लिया करते थे और फिर उस अनाज को दूसरे देशों में बेचा करते थे। Hindi Holy Bible शीहोर का अन्न, और नील नदी के पास की उपज महासागर के मार्ग से उसको मिलती थी, क्योंकि वह और जातियों के लिये व्यापार का स्थान था। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) शीहोर का अन्न, और नील नदी के पास की उपज महासागर के मार्ग से उसको मिलती थी, क्योंकि वह दूसरी जातियों के लिये व्यापार का स्थान था। सरल हिन्दी बाइबल उन्होंने अनेक सागरों की यात्रा की, शीहोर का अन्न; और नदियों की उपज उनकी आमदनी थी, और यह अनेक देशों के लिये व्यापार की जगह थी. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 शीहोर का अन्न, और नील नदी के पास की उपज महासागर के मार्ग से उसको मिलती थी, क्योंकि वह और जातियों के लिये व्यापार का स्थान था। |
अत: दाऊद ने किर्यत-यहारीम नगर से परमेश्वर की मंजूषा लाने के लिए इस्राएली कुलों के सब पुरुषों को एकत्र किया। उसने मिस्र देश की सीमा शीहोर नदी से हमात घाटी के प्रवेश-द्वार तक के भूमि-क्षेत्रों में रहने वाले सब इस्राएलियों को इकट्ठा किया।
नील नदी के मुहाने पर, नील नदी के तट पर शुष्क स्थल होंगे; जो कुछ उसके कछार में बोया जाएगा, वह सब सूख जाएगा; वह उड़ जाएगा, कुछ भी शेष नहीं रहेगा।
किसने सोर के विरुद्ध यह योजना बनाई थी? सोर, जिसने अनेक राज्यों की स्थापना की, जिसके व्यापारी सामन्त थे, जिसके व्यापारियों का समस्त पृथ्वी पर आदर किया जाता था।
जलाशयों के तट पर खेती करनेवालो! तुम सुखी होगे; तुम बैल और गधे को स्वतन्त्रता से इधर-उधर विचरने दोगे।
अब मिस्र की ओर ताकने से क्या लाभ? नील नदी का पानी पीने से तुझे कुछ फायदा न होगा। असीरिया देश से संधि करने से तेरा भला न होगा। फरात नदी का जल भी तुझ में नवजीवन नहीं डाल सकेगा।
समुद्र के जलमार्ग से देश-विदेश की सामग्री तेरे पास आती थी, तू अनेक जातियों-राष्ट्रों को तृप्त करता था। तेरे प्रचुर माल और धन से पृथ्वी के अनेक राजा अत्यन्त समृद्ध हो गए थे।
तूने अपनी समझ और बुद्धि से अपने लिए अपार धन-सम्पत्ति एकत्र की है; अपने खजाने में सोना-चांदी का ढेर लगा लिया है।
तुम मेरे मन्दिर का सोना-चांदी ले गए, तुमने मेरी बहुमूल्य वस्तुएं अपने मन्दिर में रख लीं।
‘जिस देश पर अधिकार करने के लिए तुम वहां प्रवेश कर रहे हो, वह मिस्र देश के समान नहीं है, जहां से तुम बाहर निकले हो। मिस्र देश वनस्पति के बगीचे के समान है, जहां तुम बीज बोते थे, और स्वयं अपने पैरों से रहट चलाकर उसको सींचते थे।
मिस्र देश की सीमा पर शीहोर नदी से उत्तर में एक्रोन नगर-राज्य की सीमा के अन्तर्गत का भूमि-भाग कनानी जाति का देश माना जाता था। पलिश्ती जाति के पांच सामन्त गाजा, अश्दोद, एश्कलोन, गत और एक्रोन नगरों में रहते थे।) और दक्षिण में अव्वी जाति का प्रदेश।