प्रेरितों के काम 20:21 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैं यहूदियों तथा यूनानियों, दोनों के सम्मुख स्पष्ट साक्षी देता रहा कि वे पश्चात्ताप कर परमेश्वर की ओर अभिमुख हो जाएं और हमारे प्रभु येशु में विश्वास करें। पवित्र बाइबल यहूदियों और यूनानियों को मैं समान भाव से मन फिराव के परमेश्वर की तरफ़ मुड़ने को कहता रहा हूँ और हमारे प्रभु यीशु में विश्वास के प्रति उन्हें सचेत करता रहा हूँ। Hindi Holy Bible वरन यहूदियों और यूनानियों के साम्हने गवाही देता रहा, कि परमेश्वर की ओर मन फिराना, और हमारे प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास करना चाहिए। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) वरन् यहूदियों और यूनानियों के सामने गवाही देता रहा कि परमेश्वर की ओर मन फिराना और हमारे प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास करना चाहिए। नवीन हिंदी बाइबल और यहूदियों और यूनानियों, दोनों को परमेश्वर के प्रति पश्चात्ताप और हमारे प्रभु यीशु पर विश्वास करने के विषय में दृढ़तापूर्वक साक्षी देता रहा। सरल हिन्दी बाइबल मैं यहूदियों और यूनानियों से पूरी सच्चाई में पश्चाताप के द्वारा परमेश्वर की ओर मन फिराने तथा हमारे प्रभु येशु मसीह में विश्वास की विनती करता रहा हूं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 वरन् यहूदियों और यूनानियों को चेतावनी देता रहा कि परमेश्वर की ओर मन फिराए, और हमारे प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास करे। |
उस समय से येशु प्रचार करने और यह संदेश सुनाने लगे, “हृदय-परिवर्तन करो, क्योंकि स्वर्ग का राज्य निकट आ गया है।”
“समय पूरा हो चुका है। परमेश्वर का राज्य निकट आ गया है। पश्चात्ताप करो और शुभ समाचार पर विश्वास करो।”
मैं तुम से कहता हूँ, ऐसा नहीं है; किन्तु यदि तुम पश्चात्ताप नहीं करोगे, तो तुम सब भी उसी तरह नष्ट हो जाओगे।
मैं तुम से कहता हूँ, ऐसा नहीं है। किन्तु यदि तुम पश्चात्ताप नहीं करोगे, तो तुम सब भी उसी तरह नष्ट हो जाओगे।”
मैं तुम से कहता हूँ, इसी प्रकार परमेश्वर के दूत उस पापी के लिए आनन्द मनाते हैं जो पश्चात्ताप करता है।”
मैं तुम से कहता हूँ, इसी प्रकार निन्यानबे धर्मियों की अपेक्षा, जिन्हें पश्चात्ताप करने की आवश्यकता नहीं है, उस एक पापी के लिए स्वर्ग में अधिक आनन्द मनाया जाएगा जो पश्चात्ताप करता है।
क्योंकि मेरे पाँच भाई हैं। लाजर उन्हें चेतावनी दे। कहीं ऐसा न हो कि वे भी यन्त्रणा के इस स्थान में आ जाएँ।’
और उनके नाम पर यरूशलेम से ले कर सभी राष्ट्रों को पापक्षमा के लिए पश्चात्ताप का संदेश सुनाया जाएगा।
किन्तु इनका विवरण इसलिए दिया गया है, जिससे आप विश्वास करें कि येशु ही मसीह, परमेश्वर के पुत्र हैं और अपने इस विश्वास के द्वारा उनके नाम से जीवन प्राप्त करें।
जो पुत्र में विश्वास करता है, उसे शाश्वत जीवन प्राप्त है। परन्तु जो पुत्र में विश्वास करने से इन्कार करता है, वह जीवन का दर्शन नहीं करेगा, परन्तु परमेश्वर का क्रोध उस पर बना रहता है।
उन्हीं के विषय में सब नबी साक्षी देते हैं कि जो कोई येशु में विश्वास करेगा, उसे उनके नाम द्वारा पापों की क्षमा मिलेगी।”
