तुम और तुम्हारा परिवार उसको सब स्थानों में खा सकते हैं; क्योंकि यह मिलन-शिविर में किए गए तुम्हारे सेवा-कार्यों का पुरस्कार है।
मत्ती 10:10 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) रास्ते के लिए न झोली, न दो कुरते, न जूते, और न लाठी लो; क्योंकि मजदूर को उसका भोजन मिलना चाहिए। पवित्र बाइबल यात्रा के लिए कोई झोला तक मत लो। कोई फालतू कुर्ता, चप्पल और छड़ी मत रखो क्योंकि मज़दूर का उसके खाने पर अधिकार है। Hindi Holy Bible मार्ग के लिये न झोली रखो, न दो कुरते, न जूते और न लाठी लो, क्योंकि मजदूर को उसका भोजन मिलना चाहिए। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) मार्ग के लिये न झोली रखो, न दो कुरते, न जूते और न लाठी लो, क्योंकि मजदूर को उसका भोजन मिलना चाहिए। नवीन हिंदी बाइबल यात्रा के लिए न थैला, न दो कुरते, न जूते और न ही लाठी लेना; क्योंकि मज़दूर को उसका भोजन मिलना चाहिए। सरल हिन्दी बाइबल यात्रा के लिए न थैला, न वस्त्रों के दूसरे जोड़े, न जूते और न ही लाठी साथ ले जाना क्योंकि भरण-पोषण हर एक मज़दूर का अधिकार है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 मार्ग के लिये न झोली रखो, न दो कुर्ता, न जूते और न लाठी लो, क्योंकि मजदूर को उसका भोजन मिलना चाहिए। |
तुम और तुम्हारा परिवार उसको सब स्थानों में खा सकते हैं; क्योंकि यह मिलन-शिविर में किए गए तुम्हारे सेवा-कार्यों का पुरस्कार है।
“जिस किसी नगर या गाँव में प्रवेश करो, तो पता लगाओ कि वहाँ कौन सुपात्र है और विदा होने तक उसी के यहाँ ठहरो।
येशु ने आदेश दिया कि वे लाठी के अतिरिक्त मार्ग के लिए कुछ भी नहीं ले जाएँ−न रोटी, न झोली, न फेंटे में पैसा।
उन्होंने उत्तर दिया, “जिसके पास को कुरते हों, वह एक कुरता उसे दे दे, जिसके पास नहीं है और जिसके पास भोजन है, वह भी ऐसा ही करे”।
उन्होंने उन से कहा, “रास्ते के लिए कुछ भी न लो−न लाठी, न झोली, न रोटी, न रुपया। अपने पास दो-दो कुरते भी न रखो।
आते समय मेरा लबादा, जिसे मैंने त्रोआस बन्दरगाह में करपुस के यहाँ छोड़ दिया था, और मेरी पुस्तकें, विशेषकर मेरे चर्मपत्र लेते आना।
दाऊद ने अपनी लाठी अपने हाथ में ली। उसने नदी के तट से पांच चिकने पत्थर चुने, और उनको चरवाहे की थैली में, अपने झोले में रख लिया। उसके हाथ में उसका गोफन था। वह पलिश्ती योद्धा के समीप पहुंचा।
शाऊल ने अपने सेवक से कहा, ‘यदि हम जाएँगे तो उस मनुष्य के पास क्या ले चलेंगे? हमारी थैलियों में रोटियाँ समाप्त हो गई हैं। परमेश्वर के प्रियजन के पास ले जाने के लिए हमारे पास उपहार भी नहीं है। हमारे पास क्या है?’