मैं सर्वोच्च परमेश्वर को पुकारता हूँ; परमेश्वर को, जो मेरे लिए सब कुछ पूर्ण करता है।
प्रेरितों के काम 16:17 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वह पौलुस और हम लोगों के पीछे लग गई और चिल्लाने लगी, “ये लोग सर्वोच्च परमेश्वर के सेवक हैं और आप लोगों को मुक्ति का मार्ग बताते हैं।” पवित्र बाइबल वह हमारे और पौलुस के पीछे पीछे यह चिल्लाते हुए हो ली, “ये लोग परम परमेश्वर के सेवक हैं। ये तुम्हें मुक्ति के मार्ग का संदेश सुना रहे हैं।” Hindi Holy Bible वह पौलुस के और हमारे पीछे आकर चिल्लाने लगी कि ये मनुष्य परमप्रधान परमेश्वर के दास हैं, जो हमें उद्धार के मार्ग की कथा सुनाते हैं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) वह पौलुस के और हमारे पीछे आकर चिल्लाने लगी, “ये मनुष्य परमप्रधान परमेश्वर के दास हैं, जो हमें उद्धार के मार्ग की कथा सुनाते हैं।” नवीन हिंदी बाइबल वह पौलुस और हमारे पीछे आकर चिल्लाने लगी, “ये लोग परमप्रधान परमेश्वर के दास हैं, जो तुम्हें उद्धार का मार्ग बताते हैं।” सरल हिन्दी बाइबल यह दासी पौलॉस और हमारे पीछे-पीछे यह चिल्लाती हुए चलने लगी, “ये लोग परम प्रधान परमेश्वर के दास हैं, जो तुम पर उद्धार का मार्ग प्रकट कर रहे हैं.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 वह पौलुस के और हमारे पीछे आकर चिल्लाने लगी, “ये मनुष्य परमप्रधान परमेश्वर के दास हैं, जो हमें उद्धार के मार्ग की कथा सुनाते हैं।” |
मैं सर्वोच्च परमेश्वर को पुकारता हूँ; परमेश्वर को, जो मेरे लिए सब कुछ पूर्ण करता है।
उन्होंने स्मरण किया कि परमेश्वर ही उनकी चट्टान है, सर्वोच्च परमेश्वर उनका उद्धारकर्ता है।
नबूकदनेस्सर धधकती हुई अग्नि की भट्ठी के द्वार के पास आया। उसने पुकारा, ‘ओ सर्वोच्च परमेश्वर के सेवको−शद्रक, मेशक और अबेदनगो, बाहर निकलो, यहां आओ!’ अत: शद्रक, मेशक और अबेदनगो आग से बाहर निकल आए।
नबूकदनेस्सर ने कहा, ‘धन्य है शद्रक, मेशक और अबेदनगो का परमेश्वर, जिसने दूत भेजकर अपने विश्वस्त सेवकों को बचाया, जिन्होंने मेरी राजाज्ञा की उपेक्षा की, और अपना शरीर आग को अर्पण कर दिया कि वे किसी अन्य देवता की आराधना न कर केवल अपने ही परमेश्वर की आराधना करें।
“सर्वोच्च परमेश्वर ने मुझे अद्भुत चिह्न और चमत्कार दिखाए हैं। मुझे यह अच्छा लगा कि मैं उनका अर्थ तुम्हें समझाऊं।
“महाराज, सर्वोच्च परमेश्वर ने आपके पिता नबूकदनेस्सर को राज्य, महानता, कीर्ति और वैभव प्रदान किया था।
वह मनुष्य-समाज से बहिष्कृत कर दिए गए और उनका हृदय पशु के हृदय के सदृश बन गया। वह जंगली गधों के साथ जंगल में रहते थे। वह बैल के समान घास खाया करते थे। उनका शरीर आकाश की ओस से भीगा करता था। तब उन्हें अनुभव हुआ कि केवल सर्वोच्च परमेश्वर ही मनुष्यों के राज्य पर शासन करता है और वह जिसको चाहता है, उसको राजा के रूप में प्रतिष्ठित करता है।
अत: सम्राट दारा ने दानिएल को बन्दी बनाने का आदेश दे दिया। दानिएल को पकड़कर लाया गया, और उनको सिंहों की मांद में डाल दिया गया। सम्राट ने दानिएल से कहा, ‘ओ दानिएल, जिस परमेश्वर की तुम निरन्तर सेवा करते हो, वह तुम्हारी रक्षा करे!’
वह मांद के पास पहुँचा, जहां दानिएल बन्द थे। उसने दु:ख भरी आवाज में दानिएल को पुकारा, ‘ओ दानिएल, जीवित परमेश्वर के सेवक! क्या तुम्हारे परमेश्वर ने जिसकी तुम निरन्तर सेवा करते हो, तुम्हें सिंहों के मुंह से बचा लिया?’
