प्रभु परमेश्वर ने मनुष्य से कहा, ‘तूने अपनी पत्नी की बात सुनी, और उस पेड़ का फल खाया जिसके विषय में मैंने आज्ञा दी थी कि “उसका फल न खाना।” अतएव तेरे कारण भूमि शापित हुई। उसकी फसल खाने के लिए तुझे जीवनभर कठोर परिश्रम करना पड़ेगा।
प्रेरितों के काम 5:29 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) इस पर पतरस और अन्य प्रेरितों ने यह उत्तर दिया, “हमें मनुष्यों की आज्ञा की अपेक्षा परमेश्वर की आज्ञा का पालन करना चाहिए। पवित्र बाइबल पतरस और दूसरे प्रेरितों ने उत्तर दिया, “हमें मनुष्यों की अपेक्षा परमेश्वर की बात माननी चाहिये। Hindi Holy Bible तब पतरस और, और प्रेरितों ने उत्तर दिया, कि मनुष्यों की आज्ञा से बढ़कर परमेश्वर की आज्ञा का पालन करना ही कर्तव्य कर्म है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब पतरस और अन्य प्रेरितों ने उत्तर दिया, “मनुष्यों की आज्ञा से बढ़कर परमेश्वर की आज्ञा का पालन करना ही हमारा कर्तव्य है। नवीन हिंदी बाइबल तब पतरस और प्रेरितों ने उत्तर दिया, “मनुष्यों की अपेक्षा परमेश्वर की आज्ञा मानना आवश्यक है। सरल हिन्दी बाइबल पेतरॉस तथा प्रेरितों ने इसका उत्तर दिया, “हम तो मनुष्यों की बजाय परमेश्वर के ही आज्ञाकारी रहेंगे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब पतरस और, अन्य प्रेरितों ने उत्तर दिया, “मनुष्यों की आज्ञा से बढ़कर परमेश्वर की आज्ञा का पालन करना ही हमारा कर्तव्य है। |
प्रभु परमेश्वर ने मनुष्य से कहा, ‘तूने अपनी पत्नी की बात सुनी, और उस पेड़ का फल खाया जिसके विषय में मैंने आज्ञा दी थी कि “उसका फल न खाना।” अतएव तेरे कारण भूमि शापित हुई। उसकी फसल खाने के लिए तुझे जीवनभर कठोर परिश्रम करना पड़ेगा।
किन्तु राजा ने योआब और सेना-नायकों को बाध्य किया कि वे उसके आदेश का पालन करें। अत: योआब और सेना-नायक इस्राएली पुरुषों की गणना करने के लिए राजा के दरबार से बाहर निकले।
परन्तु दाइयां परमेश्वर से डरती थीं। अत: उन्होंने मिस्र देश के राजा के आदेशानुसार नहीं किया। उन्होंने लड़कों को जीवित रहने दिया।
तब यिर्मयाह ने उच्चाधिकारियों और समस्त जनता से कहा, ‘प्रभु ने इस मन्दिर और इस नगर के विरुद्ध नबूवत करने के लिए मुझे भेजा है, और तुम-सब ने प्रभु के ये वचन सुने।
अध्यक्षों और क्षत्रपों ने सम्राट दारा के सम्मुख कहा, “महाराज, वह दानिएल, जो यहूदा प्रदेश के निष्कासितों में से एक हैं, आपकी उपेक्षा करते हैं। जिस निषेधाज्ञा-पत्र पर आपने हस्ताक्षर किया है, वह उस पर ध्यान नहीं देते। महाराज, वह अपने परमेश्वर से दिन में तीन बार विनती करते हैं।’
इस पर पतरस और योहन ने उन्हें यह उत्तर दिया, “आप लोग स्वयं निर्णय करें : क्या परमेश्वर की दृष्टि में यह उचित होगा कि हम परमेश्वर की नहीं, बल्कि आप लोगों की बात मानें?
शाऊल ने शमूएल से कहा, ‘मैंने पाप किया है। मैंने प्रभु की आज्ञा का, आपके वचन का, उल्लंघन किया। मैं सैनिकों से डर गया था। इसलिए मैंने उनकी बात सुनी।