अनेक वर्षों के बाद मिस्र देश के राजा की मृत्यु हो गई। इस्राएली बेगार के कारण कराहते थे। अत: वे सहायता के लिए चिल्लाने लगे। बेगार से उत्पन्न उनकी दुहाई परमेश्वर तक पहुंची।
मरकुस 7:34 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) फिर आकाश की ओर आँखें उठा कर उन्होंने आह भरी और उससे कहा, “एफ्फथा” अर्थात् “खुल जा”। पवित्र बाइबल फिर स्वर्ग की ओर ऊपर देख कर गहरी साँस भरते हुए उससे कहा, “इप्फतह।” (अर्थात् “खुल जा!”) Hindi Holy Bible और स्वर्ग की ओर देखकर आह भरी, और उस से कहा; इप्फत्तह, अर्थात खुल जा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और स्वर्ग की ओर देखकर आह भरी, और उस से कहा, “इप्फत्तह!” अर्थात् “खुल जा”! नवीन हिंदी बाइबल फिर उसने स्वर्ग की ओर देखकर आह भरी और उससे कहा,“इफ्फत्तह,” जिसका अर्थ है, खुल जा। सरल हिन्दी बाइबल तब एक गहरी आह भरते हुए स्वर्ग की ओर दृष्टि उठाकर उन्होंने उस व्यक्ति को संबोधित कर कहा, “एफ़्फ़ाथा!” (अर्थात् खुल जा!) इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और स्वर्ग की ओर देखकर आह भरी, और उससे कहा, “इप्फत्तह!” अर्थात् “खुल जा!” |
अनेक वर्षों के बाद मिस्र देश के राजा की मृत्यु हो गई। इस्राएली बेगार के कारण कराहते थे। अत: वे सहायता के लिए चिल्लाने लगे। बेगार से उत्पन्न उनकी दुहाई परमेश्वर तक पहुंची।
लोगों ने उससे घृणा की; उन्होंने उसको त्याग दिया। वह दु:खी मनुष्य था, केवल पीड़ा से उसकी पहचान थी। उसको देखते ही लोग अपना मुख फेर लेते थे। हम ने उससे घृणा की और उसका मूल्य नहीं जाना।
येशु को उस पर दया आयी। उन्होंने हाथ बढ़ाकर यह कहते हुए उसका स्पर्श किया, “मैं यही चाहता हूँ−तुम शुद्ध हो जाओ।”
दोपहर तीन बजे येशु ने ऊंचे स्वर से पुकारा, “एलोई! एलोई! लमा सबकतानी?” इसका अर्थ है : “हे मेरे परमेश्वर! हे मेरे परमेश्वर! तूने मुझे क्यों छोड़ दिया?”
उन्होंने लड़की का हाथ पकड़ कर उससे कहा : “तलिथा कूम!” इसका अर्थ है : “ओ बालिका! मैं तुझ से कहता हूँ, उठ!”
येशु ने वे पाँच रोटियाँ और दो मछलियाँ लीं और आकाश की ओर आँखें उठा कर आशिष माँगी। उन्होंने रोटियाँ तोड़ीं और शिष्यों को दीं, ताकि वे लोगों को परोसते जाएँ। उन्होंने उन दो मछलियों को भी सब में बाँट दिया।
उसी क्षण उसके कान खुल गये और उसकी जीभ का बन्धन भी छूट गया, जिससे वह अच्छी तरह बोलने लगा।
येशु ने गहरी आह भर कर कहा, “यह पीढ़ी चिह्न क्यों माँगती है? मैं तुम लोगों से सच कहता हूँ, इस पीढ़ी को कोई भी चिह्न नहीं दिया जाएगा।”
और पास आ कर उन्होंने अरथी को स्पर्श किया। इस पर अरथी को कंधा देने वाले रुक गये। येशु ने कहा, “युवक! मैं तुम से कहता हूँ, उठो!”
येशु, उसे और उसके साथ आए हुए लोगों को रोते देख कर, बहुत व्याकुल हो उठे और गहरी साँस ले कर
येशु ने फिर गहरी साँस ली और कबर पर आए। वह कबर एक गुफा थी, जिसके मुँह पर पत्थर रखा हुआ था।
इस पर लोगों ने पत्थर हटा दिया। येशु ने आँखें ऊपर उठा कर कहा, “पिता! मैं तुझे धन्यवाद देता हूँ; तूने मेरी प्रार्थना सुन ली है।
यह सब कहने के पश्चात् येशु अपनी आँखें स्वर्ग की ओर उठा कर बोले, “पिता! समय आ गया है। अपने पुत्र को महिमान्वित कर, जिससे पुत्र तेरी महिमा करे।
पतरस ने उससे कहा, “एनियास! येशु मसीह तुम को स्वस्थ कर रहे हैं। उठो और अपना बिस्तर स्वयं ठीक करो।” और वह उसी क्षण उठ खड़ा हुआ।
पतरस ने सब को बाहर किया और घुटने टेक कर प्रार्थना की। इसके बाद वह शव की ओर मुड़ कर बोले, “तबिथा, उठो!” उसने आँखें खोल दीं और पतरस को देखकर वह उठ बैठी।
हमारे महापुरोहित हमारी दुर्बलताओं में हम से सहानुभूति रख सकते हैं, क्योंकि पाप को छोड़ कर सभी बातों में हमारी ही तरह उनकी परीक्षा ली गयी है।