क्या प्रभु के लिए कोई कार्य असम्भव है? मैं निर्धारित समय पर वसन्त ऋतु में तेरे पास वापस आऊंगा, और सारा को पुत्र उत्पन्न होगा।’
मरकुस 1:40 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) एक कुष्ठरोगी येशु के पास आया और घुटने टेक कर उन से अनुनय-विनय करते हुए बोला, “आप चाहें, तो मुझे शुद्ध कर सकते हैं।” पवित्र बाइबल फिर एक कोढ़ी उसके पास आया। उसने उसके सामने झुक कर उससे विनती की और कहा, “यदि तू चाहे, तो तू मुझे ठीक कर सकता है।” Hindi Holy Bible और एक कोढ़ी ने उसके पास आकर, उस से बिनती की, और उसके साम्हने घुटने टेककर, उस से कहा; यदि तू चाहे तो मुझे शुद्ध कर सकता है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) एक कोढ़ी उसके पास आया, उससे विनती की, और उसके सामने घुटने टेककर उससे कहा, “यदि तू चाहे तो मुझे शुद्ध कर सकता है।” नवीन हिंदी बाइबल एक कोढ़ी यीशु के पास आया और घुटने टेककर उससे विनती करने लगा, “यदि तू चाहे तो मुझे शुद्ध कर सकता है।” सरल हिन्दी बाइबल एक कोढ़ रोगी उनके पास आया. उसने मसीह येशु के सामने घुटने टेक उनसे विनती की, “आप चाहें तो मुझे शुद्ध कर सकते हैं.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 एक कोढ़ी ने उसके पास आकर, उससे विनती की, और उसके सामने घुटने टेककर, उससे कहा, “यदि तू चाहे तो मुझे शुद्ध कर सकता है।” |
क्या प्रभु के लिए कोई कार्य असम्भव है? मैं निर्धारित समय पर वसन्त ऋतु में तेरे पास वापस आऊंगा, और सारा को पुत्र उत्पन्न होगा।’
इस हत्या का दोष योआब और उसके समस्त पितृकुल के सिर पर पड़े। योआब का पितृकुल स्राव रोग से मुक्त न हो। उसके पितृकुल में कोढ़ी हों, बैसाखी के सहारे चलनवाले लंगड़े हों। उसके कुल के पुरुष तलवार से मारे जाएँ। उसका पितृकुल रोटी के अभाव में भूखा मर जाए।’
प्रभु ने राजा को कुष्ठ-रोग से पीड़ित कर दिया। वह मृत्यु-पर्यन्त कुष्ठ-रोगी रहा। वह अलग महल में रहता था। उसका पुत्र योताम राजपरिवार की व्यवस्था करता था। योताम ही जनता पर शासन और उनका न्याय करता था।
सामरी नगर के प्रवेश-द्वार पर चार कुष्ठ-रोगी रहते थे। उन्होंने एक-दूसरे से यह कहा, ‘हम मौत आने तक यहां क्यों बैठे रहें?
राजा सुलेमान ने पीतल का एक मंच बनाया था। वह सवा दो मीटर लम्बा, सवा दो मीटर चौड़ा और एक मीटर पैंतीस सेंटीमीटर ऊंचा था। उसने उसको आंगन में रखा था। वह मंच पर खड़ा हुआ। राजा सुलेमान ने समस्त इस्राएली धर्मसभा की उपस्थिति में घुटने टेके और आकाश की ओर हाथ फैलाकर यह प्रार्थना की।
अन्धे देखते हैं और लंगड़े चलते हैं, कुष्ठरोगी शुद्ध किये जाते हैं और बहरे सुनते हैं, मुरदे जिलाये जाते हैं और गरीबों को शुभसमाचार सुनाया जाता है।
येशु को उस पर दया आयी। उन्होंने हाथ बढ़ाकर यह कहते हुए उसका स्पर्श किया, “मैं यही चाहता हूँ−तुम शुद्ध हो जाओ।”
येशु यात्रा पर निकल ही रहे थे कि एक व्यक्ति दौड़ता हुआ आया और उनके सामने घुटने टेक कर उसने यह पूछा, “भले गुरु! शाश्वत जीवन का उत्तराधिकारी बनने के लिए मुझे क्या करना चाहिए?”
तब वह ढेला फेंकने की दूरी तक उन से अलग हो गये और घुटने टेक कर उन्होंने यह कहते हुए प्रार्थना की,
तब वह घुटने टेक कर ऊंचे स्वर से बोला, “प्रभु! यह पाप इन पर मत लगाना!” और यह कह कर उसने प्राण त्याग दिये।
मैं उस पिता के सामने, जो स्वर्ग में और पृथ्वी पर प्रत्येक परिवार का मूल आधार है, घुटने टेक कर यह प्रार्थना करता हूँ