तब योना ने उन्हें यह बताया, ‘मैं यहूदीहूँ। मैं समुद्र और भूमि के बनानेवाले स्वर्गिक प्रभु परमेश्वर का आराधक हूँ।’
मैं हाथ में कौन-सी भेंट लेकर प्रभु के सामने जाऊं और उच्च सिंहासन पर विराजमान परमेश्वर के सम्मुख आराधना करूं? क्या मैं उसके सम्मुख अन्नबलि, और एक-वर्षीय बछड़ा लेकर जाऊं?
उन्होंने येशु के पास हेरोदेस-दल के सदस्यों के साथ अपने शिष्यों को यह प्रश्न पूछने भेजा, “गुरुवर! हम यह जानते हैं कि आप सच्चे हैं और सच्चाई से परमेश्वर के मार्ग की शिक्षा देते हैं। आप किसी की परवाह नहीं करते, क्योंकि आप मुँह-देखी बात नहीं कहते।
वे चिल्ला उठे, “परमेश्वर के पुत्र! हम से आप को क्या काम? क्या आप यहाँ समय से पहले हमें सताने आए हैं?”
“नासरत-निवासी येशु! हमें आपसे क्या काम? क्या आप हमें नष्ट करने आए हैं? मैं जानता हूँ कि आप कौन हैं : परमेश्वर के भेजे हुए पवित्र जन!”
वे आ कर उनसे बोले, “गुरुवर! हम यह जानते हैं कि आप सच्चे हैं और आप किसी की परवाह नहीं करते। आप मुँह-देखी बात नहीं कहते, बल्कि सच्चाई से परमेश्वर के मार्ग की शिक्षा देते हैं। बताइए, व्यवस्था की दृष्टि में रोमन सम्राट को कर देना उचित है या नहीं?
ऊंचे स्वर से चिल्लाया, “हे येशु! सर्वोच्च परमेश्वर के पुत्र! मुझ से आप को क्या काम? आप को परमेश्वर की शपथ, मुझे न सताइए।”
जिससे वह अन्धकार और मृत्यु की छाया में बैठने वालों को ज्योति प्रदान करे और हमारे चरणों को शान्ति-पथ पर अग्रसर करे।”
गुप्तचरों ने येशु से पूछा, “गुरुवर! हम यह जानते हैं कि आप सत्य बोलते और सत्य ही सिखलाते हैं। आप मुँह-देखी नहीं कहते, बल्कि सच्चाई से परमेश्वर के मार्ग की शिक्षा देते हैं।
“हे येशु, नासरत-निवासी! हमें आपसे क्या काम? क्या आप हमें नष्ट करने आए हैं? मैं जानता हूँ कि आप कौन हैं−परमेश्वर के भेजे हुए पवित्र जन!”
भूत बहुतों में से यह चिल्लाते हुए निकले, “आप परमेश्वर के पुत्र हैं।” परन्तु येशु ने उन को डाँटा और उन्हें बोलने से रोका, क्योंकि भूत जानते थे कि वह मसीह हैं।
वह येशु को देख कर चिल्ला उठा और दण्डवत् कर ऊंचे स्वर से बोला, “येशु! सर्वोच्च परमेश्वर के पुत्र! मुझ से आप को क्या काम? मैं आप से विनती करता हूँ, मुझे न सताइए”;
येशु ने कहा, “मार्ग, सत्य और जीवन मैं हूँ। मुझ से हो कर गये बिना कोई पिता के पास नहीं आ सकता।
वह सभागृह में निर्भीकता से बोलने लगा। प्रिस्किल्ला और अिक्वला उसकी शिक्षा सुनने के बाद उसे अपने साथ ले गये और उन्होंने अधिक उपयुक्त ढंग से उसे परमेश्वर का मार्ग समझाया।
इधर-उधर घूमने वाले कुछ यहूदी भूत-प्रेत साधकों ने भी प्रयास किया कि दुष्ट आत्मा से ग्रसित लोगों पर प्रभु येशु के नाम का उच्चारण करें। वे यह कहते थे, “पौलुस जिनका प्रचार करते हैं, तुम को उन्हीं येशु की शपथ!”
आप लोग स्वतन्त्र व्यक्तियों की तरह आचरण करें; किन्तु स्वतन्त्रता की आड़ में बुराई न करें, बल्कि परमेश्वर के सेवकों की तरह आचरण करें।
बहुत-से लोग उनकी विलासिता का अनुसरण करेंगे और उनके कारण सत्य के मार्ग की निन्दा होगी।