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मत्ती 5:34 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

परन्‍तु मैं तुम से कहता हूँ : शपथ कभी नहीं खाना − न स्‍वर्ग की, क्‍योंकि वह परमेश्‍वर का सिंहासन है;

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पवित्र बाइबल

किन्तु मैं तुझसे कहता हूँ कि शपथ ले ही मत। स्वर्ग की शपथ मत ले क्योंकि वह परमेश्वर का सिंहासन है।

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Hindi Holy Bible

परन्तु मैं तुम से यह कहता हूं, कि कभी शपथ न खाना; न तो स्वर्ग की, क्योंकि वह परमेश्वर का सिंहासन है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

परन्तु मैं तुम से यह कहता हूँ कि कभी शपथ न खाना; न तो स्वर्ग की, क्योंकि वह परमेश्‍वर का सिंहासन है;

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नवीन हिंदी बाइबल

परंतु मैं तुमसे कहता हूँ कि कभी शपथ न खाना; न तो स्वर्ग की, क्योंकि वह परमेश्‍वर का सिंहासन है;

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सरल हिन्दी बाइबल

किंतु मेरा तुमसे कहना है कि शपथ ही न लो; न तो स्वर्ग की, क्योंकि वह परमेश्वर का सिंहासन है,

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

परन्तु मैं तुम से यह कहता हूँ, कि कभी शपथ न खाना; न तो स्वर्ग की, क्योंकि वह परमेश्वर का सिंहासन है। (यशा. 66:1)

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मत्ती 5:34
8 क्रॉस रेफरेंस  

प्रभु अपने पवित्र मंदिर में है, प्रभु का सिंहासन स्‍वर्ग में है। उसकी आंखें मानव-संतान को निहारती हैं, उसकी पलकें उनको जांचती हैं।


सब की नियति एक ही है: धार्मिक और अधार्मिक, भला और बुरा, शुद्ध और अशुद्ध, बलि चढ़ानेवाला− बलि न चढ़ानेवाला। जो नियति अच्‍छे मनुष्‍य की है वही पापी मनुष्‍य की है। जो अपनी शपथ को पूरा करता है, उसकी नियति वही है, जो अपनी शपथ का उल्‍लंघन करता है।


सर्वोच्‍च और महान परमेश्‍वर, जिसका नाम पवित्र है, जो अनन्‍तकाल तक जीवित है, यह कहता है : ‘मैं उच्‍च और पवित्र स्‍थान में निवास करता हूं, पर मैं उसके साथ भी विद्यमान रहता हूं जिसकी आत्‍मा विदीर्ण और विनम्र है। मैं उस विनम्र व्यक्‍ति की आत्‍मा को संजीव करता हूं, और उसके विदीर्ण हृदय को पुनर्जीवित।


प्रभु यों कहता है : ‘आकाश मेरा सिंहासन है और पृथ्‍वी मेरे चरणों की चौकी है! तब तुम मेरे लिए कैसा घर बनाओगे? वह स्‍थान कहाँ है, जहाँ मैं विश्राम कर सकता हूं?’


‘आकाश मेरा सिंहासन है और पृथ्‍वी मेरे चरणों की चौकी। प्रभु कहता है- तुम मेरे लिए कैसा मन्‍दिर बनाओगे? मेरा विश्राम-स्‍थल कहाँ होगा?


मेरे भाइयो और बहिनो! सब से बड़ी बात यह है कि आप शपथ नहीं खायें − न तो स्‍वर्ग की, न पृथ्‍वी की और न किसी अन्‍य वस्‍तु की। आपकी बात इतनी हो : हाँ की हाँ, नहीं की नहीं। कहीं ऐसा न हो कि आप दण्‍ड के योग्‍य हो जायें।