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प्रेरितों के काम 8:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

श्रद्धालु लोगों ने स्‍तीफनुस को कबर में रखा और उसके लिए बहुत विलाप किया।

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Hindi Holy Bible

और भक्तों ने स्तिुफनुस को कब्र में रखा; और उसके लिये बड़ा विलाप किया।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

कुछ भक्‍तों ने स्तिफनुस को कब्र में रखा और उसके लिये बड़ा विलाप किया।

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नवीन हिंदी बाइबल

कुछ भक्‍तों ने स्तिफनुस को गाड़ा और उसके लिए बड़ा विलाप किया।

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सरल हिन्दी बाइबल

कुछ श्रद्धालु व्यक्तियों ने स्तेफ़ानॉस के शव की अंत्येष्टि की तथा उनके लिए गहरा शोक मनाया.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

और भक्तों ने स्तिफनुस को कब्र में रखा; और उसके लिये बड़ा विलाप किया।

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प्रेरितों के काम 8:2
19 क्रॉस रेफरेंस  

सारा की मृत्‍यु कनान देश के किर्यत-अरबा अर्थात् हेब्रोन नगर में हुई। अब्राहम सारा के लिए शोक मनाने और विलाप करने के लिए आए।


यूसुफ के साथ रथ और घुड़सवार भी गए। इस प्रकार शव-यात्रा में विशाल जनसमूह हो गया।


राजा दाऊद ने योआब और उसके साथ के सब सैनिकों को यह आदेश दिया, ‘मृत्‍यु-शोक प्रकट करने के लिए अपने वस्‍त्र फाड़ो, कमर में टाट के वस्‍त्र पहिनो, और अब्‍नेर के शव के सम्‍मुख शोक मनाओ।’ दाऊद अर्थी के पीछे-पीछे गया।


हिजकियाह अपने मृत पूर्वजों के साथ सो गया। उन्‍होंने उसको दाऊद के वंशजों के कब्रिस्‍तान के चढ़ाव पर गाड़ा। यहूदा प्रदेश तथा यरूशलेम के सब निवासियों ने उसकी मृत्‍यु पर उसके प्रति सम्‍मान प्रकट किया। उसके स्‍थान पर उसका पुत्र मनश्‍शे राज्‍य करने लगा।


नबी यिर्मयाह ने भी राजा योशियाह की स्‍मृति में एक शोक गीत रचा था। आज भी लोक गायक और गायिकाएं अपने शोकगीतों में योशियाह का उल्‍लेख करते हैं। योशियाह के सम्‍बन्‍ध में शोकगीत गाना वास्‍तव में एक प्रथा बन गया है। ये शोकगीत “विलाप गीत” की पुस्‍तक में लिखे हुए हैं।


‘ओ यहूदा प्रदेश के निवासियो, मृत राजा योशियाह के लिए मत रोओ, और न उसके लिए शोक मनाओ। किन्‍तु राजा शल्‍लूम के लिए छाती पीट कर रोओ, जो बन्‍दी होकर जा रहा है। वह फिर नहीं लौटेगा; वह फिर अपनी मातृ-भूमि को नहीं देखेगा।’


अत: प्रभु यहूदा प्रदेश के राजा योशियाह के पुत्र यहोयाकीम के विषय में यह कहता है: ‘लोग यह कहते हुए उसके लिए शोक नही मनाएंगे : “अरे मेरे भैया! अरी मेरी बहिन!” वे यह कहते हुए यहोयाकीम के लिए विलाप नहीं करेंगे: “आह स्‍वामी! हाय महाराज!”


जब मंडली ने देखा कि हारून का देहान्‍त हो गया तब समस्‍त इस्राएली परिवार ने उसके लिए तीस दिन तक शोक मनाया।


जब योहन के शिष्‍यों को इसका पता चला, तो वे आ कर उनका शव ले गये और उन्‍होंने उसे कबर में रख दिया।


उस समय यरूशलेम में शिमोन नामक एक धर्मी तथा भक्‍त मनुष्‍य रहता था। वह इस्राएल की सान्‍त्‍वना की प्रतीक्षा में था। पवित्र आत्‍मा उस पर था


वह, और उसका समस्‍त परिवार भी, धर्मपरायण तथा ईश्‍वर-भक्‍त था। वह जनता को बहुत दान दिया करता और हर समय परमेश्‍वर की प्रार्थना में लगा रहता था।


पृथ्‍वी के सब देशों से आये हुए भक्‍त यहूदी उस समय यरूशलेम में निवास कर रहे थे।


शाऊल इस हत्‍या का समर्थन करता था। उसी दिन यरूशलेम में कलीसिया पर घोर अत्‍याचार प्रारम्‍भ हुआ। प्रेरितों को छोड़ सब-के-सब विश्‍वासीजन यहूदा तथा सामरी प्रदेशों में बिखर गये।


शाऊल उस समय कलीसिया को सता रहा था। वह घर-घर में घुस जाता और स्‍त्री-पुरुषों को वहाँ से घसीट कर बन्‍दीगृह में डाल दिया करता था।


इस्राएली समाज ने मोआब के मैदान में मूसा के लिए तीस दिन तक शोक मनाया। उसके बाद उसके मृत्‍यु-शोक और विलाप के दिन समाप्‍त हुए।


शमूएल की मृत्‍यु हो चुकी थी। सब इस्राएलियों ने उसके लिए शोक मनाया था। उन्‍होंने उसको उसके ही नगर रामाह में गाड़ा था। शाऊल ने भूत-प्रेत बुलानेवालों और मृतक जगानेवालों को देश से निकाल दिया था।