इन घटनाओं के पश्चात् अब्राम ने एक दर्शन देखा। उन्हें प्रभु का यह संदेश मिला, ‘अब्राम, मत डर, मैं तेरी ढाल हूं। तुझे बड़ा पुरस्कार प्राप्त होगा।’
मत्ती 5:12 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) खुश हो और आनन्द मनाओ; क्योंकि स्वर्ग में तुम्हें महान पुरस्कार प्राप्त होगा। तुम्हारे पहले के नबियों पर भी उन्होंने इसी तरह अत्याचार किया था। पवित्र बाइबल तब तुम प्रसन्न रहना, आनन्द से रहना, क्योंकि स्वर्ग में तुम्हें इसका प्रतिफल मिलेगा। यह वैसा ही है जैसे तुमसे पहले के भविष्यवक्ताओं को लोगों ने सताया था। Hindi Holy Bible आनन्दित और मगन होना क्योंकि तुम्हारे लिये स्वर्ग में बड़ा फल है इसलिये कि उन्होंने उन भविष्यद्वक्ताओं को जो तुम से पहिले थे इसी रीति से सताया था॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब आनन्दित और मगन होना, क्योंकि तुम्हारे लिये स्वर्ग में बड़ा फल है। इसलिये कि उन्होंने उन भविष्यद्वक्ताओं को जो तुम से पहले थे इसी रीति से सताया था। नवीन हिंदी बाइबल आनंदित और मगन होना, क्योंकि स्वर्ग में तुम्हारा प्रतिफल बड़ा है; इसलिए कि उन्होंने उन भविष्यवक्ताओं को भी जो तुमसे पहले हुए, इसी प्रकार सताया था। सरल हिन्दी बाइबल हर्षोल्लास में आनंद मनाओ क्योंकि तुम्हारा प्रतिफल स्वर्ग में है. उन्होंने उन भविष्यद्वक्ताओं को भी इसी रीति से सताया था, जो तुमसे पहले आए हैं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 आनन्दित और मगन होना क्योंकि तुम्हारे लिये स्वर्ग में बड़ा प्रतिफल है। इसलिए कि उन्होंने उन भविष्यद्वक्ताओं को जो तुम से पहले थे इसी रीति से सताया था। |
इन घटनाओं के पश्चात् अब्राम ने एक दर्शन देखा। उन्हें प्रभु का यह संदेश मिला, ‘अब्राम, मत डर, मैं तेरी ढाल हूं। तुझे बड़ा पुरस्कार प्राप्त होगा।’
स्वामी, क्या किसी ने आपको यह बात नहीं बताई? जब रानी ईजेबेल प्रभु के नबियों की हत्या कर रही थी, तब मैंने प्रभु के सौ नबियों को बचाया था। मैंने उन्हें गुफाओं में बारी-बारी से पचास-पचास की संख्या में छिपाकर रखा था। मैंने उनके लिए भोजन और जल की व्यवस्था की थी।
एक बार रानी ईजेबेल प्रभु के नबियों का वध कर रही थी। तब ओबद्याह सौ नबियों को लेकर भाग गया था। उसने गुफाओं में बारी-बारी से पचास-पचास नबियों को छिपाकर रखा और वहाँ नबियों के लिए भोजन और जल की व्यवस्था की।
अत: ईजेबेल ने एलियाह के पास एक दूत के हाथ से सन्देश भेजा, ‘जैसे तूने मेरे नबियों के प्राण लिए, वैसे ही यदि मैं कल इस समय तक तेरा प्राण न लूं, तो देवता मेरे साथ कठोरतम व्यवहार करें।’
अहाब ने एलियाह से कहा, ‘ओ मेरे शत्रु! तू मुझसे फिर मिलने आ गया?’ एलियाह ने उत्तर दिया, ‘मैं आपसे इसलिए मिलने आया हूं, क्योंकि आपने प्रभु की दृष्टि में दुष्कर्म किया है, और अपनी आत्मा को बेच दिया है।
इस्राएल प्रदेश के राजा ने यहोशाफट को बताया, ‘यहां एक आदमी है। उससे हम प्रभु का वचन प्राप्त कर सकते हैं। उसका नाम मीकायाह बेन-यिम्लाह है। पर मैं उससे घृणा करता हूँ; क्योंकि वह मेरे विषय में कभी शुभ नबूवत नहीं करता, वरन् सदा अशुभ ही कहता है।’ यहोशाफट ने कहा, ‘महाराज, ऐसा मत बोलिए।’
