राष्ट्र क्रोध करते हैं, राज्य विचलित होते हैं; किन्तु परमेश्वर के शब्द बोलते ही पृथ्वी पिघल जाती है।
मीका 1:4 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उसके पैरों तले पहाड़ पिघल जाएंगे, जैसे आग से मोम पिघल जाता है। घाटियाँ और गहरी बनेंगी, जैसे पानी ढाल को काटकर उसे गहरा बनाता है। पवित्र बाइबल परमेश्वर यहोवा के पांव तले पहाड़ पिघल जायेंगे, घाटियाँ चरमरा जायेंगी। जैसे आग के सामने मोम पिघल जाता है, जैसे ढलान से पानी उतरता हुआ बहता है। Hindi Holy Bible और पहाड़ उसके नीचे गल जाएंगे, और तराई ऐसे फटेंगी, जैसे मोम आग की आंच से, और पानी जो घाट से नीचे बहता है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) पहाड़ उसके नीचे गल जाएँगे, और तराई ऐसे फटेंगी, जैसे मोम आग की आँच से, और पानी जो घाट से नीचे बहता है। सरल हिन्दी बाइबल उनके पैरों के नीचे पर्वत पिघल जाते हैं और जैसे आग के आगे मोम, और जैसे ढलान से गिरता पानी, वैसे ही घाटियां तड़क कर फट जाती हैं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 पहाड़ उसके नीचे गल जाएँगे, और तराई ऐसे फटेंगी, जैसे मोम आग की आँच से, और पानी जो घाट से नीचे बहता है। |
राष्ट्र क्रोध करते हैं, राज्य विचलित होते हैं; किन्तु परमेश्वर के शब्द बोलते ही पृथ्वी पिघल जाती है।
जैसे धुआं उड़ाया जाता है, वैसे ही तू उन्हें उड़ा दे; जैसे मोम आग के सामने पिघलती है, वैसे ही दुर्जन परमेश्वर के समक्ष नष्ट हो जाएंगे।
प्रभु की उपस्थिति से, समस्त पृथ्वी के स्वामी की उपस्थिति से पर्वत मोम सदृश पिघल जाते हैं।
स्वर्गिक सेनाओं के स्वामी-प्रभु के स्पर्श से धरती पिघलती है, और उस पर रहनेवाले सब शोक करते हैं। नील नदी की बाढ़ के समान धरती उछलती; और मिस्र देश की नील नदी के समान वह फिर शान्त हो जाती है।
प्रभु के सम्मुख पहाड़ कांपते हैं, पहाड़ियाँ हिलने लगती हैं। उसकी उपस्थिति से, पृथ्वी और उस पर रहनेवाले प्राणी, उजड़ जाते हैं।
पहाड़ों ने तुझे देखा, वे कांप उठे। जल-प्रलय की धाराएँ फूट पड़ीं। अथाह सागर चिल्ला पड़ा, उसने अपने हाथ ऊपर उठा लिए।
वह रुका, उसने पृथ्वी को नापा। उसने देखा, राष्ट्र हिल गए। युग-युग से खड़े पहाड़ बिखर गए। शाश्वत पहाड़ियाँ डूब गईं। उसकी गति आदि काल से एक-सी है।
यरूशलेम नगर के पूर्व में जैतून पहाड़ है। प्रभु उस दिन उस पहाड़ पर खड़ा होगा। तब पूर्व से पश्चिम तक जैतून पहाड़ के दो टुकड़े हो जाएंगे और उनके मध्य एक विस्तृत घाटी हो जाएगी। पर्वत का आधा टुकड़ा उत्तर की ओर और दूसरा आधा टुकड़ा दक्षिण की ओर सरक जाएगा।
इसके बाद मैंने एक विशाल श्वेत सिंहासन और उस पर विराजमान व्यक्ति को देखा। पृथ्वी और आकाश उसके सामने लुप्त हो गये और उनका कहीं भी पता नहीं चला।
‘प्रभु, जब तू सेईर देश से बाहर निकला, जब तूने एदोम के मैदान से प्रस्थान किया, तब भूमि कांपने लगी, और आकाश बरसने लगा, मेघ जल बरसाने लगे।