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प्रेरितों के काम 16:25 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

आधी रात के समय जब पौलुस तथा सीलास प्रार्थना कर रहे थे और परमेश्‍वर की स्‍तुति गा रहे थे और कैदी उन्‍हें सुन रहे थे

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पवित्र बाइबल

लगभग आधी रात गये पौलुस और सिलास परमेश्वर के भजन गाते हुए प्रार्थना कर रहे थे और दूसरे क़ैदी उन्हें सुन रहे थे।

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Hindi Holy Bible

आधी रात के लगभग पौलुस और सीलास प्रार्थना करते हुए परमेश्वर के भजन गा रहे थे, और बन्धुए उन की सुन रहे थे।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

आधी रात के लगभग पौलुस और सीलास प्रार्थना करते हुए परमेश्‍वर के भजन गा रहे थे, और क़ैदी उनकी सुन रहे थे।

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नवीन हिंदी बाइबल

आधी रात के लगभग पौलुस और सीलास प्रार्थना कर रहे थे और परमेश्‍वर के भजन गा रहे थे, और बंदी उनकी सुन रहे थे।

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सरल हिन्दी बाइबल

लगभग आधी रात के समय पौलॉस और सीलास प्रार्थना कर रहे थे तथा परमेश्वर की स्तुति में भजन गा रहे थे. उनके साथी कैदी उनकी सुन रहे थे.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

आधी रात के लगभग पौलुस और सीलास प्रार्थना करते हुए परमेश्वर के भजन गा रहे थे, और कैदी उनकी सुन रहे थे।

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प्रेरितों के काम 16:25
38 क्रॉस रेफरेंस  

पर वे यह नहीं कहते, “मेरा सृजन करनेवाला परमेश्‍वर कहाँ है? वह हमें रात में भी गीत गाने की प्रेरणा देता है।


प्रभु, मैं रात में तेरा नाम स्‍मरण करता हूं, मैं तेरी व्‍यवस्‍था का पालन करता हूं।


तेरे धर्ममय न्‍याय-सिद्धान्‍तों के कारण आधी रात को उठकर मैं तेरी सराहना करता हूं।


हे मेरे परमेश्‍वर, मैं तुझे दिन में पुकारता हूँ, पर तू उत्तर नहीं देता; रात में भी मुझे शांति नहीं मिलती।


मैं प्रभु को हर समय धन्‍य कहूँगा। मैं निरन्‍तर उसकी स्‍तुति करता रहूंगा।


दिन में प्रभु अपनी करुणा भेजता है। मैं रात में उसका गीत गाता हूँ, और अपने जीवन के परमेश्‍वर से प्रार्थना करता हूँ।


संकटकाल में मुझे पुकार। मैं तुझे मुक्‍त करूंगा, और तू मेरी महिमा करेगा।”


मैं बहुत लोगों के लिए एक चमत्‍कार हूँ; पर तू ही मेरा दृढ़ आश्रय स्‍थल है।


संकट के दिन मैं स्‍वामी को खोजता हूँ, रात भर मेरे हाथ बिना थके उसकी ओर फैले रहे; मेरा प्राण धैर्य धारण करने में असमर्थ है।


मैं रात में अपने संगीत का स्‍मरण करता हूँ; मैं अपने हृदय में ध्‍यान करता हूँ; मेरी आत्‍मा परिश्रम से खोज करती है:


जब वह मुझे पुकारेगा, मैं उसे उत्तर दूंगा; संकट में मैं उसके साथ रहूंगा; मैं उसे मुक्‍त करूंगा और उसे महिमान्‍वित करूंगा।


जैसे पवित्र पर्व की रात में तुम गीत गाते हो, वैसे ही तुम उस दिन गीत गाओगे। जैसे प्रभु के पर्वत, इस्राएल की चट्टान पर आनेवाला तीर्थयात्री मार्ग में बांसुरी बजाता हुआ आनन्‍द मनाता है, वैसे ही तुम हृदय से आनन्‍द मनाओगे।


