मूसा ने मेघ के भीतर प्रवेश किया, और वह पहाड़ पर चढ़े। वह चालीस दिन और चालीस रात पहाड़ पर रहे।
मरकुस 1:13 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वह चालीस दिन निर्जन प्रदेश में रहे और शैतान ने उनकी परीक्षा ली। वह वन-पशुओं के साथ रहते थे और स्वर्गदूत उनकी सेवा-परिचर्या करते थे। पवित्र बाइबल जहाँ चालीस दिन तक शैतान उसकी परीक्षा लेता रहा। वह जंगली जानवरों के साथ रहा और स्वर्गदूत ने उसकी सेवा करते रहे। Hindi Holy Bible और जंगल में चालीस दिन तक शैतान ने उस की परीक्षा की; और वह वन पशुओं के साथ रहा; और स्वर्गदूत उस की सेवा करते रहे॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जंगल में चालीस दिन तक शैतान ने उसकी परीक्षा की; और वह वन पशुओं के साथ रहा, और स्वर्गदूत उसकी सेवा करते रहे। नवीन हिंदी बाइबल जंगल में शैतान के द्वारा चालीस दिन तक उसकी परीक्षा होती रही। वह वन-पशुओं के साथ रहा और स्वर्गदूत उसकी सेवा करते थे। सरल हिन्दी बाइबल बंजर भूमि में वह चालीस दिन शैतान के द्वारा परखे जाते रहे. वह वहां जंगली पशुओं के साथ रहे और स्वर्गदूतों ने उनकी सेवा की. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और जंगल में चालीस दिन तक शैतान ने उसकी परीक्षा की; और वह वन-पशुओं के साथ रहा; और स्वर्गदूत उसकी सेवा करते रहे। |
मूसा ने मेघ के भीतर प्रवेश किया, और वह पहाड़ पर चढ़े। वह चालीस दिन और चालीस रात पहाड़ पर रहे।
मूसा वहाँ प्रभु के साथ चालीस दिन और चालीस रात रहे। न तो उन्होंने रोटी खाई और न पानी पिया। उन्होंने विधान की बातें, अर्थात् दस आज्ञाएँ पट्टियों पर लिख लीं।
क्या तुम यह समझते हो कि मैं अपने पिता से सहायता नहीं माँग सकता? क्या वह इसी क्षण मेरे लिए स्वर्गदूतों की बारह से भी अधिक सेनाएँ नहीं भेज देगा?
येशु पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हो कर यर्दन नदी के तट से लौटे, तो आत्मा उन्हें निर्जन प्रदेश में ले गया
प्रभु ने चालीस दिन और चालीस रात के अन्त में पत्थर की दो पट्टियाँ, विधान की पट्टियाँ मुझे दीं।
मैं पहले के समान चालीस दिन और चालीस रात प्रभु के सम्मुख पड़ा रहा। मैंने न रोटी खाई, और न पानी पिया, क्योंकि जो कार्य प्रभु की दृष्टि में बुरा था, उसको करके तुमने पाप किया था और इस प्रकार तुमने प्रभु को चिढ़ाया था।
‘अत: मैं प्रभु के सम्मुख चालीस दिन और चालीस रात पड़ा रहा, क्योंकि प्रभु ने कहा था कि वह तुम्हें नष्ट कर देगा।
धर्म का यह रहस्य निस्सन्देह महान् है : मसीह मनुष्य के रूप में प्रकट हुए, पवित्र आत्मा के द्वारा सत्य प्रमाणित हुए, और स्वर्गदूतों को दिखाई दिये। अन्यजातियों में उनका प्रचार हुआ, संसार भर में उन पर विश्वास किया गया और वह महिमा में ऊपर उठा लिये गये।
हमारे महापुरोहित हमारी दुर्बलताओं में हम से सहानुभूति रख सकते हैं, क्योंकि पाप को छोड़ कर सभी बातों में हमारी ही तरह उनकी परीक्षा ली गयी है।