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मत्ती 2:18 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

18 “रामाह में एक करुण-नाद सुनाई दिया, रोना और बड़ा विलाप, राहेल अपने बालकों के लिये रो रही थी; और शान्त होना न चाहती थी, क्योंकि वे अब नहीं रहे।” (यिर्म. 31:15)

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पवित्र बाइबल

18 “रामाह में दुःख भरा एक शब्द सुना गया, शब्द रोने का, गहरे विलाप का था। राहेल अपने शिशुओं के लिए रोती थी चाहती नहीं थी कोई उसे धीरज बँधाए, क्योंकि उसके तो सभी बालक मर चुके थे।”

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Hindi Holy Bible

18 कि रामाह में एक करूण-नाद सुनाई दिया, रोना और बड़ा विलाप, राहेल अपने बालकों के लिये रो रही थी, और शान्त होना न चाहती थी, क्योंकि वे हैं नहीं॥

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

18 “रामाह में रुदन और दारुण विलाप सुनाई दिया। राहेल अपने बच्‍चों के लिए रो रही है, और अपने आँसू किसी को पोंछने नहीं देती, क्‍योंकि वे अब नहीं रहे।”

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

18 “रामाह में एक करुण–नाद सुनाई दिया, रोना और बड़ा विलाप; राहेल अपने बालकों के लिए रो रही थी, और शांत होना न चाहती थी, क्योंकि वे अब नहीं रहे।”

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नवीन हिंदी बाइबल

18 रामाह में रोने और बड़े विलाप की आवाज़ सुनाई दी, राहेल अपने बच्‍चों के लिए रो रही है और सांत्वना नहीं चाहती, क्योंकि अब वे नहीं रहे।

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मत्ती 2:18
12 क्रॉस रेफरेंस  

और अपने भाइयों के पास लौटकर कहने लगा, “लड़का तो नहीं है; अब मैं किधर जाऊँ?”


तब उनके पिता याकूब ने उनसे कहा, “मुझ को तुम ने निर्वंश कर दिया, देखो, यूसुफ नहीं रहा, और शिमोन भी नहीं आया, और अब तुम बिन्यामीन को भी ले जाना चाहते हो। ये सब विपत्तियाँ मेरे ऊपर आ पड़ी हैं।”


परन्तु मनुष्य मर जाता, और पड़ा रहता है; जब उसका प्राण छूट गया, तब वह कहाँ रहा?


यहोवा यह भी कहता है: “सुन, रामाह नगर में विलाप और बिलक-बिलककर रोने का शब्द सुनने में आता है। राहेल अपने बालकों के लिये रो रही है; और अपने बालकों के कारण शान्त नहीं होती, क्योंकि वे नहीं रहे।” (मत्ती 2:18)


क्योंकि मैंने जच्चा का शब्द, पहलौठा जनती हुई स्त्री की सी चिल्लाहट सुनी है, यह सिय्योन की बेटी का शब्द है, जो हाँफती और हाथ फैलाए हुए यह कहती है, “हाय मुझ पर, मैं हत्यारों के हाथ पड़कर मूर्छित हो चली हूँ।”


उसको उसने मेरे सामने खोलकर फैलाया, और वह दोनों ओर लिखी हुई थी; और जो उसमें लिखा था, वे विलाप और शोक और दुःख भरे वचन थे। (प्रका. 5:1)


तब जो वचन यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता के द्वारा कहा गया था, वह पूरा हुआ


और सब उसके लिये रो पीट रहे थे, परन्तु उसने कहा, “रोओ मत; वह मरी नहीं परन्तु सो रही है।”


जब मैंने फिर देखा, तो आकाश के बीच में एक उकाब को उड़ते और ऊँचे शब्द से यह कहते सुना, “उन तीन स्वर्गदूतों की तुरही के शब्दों के कारण जिनका फूँकना अभी बाकी है, पृथ्वी के रहनेवालों पर हाय, हाय, हाय!”


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