महापुरोहित यहोशुअ, सुन! तेरे साथ तेरे पुरोहित मित्र भी सुनें, जो तेरे सम्‍मुख बैठे हैं, क्‍योंकि ये शुभ शकुन हैं। मैं अपने सेवक को, राजवंश की एक “शाखा” को लाऊंगा।


येशु प्राणपीड़ा में पड़ने के कारण और भी एकाग्र हो कर प्रार्थना करते रहे और उनका पसीना रक्‍त की बूंदों की तरह धरती पर टपकता रहा।]


तब समस्‍त कलीसिया की सहमति से प्रेरितों तथा धर्मवृद्धों ने निश्‍चय किया कि उन में से कुछ लोगों को चुन कर पौलुस तथा बरनबास के साथ महानगर अन्‍ताकिया भेजा जाये। उन्‍होंने दो व्यक्‍तियों को चुना, जो भाई-बहिनों में प्रमुख थे, अर्थात् यहूदा को, जो बरसब्‍बास कहलाता था, तथा सीलास को,


जब उसके मालिकों ने देखा कि उनकी आमदनी की आशा चली गयी, तो वे पौलुस तथा सीलास को पकड़ कर चौक में अधिकारियों के पास खींच ले गये।


उसने रात को उसी घड़ी उन्‍हें ले जा कर उनके घाव धोये। इसके तुरंत बाद उसने और उसके सारे परिवार ने बपतिस्‍मा ग्रहण किया।


प्रेरित इसलिए आनन्‍दित हो कर धर्म-महासभा के भवन से निकले कि उन्‍हें येशु के नाम के लिए अपमानित होने का गौरव मिला।


आप आशावान हों और आनन्‍द मनाएं। आप संकट में धैर्य रखें तथा प्रार्थना में लगे रहें,


इतना ही नहीं, हम दु:ख-तकलीफ पर भी गौरव करें, क्‍योंकि हम जानते हैं कि दु:ख-तकलीफ से धैर्य,


हम दु:खी हैं, फिर भी हम हर समय आनन्‍दित हैं। हम दरिद्र हैं, फिर भी हम बहुतों को सम्‍पन्न बनाते हैं। हमारे पास कुछ नहीं है; फिर भी सब कुछ हमारा है।


मिल कर भजन, स्‍तोत्र और आध्‍यात्‍मिक गीत गायें; पूरे हृदय से प्रभु के आदर में गाते-बजाते रहें।


यदि मुझे आपके विश्‍वास-रूपी यज्ञ और जन-सेवा में अपने प्राण की आहुति भी देनी पड़ेगी, तो मैं आनन्‍दित होऊंगा और आप सब के साथ आनन्‍द मनाऊंगा।


इस समय मैं आप लोगों के लिए जो दु:ख उठाता हूँ, उसके कारण प्रसन्न हूँ। मैं मसीह के कष्‍टों का शेष भाग अपने शरीर में उनकी देह, अर्थात् कलीसिया के लिए परिपूरित करता हूँ।


मसीह ने इस पृथ्‍वी पर रहते समय पुकार-पुकार कर और आँसू बहा-बहा कर परमेश्‍वर से, जो उन्‍हें मृत्‍यु से बचा सकता था, प्रार्थना और अनुनय-विनय की। श्रद्धाभक्‍ति के कारण उनकी प्रार्थना सुनी गयी।


मेरे भाइयो और बहिनो! जब आप पर अनेक प्रकार की विपत्तियाँ आएं, तब इसे बड़े आनन्‍द की बात समझिए।


यदि आप लोगों में से कोई कष्‍ट में हो, तो वह प्रार्थना करे। कोई प्रसन्न हो, तो भजन गाये।


यदि मसीह के नाम के कारण आप लोगों का अपमान किया जाये, तो अपने को धन्‍य समझें, क्‍योंकि यह इसका प्रमाण है कि परमेश्‍वर का महिमामय आत्‍मा आप पर छाया रहता है।