रूबेन अपने भाइयों के पास लौटा। वह उनसे बोला, ‘लड़का गड्ढे में नहीं है। अब मैं कहां जाऊं?’
मत्ती 2:18 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) “रामाह में रुदन और दारुण विलाप सुनाई दिया। राहेल अपने बच्चों के लिए रो रही है, और अपने आँसू किसी को पोंछने नहीं देती, क्योंकि वे अब नहीं रहे।” पवित्र बाइबल “रामाह में दुःख भरा एक शब्द सुना गया, शब्द रोने का, गहरे विलाप का था। राहेल अपने शिशुओं के लिए रोती थी चाहती नहीं थी कोई उसे धीरज बँधाए, क्योंकि उसके तो सभी बालक मर चुके थे।” Hindi Holy Bible कि रामाह में एक करूण-नाद सुनाई दिया, रोना और बड़ा विलाप, राहेल अपने बालकों के लिये रो रही थी, और शान्त होना न चाहती थी, क्योंकि वे हैं नहीं॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “रामाह में एक करुण–नाद सुनाई दिया, रोना और बड़ा विलाप; राहेल अपने बालकों के लिए रो रही थी, और शांत होना न चाहती थी, क्योंकि वे अब नहीं रहे।” नवीन हिंदी बाइबल रामाह में रोने और बड़े विलाप की आवाज़ सुनाई दी, राहेल अपने बच्चों के लिए रो रही है और सांत्वना नहीं चाहती, क्योंकि अब वे नहीं रहे। सरल हिन्दी बाइबल “रमाह नगर में एक शब्द सुना गया, रोना तथा घोर विलाप! राहेल अपने बालकों के लिए रो रही है. धीरज उसे स्वीकार नहीं क्योंकि अब वे हैं ही नहीं.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “रामाह में एक करुण-नाद सुनाई दिया, रोना और बड़ा विलाप, राहेल अपने बालकों के लिये रो रही थी; और शान्त होना न चाहती थी, क्योंकि वे अब नहीं रहे।” (यिर्म. 31:15) |
रूबेन अपने भाइयों के पास लौटा। वह उनसे बोला, ‘लड़का गड्ढे में नहीं है। अब मैं कहां जाऊं?’
उनके पिता याकूब ने उनसे कहा, ‘तुम लोगों ने मुझे सन्तानहीन कर दिया। यूसुफ नहीं रहा। शिमोन भी नहीं रहा। अब तुम बिन्यामिन को ले जाओगे। ये सब विपत्तियाँ मुझ पर ही आ पड़ी हैं।’
परन्तु मनुष्य जब मर जाता है, वह निष्क्रिय पड़ा रहता है। अपनी अन्तिम साँस लेने के बाद मनुष्य कहाँ रहता है?
प्रभु यों कहता है : ‘रामा नगर में शोक-स्वर सुनाई दे रहा है : छाती पीट-पीट कर रोने का स्वर : राहेल अपने बच्चों के लिए बिलख-बिलख कर रो रही है। उसके बच्चे नहीं रहे, इसलिए वह शान्त होना नहीं चाह रही है।’
मैंने प्रसव-पीड़ा से कराहती हुई स्त्री की चीख सुनी। मुझे ऐसा लगा मानो यह कराह उस स्त्री की है, जो पहली बार बच्चे को जन्म दे रही है। यह चीख पुत्री सियोन की थी; वह हांफ रही थी, और हाथ फैलाए हुए कह रही थी, ‘मुझे बचाओ! मैं हत्यारों के हाथ में पड़ गई हूं; मैं बेहोश हो रही हूं।’
उसने पुस्तक मेरे सामने खोल दी। उसके दोनों पृष्ठों पर लिखा हुआ था। मैंने पढ़ा, उस पर विलाप और शोक-गीत लिखे हुए थे। उस पर धिक्कार के शब्द लिखे हुए थे।
सब रो रहे थे और उसके लिए विलाप कर रहे थे। येशु ने कहा, “मत रोओ! वह मरी नहीं, बल्कि सो रही है।”
मैंने पुन: देखा और मध्य आकाश में उड़ने वाले एक गरुड़ को ऊंचे स्वर में यह कहते सुना, “धिक्कार! धिक्कार! धिक्कार पृथ्वी के निवासियों को उन तुरहियों के निनाद के कारण, जिन्हें शेष तीन स्वर्गदूत बजाने वाले हैं!”