हे परमेश्वर, मुझ में शुद्ध हृदय उत्पन्न कर। तू मेरे भीतर नई और स्थिर आत्मा निर्मित कर।
प्रेरितों के काम 15:9 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) और विश्वास द्वारा उनका हृदय शुद्ध कर हम में और उन में कोई भेद नहीं किया। पवित्र बाइबल विश्वास के द्वारा उनके हृदयों को पवित्र करके हमारे और उनके बीच उसने कोई भेद भाव नहीं किया। Hindi Holy Bible और विश्वास के द्वारा उन के मन शुद्ध कर के हम में और उन में कुछ भेद न रखा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और विश्वास के द्वारा उनके मन शुद्ध करके हम में और उन में कुछ भेद न रखा। नवीन हिंदी बाइबल और विश्वास के द्वारा उनके मनों को शुद्ध करके उसने हमारे और उनके बीच कोई भेद नहीं रखा। सरल हिन्दी बाइबल उन्होंने उनके हृदय विश्वास द्वारा शुद्ध करके हमारे और उनके बीच कोई भेद न रहने दिया. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और विश्वास के द्वारा उनके मन शुद्ध करके हम में और उनमें कुछ भेद न रखा। |
हे परमेश्वर, मुझ में शुद्ध हृदय उत्पन्न कर। तू मेरे भीतर नई और स्थिर आत्मा निर्मित कर।
इस देश की भूमि तुम आपस में तथा उन प्रवासियों के मध्य बांटना, जो तुम्हारे समाज में रहते हैं, और यहीं रहते हुए उनके बाल-बच्चे उत्पन्न हुए हैं। ऐसे प्रवासियों को तुम अपने समान ही इस्राएल देश का निवासी मानना। वे भी इस्राएल के पितृकुलों के भूमिक्षेत्र में पैतृक अधिकार के लिए भूमि प्राप्त करेंगे।
फिर वह वाणी दूसरी बार उन्हें सुनाई पड़ी, “परमेश्वर ने जिसे शुद्ध घोषित किया, तुम उसे अशुद्ध मत कहो।”
पतरस ने उनसे यह कहा, “आप जानते हैं कि गैर-यहूदी से सम्पर्क रखना या उसके घर में प्रवेश करना यहूदी के लिए मना है; किन्तु परमेश्वर ने मुझ पर यह प्रकट किया है कि किसी भी मनुष्य को अशुद्ध अथवा अपवित्र नहीं कहना चाहिए।
पतरस ने कहना आरम्भ किया, “मैं अब अच्छी तरह समझ गया कि परमेश्वर किसी के साथ पक्षपात नहीं करता।
आत्मा ने मुझे आदेश दिया कि मैं बिना भेद-भाव उनके साथ जाऊं। ये छ: भाई मेरे साथ हो लिये और हमने उस व्यक्ति के घर में प्रवेश किया।
ऐसी ही घटना इकोनियुम नगर में घटी : पौलुस और बरनबास ने यहूदियों के सभागृह में प्रवेश किया और ऐसा भाषण दिया कि यहूदी तथा यूनानी, दोनों बड़ी संख्या में विश्वासी बन गये।
वहाँ पहुँच कर उन्होंने कलीसिया की सभा बुलायी और बताया कि परमेश्वर ने उनके द्वारा क्या-क्या किया और कैसे गैर-यहूदियों के लिए विश्वास का द्वार खोला।
परमेश्वर के इस विधान में मुक्ति येशु मसीह में विश्वास करने से प्राप्त होती है और यह मुक्ति उन सब के लिए है, जो विश्वास करते हैं। अब भेद-भाव नहीं रहा।
तो, क्या हम यहूदी दूसरों की अपेक्षा बेहतर स्थिति में हैं? कदापि नहीं! हम यह आरोप लगा चुके हैं कि सब, चाहे यहूदी हों या यूनानी, पाप के अधीन हैं,
ऐसे दया के पात्र हम हैं, जिन्हें उसने न केवल यहूदियों में से बुलाया है, बल्कि गैर-यहूदियों में से भी।
आप लोग येशु मसीह द्वारा पवित्र किये गये हैं और उन सब के साथ सन्त बनने के लिए बुलाये गये हैं, जो कहीं भी हमारे प्रभु येशु मसीह-अर्थात अपने तथा हमारे प्रभु-का नाम लेते हैं।
यदि बुलाये जाने के समय किसी का ख़तना हो चुका हो, तो वह इस बात को छिपाने की चेष्टा न करे और यदि बुलाये जाने के समय उसका ख़तना नहीं हुआ हो, तो वह अपना ख़तना नहीं कराये।
अब न तो कोई यहूदी है और न यूनानी, न तो कोई दास है और न स्वतन्त्र, न तो कोई पुरुष है और न स्त्री-आप सब येशु मसीह में एक हो गये हैं।
यदि हम येशु मसीह से संयुक्त हैं, तो न तो खतने का कोई महत्व है और न उसके अभाव का। महत्व विश्वास का है, जो प्रेम द्वारा क्रियाशील होता है।
वह रहस्य यह है कि शुभसमाचार के द्वारा यहूदियों के साथ गैर-यहूदी एक ही विरासत के उत्तराधिकारी हैं, एक ही देह के अंग हैं और येशु मसीह-विषयक प्रतिज्ञा के सहभागी हैं।
इस नवीनता में कोई भेद नहीं रहता, इसमें न यूनानी है, न यहूदी; न खतना है, न खतने का अभाव; न बर्बर है, न स्कूती, न दास और न स्वतन्त्र। केवल मसीह हैं, जो सब कुछ और सब में हैं।
आप लोगों ने आज्ञाकारी बन कर सत्य को स्वीकार किया और इस प्रकार निष्कपट भ्रातृप्रेम के लिए अपनी आत्मा को पवित्र कर लिया है; इसलिए अब आप लोगों को शुद्ध हृदय और सच्ची लगन से एक दूसरे से प्रेम करना चाहिए।