वह अय्यूब के तीनों मित्रों से भी नाराज हुआ; क्योंकि उन्होंने अय्यूब को दोषी तो घोषित किया, पर अपने पक्ष में अय्यूब को उत्तर न दे सके।
मत्ती 12:7 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ‘मैं बलिदान नहीं, बल्कि दया चाहता हूँ’ − यदि तुम लोगों ने इस कथन का अर्थ समझ लिया होता, तो निर्दोष को दोषी नहीं ठहराते; पवित्र बाइबल यदि तुम शास्त्रों में जो लिखा है, उसे जानते कि, ‘मैं लोगों में दया चाहता हूँ, पशु बलि नहीं’ तो तुम उन्हें दोषी नहीं ठहराते, जो निर्दोष हैं। Hindi Holy Bible यदि तुम इस का अर्थ जानते कि मैं दया से प्रसन्न हूं, बलिदान से नहीं, तो तुम निर्दोष को दोषी न ठहराते। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) यदि तुम इसका अर्थ जानते, ‘मैं दया से प्रसन्न होता हूँ, बलिदान से नहीं,’ तो तुम निर्दोष को दोषी न ठहराते। नवीन हिंदी बाइबल यदि तुमने इसका अर्थ जाना होता, ‘मैं बलिदान नहीं परंतु दया चाहता हूँ,’तो तुम निर्दोषों पर दोष न लगाते। सरल हिन्दी बाइबल वस्तुतः तुमने यदि इस बात का अर्थ समझा होता: ‘मैं बलि की नहीं परंतु दया की कामना करता हूं,’ तो तुमने इन निर्दोषों पर आरोप न लगाया होता. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 यदि तुम इसका अर्थ जानते कि मैं दया से प्रसन्न होता हूँ, बलिदान से नहीं, तो तुम निर्दोष को दोषी न ठहराते। (होशे 6:6) |
वह अय्यूब के तीनों मित्रों से भी नाराज हुआ; क्योंकि उन्होंने अय्यूब को दोषी तो घोषित किया, पर अपने पक्ष में अय्यूब को उत्तर न दे सके।
प्रभु दरिद्र के दाहिने हाथ पर खड़ा रहता है, ताकि वह उसको मृत्यु-दण्ड देने वालों के हाथ से बचाए।
जो मनुष्य दुर्जनों का पक्ष लेता और सज्जनों को दोषी बताता है, उसके दोनों कार्य प्रभु की दृष्टि में घृणित हैं।
मुझे करुणा चाहिए, पशु-बलि नहीं। मैं अग्नि-बलि से प्रसन्न नहीं होता, वरन् इस बात से प्रसन्न होता हूं कि तुम मुझ-परमेश्वर का ज्ञान प्राप्त करो।
येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “ तुम लोग न तो धर्मग्रन्थ जानते हो और न परमेश्वर का सामर्थ्य, इसलिए भ्रम में पड़े हुए हो।
जा कर सीखो कि इस कथन का क्या अर्थ है : ‘मैं बलिदान नहीं, बल्कि दया चाहता हूँ।’ मैं धार्मिकों को नहीं, पापियों को बुलाने आया हूँ।”
उसे अपने सम्पूर्ण हृदय, सम्पूर्ण ज्ञान और सम्पूर्ण शक्ति से प्रेम करना और अपने पड़ोसी को अपने समान प्रेम करना, यह हर प्रकार की अग्नि-बलि और पशु-बलि चढ़ाने से अधिक महत्वपूर्ण है।”
यरूशलेम के निवासियों तथा उनके शासकों ने येशु को नहीं पहचाना। उन्हें दण्डाज्ञा दिला कर उन्होंने अनजाने ही नबियों के वे कथन पूरे कर दिये, जो प्रत्येक विश्राम-दिवस को पढ़ कर सुनाये जाते हैं।
यद्यपि मिस्र देश से बाहर निकलनेवाले सब पुरुषों का खतना हो चुका था, तथापि मिस्र देश से बाहर निकलने के बाद मार्ग में निर्जन प्रदेश में उत्पन्न होनेवाले बालकों का खतना नहीं हुआ था।
किन्तु शमूएल ने यह कहा : ‘जैसे प्रभु अपनी आज्ञा का पालन किये जाने पर प्रसन्न होता है, क्या वैसे वह अग्नि-बलि और पशुओं की बलि से प्रसन्न होता है? देख, प्रभु की आज्ञा मानना पशु की बलि चढ़ाने से श्रेष्ठ है! उसकी बात पर ध्यान देना मेढ़े की चर्बी चढ़ाने से उत्तम है।