राजा ने एलियाह के पास पचास सैनिकों तथा उनके सेना-नायक को भेजा। सेना-नायक गया। उस समय एलियाह पहाड़ की चोटी पर बैठे हुए थे। सेना-नायक ने एलियाह को पुकारा, ‘ओ परमेश्वर के जन! महाराज ने यह कहा है: “नीचे उतरो!” ’
यह सुनकर राजा आसा द्रष्टा से बहुत नाराज हुआ। उसने द्रष्टा को काठ की बेड़ी से जकड़ दिया और कारागार में डाल दिया। वह द्रष्टा की बात सुनकर उसके प्रति क्रोधाग्नि से धधक उठा था। उन्हीं दिनों में राजा आसा ने जनता के कुछ लोगों से निर्दय व्यवहार भी किया।
किन्तु वे परमेश्वर के सन्देश-वाहकों का मजाक उड़ाते रहे। उन्होंने परमेश्वर के सन्देश को तुच्छ समझा; उसके नबियों की हंसी की। तब अन्त में प्रभु की क्रोधाग्नि अपने निज लोगों पर भड़क उठी; और उसको बुझाने का किसी में सामर्थ्य न था: कोई इलाज न रह गया।
‘फिर भी उन्होंने तेरे धर्म-नियमों का उल्लंघन किया; और उन्होंने तेरे प्रति विद्रोह किया। उन्होंने तेरी व्यवस्था को कूड़े में डाल दिया, और उन नबियों को मार डाला जो उन्हें सावधान करते थे, और तेरे पास लौटने का सन्देश देते थे। यों उन्होंने तेरी घोर निन्दा की।
मनुष्य यह कहेंगे, “निश्चय, धार्मिकों के लिए पुरस्कार है, निस्सन्देह, परमेश्वर है, जो पृथ्वी पर न्याय करता है।”
दुर्जन की कमाई मिथ्या है; पर धार्मिकता का बीज बोनेवाला मनुष्य निश्चय ही सच्चा फल प्राप्त करता है।
धार्मिक व्यक्तियों से यह कहो, ‘चिन्ता मत करो, तुम्हारा भला होगा, तुम अपने परिश्रम का फल खाओगे।’
‘मैंने व्यर्थ ही तुम्हारे बच्चों को मारा, वे मेरी ताड़ना से सुधरे नहीं; तुमने अपनी तलवार से अपने नबियों को चीर-फाड़ डाला, जैसे गरजता हुआ सिंह अपने शिकार को फाड़ता है!
जब यिर्मयाह प्रभु का यह वचन सब लोगों को सुना चुके जिसका आदेश प्रभु ने उनको दिया था, तब पुरोहितों और नबियों ने तथा मन्दिर में उपस्थित लोगों ने उनको पकड़ लिया, और कहा, ‘तुम जीवित नहीं रह सकते।
यिर्मयाह बोले, ‘यह झूठ है। मैं कसदी सेना के पास नहीं जा रहा हूं।’ यिरियाह ने उनकी बात नहीं सुनी, और उनको पकड़ कर उच्चाधिकारियों के पास ले गया।
क्योंकि मानव-पुत्र अपने स्वर्गदूतों के साथ अपने पिता की महिमा में आएगा और वह प्रत्येक मनुष्य को उसके कर्मों के अनुसार फल देगा।
“जब तुम उपवास करते हो तब ढोंगियों की तरह मुँह उदास बनाकर उपवास नहीं करो। वे अपना मुँह मलिन बना लेते हैं, जिस से लोग यह समझें कि वे उपवास कर रहे हैं। मैं तुम लोगों से सच कहता हूँ, वे अपना पुरस्कार पा चुके हैं।
“ओ यरूशलेम! यरूशलेम नगरी! तू नबियों की हत्या करती और अपने पास भेजे हुए संदेश-वाहकों को पत्थरों से मार डालती है। मैंने कितनी बार चाहा कि तेरी सन्तान को एकत्र कर लूँ, जैसे मुर्गी अपने बच्चों को अपने पंखों के नीचे एकत्र कर लेती है, परन्तु तूने मुझे यह करने नहीं दिया।
उस दिन उल्लसित हो और आनन्द मनाओ, क्योंकि स्वर्ग में तुम्हें महान् पुरस्कार प्राप्त होगा। उनके पूर्वज नबियों के साथ ऐसा ही किया करते थे।
