प्रेरितों के काम 19:21 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) इन घटनाओं के पश्चात् पौलुस ने मकिदुनिया तथा यूनान का दौरा करते हुए यरूशलेम जाने का निश्चय किया। उन्होंने कहा, “वहाँ पहुँचने के पश्चात् मैं रोम भी अवश्य देखूंगा।” पवित्र बाइबल इन घटनाओं के बाद पौलुस ने अपने मन में मकिदुनिया और अखाया होते हुए यरूशलेम जाने का निश्चय किया। उसने कहा, “वहाँ जाने के बाद मुझे रोम भी देखना चाहिए।” Hindi Holy Bible जब ये बातें हो चुकीं, तो पौलुस ने आत्मा में ठाना कि मकिदुनिया और अखाया से होकर यरूशलेम को जाऊं, और कहा, कि वहां जाने के बाद मुझे रोम को भी देखना अवश्य है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जब ये बातें हो चुकीं तो पौलुस ने आत्मा में ठाना कि मकिदुनिया और अखाया से होकर यरूशलेम को जाऊँ, और कहा, “वहाँ जाने के बाद मुझे रोम को भी देखना अवश्य है।” नवीन हिंदी बाइबल जब ये बातें हो चुकीं, तो पौलुस ने अपनी आत्मा में मकिदुनिया और अखाया होते हुए यरूशलेम को जाने का निश्चय किया, और कहा, “वहाँ पहुँचने के बाद मुझे रोम भी देखना अवश्य है।” सरल हिन्दी बाइबल इसके बाद पौलॉस ने अपने मन में मकेदोनिया तथा आखाया प्रदेश से होते हुए येरूशलेम जाने का निश्चय किया. वह मन में विचार कर रहे थे, “इन सबके बाद मेरा रोम जाना भी सही होगा.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जब ये बातें हो चुकी तो पौलुस ने आत्मा में ठाना कि मकिदुनिया और अखाया से होकर यरूशलेम को जाऊँ, और कहा, “वहाँ जाने के बाद मुझे रोम को भी देखना अवश्य है।” |
और वहाँ से फिलिप्पी पहुँचे। फिलिप्पी मकिदुनिया का मुख्य नगर और रोमन उपनिवेश है। हम कुछ दिन फिलिप्पी नगर में रहे।
जिस समय गल्लियो यूनान देश का उपराज्यपाल था, यहूदियों ने संयुक्त रूप से पौलुस पर आक्रमण किया और उन्हें न्यायालय के सम्मुख पेश किया।
और उन से विदा लेकर कहा, “यदि परमेश्वर ने चाहा, तो मैं आप लोगों के पास फिर आऊंगा।” वह इफिसुस छोड़ कर जलमार्ग द्वारा
उन्होंने अपने सहयोगियों में से दो, अर्थात् तिमोथी और एरस्तुस को मकिदुनिया भेजा; किन्तु वह स्वयं कुछ दिन तक आसिया में ठहरे रहे।
समस्त नगर में खलबली मच गयी। वे गायुस और अरिस्तर्खुस को, जो मकिदुनिया के निवासी और पौलुस के सहयात्री थे, घसीट कर ले गये और सब मिल कर नाट्यशाला की ओर दौड़ पड़े।
पौलुस ने निश्चय किया था कि वह इफिसुस को छोड़कर आगे बढ़ जायेंगे, जिससे उन्हें आसिया प्रदेश में समय बिताना न पड़े। वह इसलिए जल्दी में थे कि यदि किसी प्रकार हो सके, तो वह पेंतेकोस्त पर्व के दिन यरूशलेम में हों।
“अब मैं आत्मा की प्रेरणा से विवश हो कर यरूशलेम जा रहा हूँ। वहाँ मुझ पर क्या बीतेगी, मैं यह नहीं जानता;
हम शिष्यों का पता लगाकर सात दिन वहाँ रहे। उन्होंने आत्मा से प्रेरित हो कर पौलुस से कहा कि वह यरूशलेम जाने का विचार छोड़ दें।
उसी रात प्रभु ने पौलुस के समीप खड़े होकर कहा, “निर्भय हो! जैसे तूने यरूशलेम में मेरे विषय में साक्षी दी है, वैसे ही तुझे रोम में भी साक्षी देनी होगी।”
जब यह निश्चित हो गया कि हम जलमार्ग से इटली जायेंगे, तो पौलुस और कुछ अन्य बन्दियों को यूलियुस नामक शतपति के हाथ सौंप दिया गया। यूलियुस सम्राट औगुस्तुस के सैन्यदल का था।
मुझ से कहा, ‘पौलुस, डरिए नहीं। आप को रोमन सम्राट के सामने उपस्थित होना ही है। और देखिए, परमेश्वर ने आपके सब सहयात्री आपको दे दिये हैं।’
जब हम रोम पहुंचे, तो पौलुस को यह अनुमति मिल गई कि वह पहरा देने वाले सैनिक के साथ जहाँ चाहें, रह सकते हैं।
क्योंकि मुझे आप से मिलने की बड़ी इच्छा है; मैं आप को विश्वास में सुदृढ़ बनाने के लिए आपको भी एक आध्यात्मिक वरदान देना चाहता हूँ;
भाइयो और बहिनो! मैं नहीं चाहता कि आप लोग इस बात से अनजान रहें कि मैंने बार-बार आपके यहाँ आने की योजना बनाई ताकि जैसे अन्य जातियों में वैसे आपके बीच भी मैं कुछ “फल” प्राप्त करूँ; किन्तु अब तक इस योजना में कोई-न-कोई बाधा आती रही।
मैं मकिदुनिया का दौरा समाप्त कर आप लोगों के यहाँ आऊंगा, क्योंकि मैं मकिदुनिया जाने वाला हूँ।
यदि प्रभु की इच्छा हो, तो मैं शीघ्र ही आप लोगों के यहाँ आऊंगा और उनकी बातों से नहीं, बल्कि उनकी कार्यक्षमता से उन घमण्डियों को परखना चाहूँगा;
और हम अन्य दूरवर्त्ती क्षेत्रों में शुभ समाचार का प्रचार करेंगे। इस तरह दूसरों के क्षेत्र में जो कार्य हो चुका है, हमें उस पर गर्व करने की जरूरत नहीं होगी।
इसके बाद चौदह वर्ष बीतने पर मैं बरनबास के साथ फिर यरूशलेम गया। मैं तीतुस को भी अपने साथ ले गया।