ये बातें सुन कर यहूदी विश्वासी शान्त हो गये और उन्होंने यह कहते हुए परमेश्वर की स्तुति की, “परमेश्वर ने गैर-यहूदियों को भी यह वरदान दिया कि वे हृदय-परिवर्तन कर जीवन प्राप्त करें।”
उन्होंने उत्तर दिया, “आप प्रभु येशु पर विश्वास कीजिए, तो आप को और आपके परिवार को मुक्ति प्राप्त होगी।”
“परमेश्वर ने अज्ञानता के युगों को अनदेखा कर दिया; परन्तु अब उसकी आज्ञा यह है कि सर्वत्र सभी मनुष्य पश्चात्ताप करें,
इफिसुस के निवासियों को − चाहे वे यहूदी हों या यूनानी, सब को, यह बात मालूम हो गयी। सब पर भय छा गया और प्रभु येशु के नाम का गुणगान होने लगा।
पतरस ने उन्हें यह उत्तर दिया, “आप लोग पश्चात्ताप करें। आप लोगों में से प्रत्येक व्यक्ति अपने-अपने पापों की क्षमा के लिए येशु मसीह के नाम से बपतिस्मा ले। इस प्रकार आप पवित्र आत्मा का वरदान प्राप्त करेंगे;
पतरस ने और बहुत-सी बातों द्वारा साक्षी दी और यह कहते हुए उन से अनुरोध किया कि आप लोग अपने को इस विधर्मी पीढ़ी से बचाये रखें।
केवल यह जानता हूं कि प्रत्येक नगर में पवित्र आत्मा मुझे स्पष्ट चेतावनी दे रहा है कि वहाँ बेड़ियाँ और कष्ट मेरी प्रतीक्षा कर रहे हैं।
किन्तु मेरी दृष्टि में मेरे जीवन का कोई मूल्य नहीं। मैं तो केवल अपनी दौड़ समाप्त करना और वह सेवाकार्य पूरा करना चाहता हूँ, जिसे प्रभु येशु ने मुझे सौंपा है − अर्थात् मैं परमेश्वर के अनुग्रह के शुभ समाचार की साक्षी देता रहूँ।
कुछ दिनों के बाद फ़ेलिक्स अपनी यहूदी पत्नी द्रुसिल्ला के साथ आया। उसने पौलुस को बुला भेजा और उनसे येशु मसीह में विश्वास के संबंध में वार्ता सुनी।
मैं उनकी आँखें खोलने के लिए, उन्हें अन्धकार से ज्योति की ओर उन्मुख करने के लिए, अर्थात् शैतान की शक्ति से विमुख हो परमेश्वर की ओर अभिमुख करने के लिए, तुझे उनके पास भेज रहा हूं, जिससे वे मुझ में विश्वास करने के कारण अपने पापों की क्षमा पाएं और पवित्र किए हुए भक्तों के बीच स्थान प्राप्त कर सकें।’
मैंने पहले दमिश्क तथा यरूशलेम के लोगों में, और उसके बाद समस्त यहूदा प्रदेश तथा ग़ैर-यहूदियों में भी यह प्रचार किया कि वे पश्चात्ताप करें, परमेश्वर की ओर अभिमुख हो जायें और पश्चात्ताप के अनुरूप आचरण करें।
अत: यहूदियों ने पौलुस के साथ एक दिन निश्चित किया और बड़ी संख्या में उनके यहाँ एकत्र हुए। पौलुस सुबह से शाम तक उनके लिए व्याख्या करते रहे। उन्होंने परमेश्वर के राज्य के विषय में साक्षी दी और मूसा की व्यवस्था तथा नबी-ग्रंथों के आधार पर उनको येशु के संबंध में समझाने का प्रयत्न किया।
जब पतरस और योहन साक्षी देकर प्रभु का संदेश सुना चुके, तब वे यरूशलेम लौट गये। उन्होंने इस यात्रा में सामरियों के बहुत-से गाँवों में शुभ समाचार सुनाया।
मैं अपने को यूनानियों और गैर-यूनानियों, ज्ञानियों और अज्ञानियों के प्रति उत्तरदायी समझता हूँ।
शुभ समाचार से मैं लज्जित नहीं होता! यह परमेश्वर का सामर्थ्य है, जो प्रत्येक विश्वासी के लिए—पहले यहूदी और फिर यूनानी के लिए—मुक्ति का स्रोत है।
क्योंकि यदि तुम मुख से स्वीकार करते हो कि येशु प्रभु हैं और हृदय से विश्वास करते हो कि परमेश्वर ने उन्हें मृतकों में से जिलाया, तो तुम्हें मुक्ति प्राप्त होगी।
अथवा क्या तुम परमेश्वर की असीम दयालुता, सहनशीलता और धैर्य का तिरस्कार करते और यह नहीं समझते कि परमेश्वर की दयालुता तुम्हें पश्चात्ताप की ओर ले जाना चाहती है?
