अत: इस्राएल के राजा ने उस स्थान में सैनिक भेज दिए, जिसके विषय में परमेश्वर के जन एलीशा ने उसको बताया था। यों एलीशा राजा को सावधान करते थे। राजा ने अनेक बार वहां युद्ध में अपने प्राण बचाए।
प्रेरितों के काम 27:11 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) किन्तु शतपति ने पौलुस की बातों की अपेक्षा कप्तान और जलयान के मालिक की बात पर अधिक ध्यान दिया। पवित्र बाइबल किन्तु पौलुस ने जो कहा था, उस पर कान देने के बजाय उस सेनानायक ने जहाज़ के मालिक और कप्तान की बातों का अधिक विश्वास किया। Hindi Holy Bible परन्तु सूबेदार ने पौलुस की बातों से मांझी और जहाज के स्वामी की बढ़कर मानी। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) परन्तु सूबेदार ने पौलुस की बातों से कप्तान और जहाज के स्वामी की बातों को बढ़कर माना। नवीन हिंदी बाइबल परंतु शतपति ने कप्तान और जहाज़ के स्वामी की बातों को पौलुस की बातों से बढ़कर माना। सरल हिन्दी बाइबल किंतु शताधिपति ने पौलॉस की चेतावनी की अनसुनी कर जलयान चालक तथा जलयान स्वामी का सुझाव स्वीकार कर लिया. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 परन्तु सूबेदार ने कप्तान और जहाज के स्वामी की बातों को पौलुस की बातों से बढ़कर माना। |
अत: इस्राएल के राजा ने उस स्थान में सैनिक भेज दिए, जिसके विषय में परमेश्वर के जन एलीशा ने उसको बताया था। यों एलीशा राजा को सावधान करते थे। राजा ने अनेक बार वहां युद्ध में अपने प्राण बचाए।
चतुर मनुष्य खतरे को देखकर स्वयं को छिपा लेता है; पर भोला मनुष्य खतरे के मुंह में चला जाता है, और कष्ट भोगता है।
और चेतावनी के नरसिंगे की आवाज सुनने पर भी यदि कोई व्यक्ति सावधान नहीं होगा, और शत्रु का आक्रमण होने पर वह उसकी तलवार से मारा जाएगा, तो उसके खून का दोष उसके ही सिर पड़ेगा।
वे बहुत समय से कुछ भी नहीं खा रहे थे, इसलिए पौलुस ने उनके बीच खड़ा हो कर कहा, “सज्जनो! उचित तो यह था कि आप लोग मेरी बात पर ध्यान देते और क्रेते से प्रस्थान नहीं करते। तब आप को न तो यह संकट सहना पड़ता और न यह हानि उठानी पड़ती।
नूह अपने विश्वास के कारण अदृश्य घटनाओं से परमेश्वर के द्वारा सचेत किया गया। उसने इस चेतावनी का सम्मान किया और अपना परिवार बचाने के लिए जलयान का निर्माण किया। उसने अपने विश्वास द्वारा संसार को दोषी ठहराया और वह उस धार्मिकता का अधिकारी बना, जो विश्वास पर आधारित है।
जलयान का भी उदाहरण लीजिए। वह कितना ही बड़ा क्यों न हो और तेज हवा से भले ही बहाया जा रहा हो, तब भी वह कर्णधार की इच्छा के अनुसार एक छोटी-सी पतवार से चलाया जाता है।
यह सारा वैभव घड़ी-भर में ही उजाड़ हो गया।” जलयानों के कप्तान, जलयात्री, नाविक और समुद्र के व्यापारी, सब-के-सब दूर ही खड़े रहे