प्रभु की शिक्षा और उसकी साक्षी की ओर लौटो! यदि तुम उन लोगों के कथन के अनुसार आचरण करोगे, तो तुम्हारे लिए ज्ञान की पौ न फटेगी।
मरकुस 7:13 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) इस तरह तुम लोग अपनी परम्परा के नाम पर, जिसे तुम आगे बढ़ाते हो, परमेश्वर का वचन रद्द करते हो और ऐसे ही अनेक कार्य तुम करते रहते हो।” पवित्र बाइबल इस तरह तुम अपने बनाये रीति-रिवाजों से परमेश्वर के वचन को टाल देते हो। ऐसी ही और भी बहुत सी बातें तुम लोग करते हो।” Hindi Holy Bible इस प्रकार तुम अपनी रीतियों से, जिन्हें तुम ने ठहराया है, परमेश्वर का वचन टाल देते हो; और ऐसे ऐसे बहुत से काम करते हो। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इस प्रकार तुम अपनी परम्पराओं से, जिन्हें तुम ने ठहराया है, परमेश्वर का वचन टाल देते हो; और ऐसे ऐसे बहुत से काम करते हो।” नवीन हिंदी बाइबल तुम अपनी परंपरा के द्वारा जिसे तुमने बनाए रखा है, परमेश्वर के वचन को व्यर्थ ठहरा देते हो और इसी प्रकार के और भी बहुत से कार्य करते हो।” सरल हिन्दी बाइबल अपनी इस प्रथा के द्वारा, जो पूर्वजों से चली आई है, आप परमेश्वर के वचन को टाल देते हैं. आप ऐसे ही अनेक काम किया करते हैं.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इस प्रकार तुम अपनी परम्पराओं से, जिन्हें तुम ने ठहराया है, परमेश्वर का वचन टाल देते हो; और ऐसे-ऐसे बहुत से काम करते हो।” |
प्रभु की शिक्षा और उसकी साक्षी की ओर लौटो! यदि तुम उन लोगों के कथन के अनुसार आचरण करोगे, तो तुम्हारे लिए ज्ञान की पौ न फटेगी।
‘किन्तु अब मान लो: जिस पिता ने न्याय और धर्म के अनुरूप आचरण नहीं किया है, और उसका कोई पुत्र है। वह पुत्र अपने पिता के पापमय आचरण को देखता है; वह प्रभु से डरता है, और अपने पिता के समान पापमय आचरण नहीं करता है :
तो उसके लिए माता-पिता का आदर करना आवश्यक नहीं है। इस प्रकार तुम अपनी परम्परा का पालन कर परमेश्वर का वचन रद्द कर देते हो।
क्योंकि फरीसी और सामान्य यहूदी धर्मवृद्धों की प्राचीन परम्परा का पालन करते हैं और विधि के अनुसार बिना हाथ धोये भोजन नहीं करते।
इसलिए फरीसियों और शास्त्रियों ने येशु से पूछा, “आपके शिष्य धर्मवृद्धों की परम्परा का पालन क्यों नहीं करते? वे क्यों अशुद्ध हाथों से भोजन करते हैं?”
येशु ने उनसे कहा, “तुम लोग अपनी ही परम्परा बनाये रखने के लिए परमेश्वर की आज्ञा का उल्लंघन किस सुन्दर रीति से कर देते हो!
मैं अपने पूर्वजों की परम्पराओं का पालन अत्यंत धर्मोत्साह से करता था और यहूदी धर्म-विधि के पालन में अपने समय के बहुत-से हम-उम्र यहूदियों से बहुत आगे था।
द्वेष, मतवालापन, रंगरलियाँ और इसी प्रकार की अन्य बातें। मैं आप लोगों से कहता हूँ, जैसा कि मैंने पहले भी कहा है, जो लोग इस प्रकार का आचरण करते हैं, वे परमेश्वर के राज्य के अधिकारी नहीं होंगे।
और यहूदियों की कल्पित कथाओं तथा सत्य का तिरस्कार करने वाले मनुष्यों के आदेशों पर ध्यान न दें।