उसने सब लोगों को, इस्राएली समाज के हर पुरुष और स्त्री को एक रोटी, खजूर और किशमिश की रोटी बांटी। तब सब लोग अपने-अपने घर चले गए।
प्रेरितों के काम 5:14 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) प्रभु में विश्वास करने वालों की संख्या बढ़ती गई : स्त्री-पुरुषों का एक विशाल समुदाय बन गया। पवित्र बाइबल उधर प्रभु पर विश्वास करने वाले स्त्री और पुरूष अधिक से अधिक बढ़ते जा रहे थे। Hindi Holy Bible और विश्वास करने वाले बहुतेरे पुरूष और स्त्रियां प्रभु की कलीसिया में और भी अधिक आकर मिलते रहे।) पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) विश्वास करनेवाले बहुत से पुरुष और स्त्रियाँ प्रभु की कलीसिया में बड़ी संख्या में मिलते रहे। नवीन हिंदी बाइबल और प्रभु पर विश्वास करनेवाले पुरुषों और स्त्रियों की संख्या बढ़ती जा रही थी।) सरल हिन्दी बाइबल फिर भी, अधिकाधिक संख्या में स्त्री-पुरुष प्रभु में विश्वास करते चले जा रहे थे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और विश्वास करनेवाले बहुत सारे पुरुष और स्त्रियाँ प्रभु की कलीसिया में और भी अधिक आकर मिलते रहे। |
उसने सब लोगों को, इस्राएली समाज के हर पुरुष और स्त्री को एक रोटी, खजूर और किशमिश की रोटी बांटी। तब सब लोग अपने-अपने घर चले गए।
जब एज्रा परमेश्वर के भवन के सामने रोता हुआ, मुंह के बल गिरकर प्रार्थना कर रहा था और अपनी जाति की ओर से पाप स्वीकार कर रहा था, तब उसके आस-पास इस्राएली पुरुषों, स्त्रियों और बच्चों की बड़ी भीड़ इकट्ठी हो गई। वे भी छाती पीट-पीट कर रोने लगे।
अत: पुरोहित एज्रा ने सातवें महीने के प्रथम दिन धर्म-सभा के सम्मुख व्यवस्था-ग्रन्थ प्रस्तुत किया। इस धर्म-सभा में स्त्री-पुरुष तथा वे सब लोग उपस्थित थे जो पाठ को सुनकर समझ सकते थे।
स्त्री और पुरुष आए। जिनके हृदय इच्छुक थे, वे जुगनू, बालियाँ, अंगूठियाँ और कंगन आदि सब प्रकार के सोने के आभूषण लाए। जो जो व्यक्ति प्रभु को भेंट चढ़ाना चाहता था, उसने सोना चढ़ाया।
लोग मेरे विषय में यह कहेंगे: ‘केवल प्रभु में ही धार्मिकता और सामर्थ्य है। जो उसके विरोधी हैं, वे सब उसके पास आएंगे, और लज्जित होंगे।
क्योंकि वह भले मनुष्य थे और पवित्र आत्मा तथा विश्वास से परिपूर्ण थे। इस प्रकार बहुत-से लोग प्रभु में सम्मिलित हो गये।
जिन्होंने पतरस की बातों को ग्रहण किया, उन्होंने बपतिस्मा लिया। उस दिन लगभग तीन हजार लोग शिष्यों में सम्मिलित हो गये।
वे परमेश्वर की स्तुति किया करते थे और सारी जनता उन्हें बहुत मानती थी। प्रभु प्रतिदिन उनके समुदाय में उन लोगों को मिला देता था, जो मुक्ति प्राप्त करते थे।
मैंने इस ‘मार्ग’ को नष्ट करने के लिए इसके अनुयायियों को बहुत सताया। मैंने इसके स्त्री-पुरुषों को बाँध-बाँध कर बन्दीगृह में डाल दिया था।
जिन्होंने प्रेरितों का प्रवचन सुना था, उन में बहुतों ने विश्वास किया। विश्वास करनेवाले पुरुषों की संख्या अब लगभग पाँच हजार तक पहुँच गयी।
परमेश्वर का वचन फैलता गया। यरूशलेम में शिष्यों की संख्या बहुत अधिक बढ़ गई; और बहुत-से पुरोहितों ने इस विश्वास को स्वीकार कर लिया।
किन्तु जब वे फ़िलिप की बातों पर विश्वास करने लगे, जो परमेश्वर के राज्य तथा येशु मसीह के नाम के शुभसमाचार का प्रचार करता था, तो स्त्री-पुरुष सब ने बपतिस्मा ग्रहण कर लिया।
शाऊल उस समय कलीसिया को सता रहा था। वह घर-घर में घुस जाता और स्त्री-पुरुषों को वहाँ से घसीट कर बन्दीगृह में डाल दिया करता था।
दमिश्क के सभागृहों के नाम पत्र माँगे, जिन में उसे यह अधिकार दिया गया कि यदि वह वहाँ इस पन्थ के अनुयायियों को पाये, तो वह उन्हें − चाहे वे पुरुष हों या स्त्रियाँ − बाँध कर यरूशलेम ले आये।
अब समस्त यहूदा, गलील तथा सामरी प्रदेशों में कलीसिया को शान्ति मिली और उसका निर्माण होता रहा। वह प्रभु के भय में आचरण करती हुई और पवित्र आत्मा की सान्त्वना प्राप्त कर वृद्धि करती गई।
अब न तो कोई यहूदी है और न यूनानी, न तो कोई दास है और न स्वतन्त्र, न तो कोई पुरुष है और न स्त्री-आप सब येशु मसीह में एक हो गये हैं।