बल्कि हम से भी सम्बन्ध रखता है। यदि हम परमेश्वर में विश्वास करेंगे, जिसने हमारे प्रभु येशु को मृतकों में से जिलाया, तो हम भी विश्वास के कारण धार्मिक माने जायेंगे।
यदि हम विश्वास के कारण धार्मिक ठहराए गए हैं, तो हमें हमारे प्रभु येशु मसीह द्वारा परमेश्वर में शान्ति प्राप्त होती है।
क्योंकि जो दु:ख परमेश्वर की इच्छानुसार स्वीकार किया जाता, उसका परिणाम होता है हृदय-परिवर्तन तथा उद्धार। इसमें पछताना नहीं पड़ता। परन्तु सांसारिक दु:ख का परिणाम है मृत्यु।
फिर भी हम जानते हैं कि मनुष्य व्यवस्था के कर्मकाण्ड द्वारा नहीं, बल्कि येशु मसीह में विश्वास करने से धार्मिक ठहरता है। इसलिए हमने येशु मसीह में विश्वास किया है, जिससे हम व्यवस्था के कर्मकाण्ड द्वारा नहीं, बल्कि मसीह में विश्वास करने से धार्मिक ठहराये जायें; क्योंकि व्यवस्था के कर्मकाण्ड द्वारा “कोई भी मनुष्य परमेश्वर की दृष्टि में धार्मिक नहीं ठहरेगा।”
मैं अब जीवित नहीं रहा, बल्कि मसीह मुझ में जीवित हैं। अब मैं अपने शरीर में जो जीवन जीता हूँ, उसका एकमात्र प्रेरणा-स्रोत है-परमेश्वर के पुत्र में विश्वास, जिसने मुझ से प्रेम किया और मेरे लिए अपने को अर्पित किया।
परन्तु धर्मग्रन्थ ने सब कुछ पाप की शक्ति के अधीन बंदी बना दिया है, जिससे येशु मसीह में विश्वास के द्वारा विश्वास करने वालों के लिए प्रतिज्ञा पूरी की जाये।
मैंने प्रभु येशु में आप लोगों के विश्वास और सभी सन्तों के प्रति आपके प्रेम के विषय में सुना है।
मैं शरीरिक रूप से दूर होते हुए भी आत्मा में आप लोगों के साथ हूँ और मुझे यह देख कर आनन्द होता है कि आपका जीवन सुव्यवस्थित और मसीह में आपका विश्वास सुदृढ़ है।
क्योंकि प्रभु येशु और सब सन्तों के प्रति तुम्हारे प्रेम तथा विश्वास की चर्चा सुनता रहता हूँ।
जो कोई विश्वास करता है कि येशु ही मसीह हैं, वह परमेश्वर से उत्पन्न हुआ है और जो कोई जन्मदाता से प्रेम करता है, वह उसकी संतान से भी प्रेम करता है।
संसार का विजेता कौन है? केवल वही जो यह विश्वास करता है कि येशु परमेश्वर के पुत्र हैं।