परन्तु तुम अपने शत्रुओं से प्रेम करो, उनकी भलाई करो और वापस पाने की आशा न रख कर उधार दो। तभी तुम्हारा पुरस्कार महान् होगा और तुम सर्वोच्च परमेश्वर की संतान बन जाओगे, क्योंकि वह भी कृतघ्नों और दुष्टों पर कृपा करता है।
आधी रात के समय जब पौलुस तथा सीलास प्रार्थना कर रहे थे और परमेश्वर की स्तुति गा रहे थे और कैदी उन्हें सुन रहे थे
प्रेरित इसलिए आनन्दित हो कर धर्म-महासभा के भवन से निकले कि उन्हें येशु के नाम के लिए अपमानित होने का गौरव मिला।
इतना ही नहीं, हम दु:ख-तकलीफ पर भी गौरव करें, क्योंकि हम जानते हैं कि दु:ख-तकलीफ से धैर्य,
रोपने वाला और सींचने वाला एक ही काम करते हैं और प्रत्येक अपने-अपने परिश्रम के अनुरूप अपनी मज़दूरी पायेगा।
क्योंकि हमारा क्षण-भर का हलका-सा कष्ट हमें हमेशा के लिए भारी मात्रा में अपार महिमा दिलाता है।
आप लोगों को न केवल मसीह में विश्वास करने का, बल्कि उनके कारण दु:ख भोगने का भी वरदान मिला है।
यदि मुझे आपके विश्वास-रूपी यज्ञ और जन-सेवा में अपने प्राण की आहुति भी देनी पड़ेगी, तो मैं आनन्दित होऊंगा और आप सब के साथ आनन्द मनाऊंगा।
इस समय मैं आप लोगों के लिए जो दु:ख उठाता हूँ, उसके कारण प्रसन्न हूँ। मैं मसीह के कष्टों का शेष भाग अपने शरीर में उनकी देह, अर्थात् कलीसिया के लिए परिपूरित करता हूँ।
क्योंकि आप जानते हैं कि प्रभु पुरस्कार के रूप में आप को विरासत प्रदान करेगा। आप स्वामी अर्थात् मसीह के दास हैं।
उन यहूदियों ने प्रभु येशु तथा नबियों का वध किया और हम पर घोर अत्याचार किया। वे परमेश्वर को अप्रसन्न करते हैं और सब मनुष्यों के विरोधी हैं,
आपने बन्दियों से सहानुभूति रखी और जब आप लोगों की धन-सम्पत्ति जब्त की गयी, तो आप ने यह सहर्ष स्वीकार किया; क्योंकि आप जानते थे कि इससे कहीं अधिक उत्तम और चिरस्थायी सम्पत्ति आपके पास विद्यमान है।
उन्होंने मिस्र की धन-सम्पत्ति की अपेक्षा मसीह का अपयश अधिक मूल्यवान् समझा, क्योंकि उनकी दृष्टि भविष्य में प्राप्त होने वाले पुरस्कार पर लगी हुई थी।
उन्होंने अपने विश्वास द्वारा राज्यों को अपने अधीन कर लिया, न्याय का पालन किया, प्रतिज्ञाओं का फल पाया, सिंहों का मुँह बन्द किया
और विश्वास के बिना परमेश्वर को प्रसन्न करना, असंभव है। अत: जो परमेश्वर के निकट पहुँचना चाहता है, उसे विश्वास करना आवश्यक है कि परमेश्वर है और वह उन लोगों को प्रतिफल देता है, जो उसकी खोज में लगे रहते हैं।
मेरे भाइयो और बहिनो! जब आप पर अनेक प्रकार की विपत्तियाँ आएं, तब इसे बड़े आनन्द की बात समझिए।
भाइयो और बहिनो! जो नबी प्रभु के नाम पर बोले हैं, उन्हें सहिष्णुता तथा धैर्य का अपना आदर्श समझ लीजिए।
यदि आप लोगों पर अत्याचार किया जाये, तो मसीह के दु:खभोग के सहभागी बन जाने के नाते आप प्रसन्न हो जायें। जिस दिन मसीह की महिमा प्रकट होगी, आप लोग अत्यधिक आनन्दित हो उठेंगे।
प्रभु तुम्हारे कार्य का पुरस्कार तुम्हें दे। इस्राएलियों का प्रभु परमेश्वर, जिसकी छत्रछाया में तुम आई हो, तुम्हें पूर्ण प्रतिफल दे।’