14 ‘किन्तु अब मान लो: जिस पिता ने न्याय और धर्म के अनुरूप आचरण नहीं किया है, और उसका कोई पुत्र है। वह पुत्र अपने पिता के पापमय आचरण को देखता है; वह प्रभु से डरता है, और अपने पिता के समान पापमय आचरण नहीं करता है :
14 “संभवत: उस पापी पुत्र का भी एक पुत्र हो। किन्तु यह पुत्र अपने पिता द्वारा किये गए पाप—कर्मों को देख सकता है और वह अपने पिता की तरह रहने से इन्कार कर सकता है। वह भला व्यक्ति लोगों के साथ भला व्यवहार करता है।
14 “पर मान लो, इस बेटे का एक बेटा है, जो अपने पिता द्वारा किए गए सब पापों को देखता है, और यद्यपि वह उन पापों को देखता है, पर वह ऐसा कोई पाप नहीं करता है:
‘तुम लोग जाओ, और मेरी ओर से, इस्राएल और यहूदा प्रदेशों के बचे हुए लोगों की ओर से, इस धर्म-पुस्तक के वचनों का अर्थ प्रभु से ज्ञात करो। प्रभु की महा-क्रोधाग्नि हमारे प्रति भड़क उठी है; क्योंकि हमारे पूर्वजों ने प्रभु का वचन नहीं माना। उन्होंने धर्म-पुस्तक में लिखे गए प्रभु के आदेशों के अनुसार कार्य नहीं किया।’
‘अपने हृदय में विचार करो: आगे क्या होगा? जिस दिन मुझ-प्रभु के मन्दिर की नींव डाली गई थी, उस दिन से, अर्थात् नवें महीने की चौबीसवीं तारीख से, आगे की स्थिति पर विचार करो।
किन्तु वे अपने हृदय में यह नहीं विचारते, कि मैं उनके समस्त कुकर्मों को स्मरण रखता हूं। अब उनके कर्मों ने उन्हें चारों ओर से घेर लिया है; उनके कर्म मेरे सम्मुख हैं।
‘मैंने उस पीढ़ी की सन्तान से कहा, “अपनी पिछली पीढ़ी के समान आचरण मत करो, उन की संविधियों और न्याय-सिद्धान्तों को मत मानो, और न ही उनकी मूर्तियों से स्वयं को अशुद्ध करो।
क्योंकि वह अपने कार्यों पर पुन: विचार करता है, अपने अपराधों पर सोचता है और उनसे विमुख हो जाता है। ऐसा दुर्जन निस्सन्देह अपने प्राण बचाएगा, और वह नहीं मरेगा।
जो हम करते थे, करते हैं, और जो हमारे पूर्वजों ने, राजाओं ने, और हमारे उच्चाधिकारियों ने यहूदा प्रदेश के नगरों में, यरूशलेम की गलियों में किया था, वह करते रहेंगे। हम आकाश की रानी की मन्नतें मानेंगे, उसको धूप जलाएंगे, और उसको पेयबलि चढ़ाएंगे। उन दिनों में हम सुख-समृद्धि से रहते थे, पेट भर रोटी खाते थे, और हम पर कोई विपत्ति नहीं आई थी।
मैं ध्यान से उनकी बातें सुनता हूं, किन्तु वे उचित बात बोलते ही नहीं! एक भी आदमी अपने दुष्कर्म के लिए पश्चात्ताप नहीं करता; बल्कि वह कहता है, “मैंने किया ही क्या है?” जैसे घोड़ा युद्ध के मैदान में बिना समझे-बूझे अपनी नाक की सीध में दौड़ता है, वैसे ही यह जाति मनमाना आचरण कर रही है।
वे विचार नहीं करते; न उनमें ज्ञान है और न समझ। वे यह नहीं सोचते कि उन्होंने देवदार की लकड़ी का आधा भाग आग में जलाया। उसके अंगारों पर रोटी सेंकी, मांस भूंजकर खाया। तब क्या बची हुई लकड़ी से मूर्ति बनाना चाहिए जो प्रभु परमेश्वर की दृष्टि में घृणित कार्य है? क्या उन्हें एक लकड़ी के खंभे के सम्मुख भूमि पर लेटकर वंदना करना चाहिए?
वह पहाड़ी शिखर की वेदी के सम्मुख बलि-पशु का मांस नहीं खाता। वह इस्राएल के कुल द्वारा अपनायी गयी देव-मूर्तियों की ओर सहायता के लिए आंखें नहीं उठाता। वह अपने पड़ोसी की पत्नी को भ्रष्ट नहीं करता।
जब योशियाह ने राज्य करना आरम्भ किया तब वह आठ वर्ष का था। उसने राजधानी यरूशलेम में इकतीस वर्ष तक राज्य किया। उसकी मां का नाम यदीदाह था। वह बोस्कत नगर में रहने वाले अदायाह की पुत्री थी।