प्रेरितों के काम 15:1 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) कुछ लोग यहूदा प्रदेश से महानगर अन्ताकिया में आकर भाइयों को यह शिक्षा देने लगे : “यदि मूसा से चली आयी हुई प्रथा के अनुसार आप लोगों का खतना नहीं होगा, तो आप को मुक्ति नहीं मिलेगी।” पवित्र बाइबल फिर कुछ लोग यहूदिया से आये और भाइयों को शिक्षा देने लगे: “यदि मूसा की विधि के अनुसार तुम्हारा ख़तना नहीं हुआ है तो तुम्हारा उद्धार नहीं हो सकता।” Hindi Holy Bible फिर कितने लोग यहूदिया से आकर भाइयों को सिखाने लगे कि यदि मूसा की रीति पर तुम्हारा खतना न हो तो तुम उद्धार नहीं पा सकते। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) फिर कुछ लोग यहूदिया से आकर भाइयों को सिखाने लगे : “यदि मूसा की रीति पर तुम्हारा खतना न हो तो तुम उद्धार नहीं पा सकते।” नवीन हिंदी बाइबल अब कुछ लोग यहूदिया से आकर भाइयों को सिखाने लगे, “यदि मूसा की रीति के अनुसार तुम्हारा ख़तना न हो, तो तुम्हारा उद्धार नहीं हो सकता।” सरल हिन्दी बाइबल कुछ व्यक्ति यहूदिया प्रदेश से अंतियोख़ नगर आकर प्रभु के शिष्यों को यह शिक्षा देने लगे, “मोशेह की व्यवस्था के अनुसार यदि तुम्हारा ख़तना न हो तो तुम्हारा उद्धार असंभव है.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 फिर कुछ लोग यहूदिया से आकर भाइयों को सिखाने लगे: “यदि मूसा की रीति पर तुम्हारा खतना न हो तो तुम उद्धार नहीं पा सकते।” (लैव्य. 12:3) |
सुनो, निश्चय मूसा ने तुम्हें ख़तना कराने का नियम दिया−यद्यपि वह मूसा से नहीं, बल्कि पूर्वजों से चला आ रहा है, और तुम विश्राम-दिवस पर भी मनुष्य का खतना करते हो।
उन्हीं दिनों पतरस विश्वासी भाई-बहिनों के बीच खड़े हुए, जो लगभग एक सौ बीस व्यक्तियों का समुदाय था। पतरस ने कहा,
तब समस्त कलीसिया की सहमति से प्रेरितों तथा धर्मवृद्धों ने निश्चय किया कि उन में से कुछ लोगों को चुन कर पौलुस तथा बरनबास के साथ महानगर अन्ताकिया भेजा जाये। उन्होंने दो व्यक्तियों को चुना, जो भाई-बहिनों में प्रमुख थे, अर्थात् यहूदा को, जो बरसब्बास कहलाता था, तथा सीलास को,
और उनके हाथ यह पत्र भेजा : “प्रेरित तथा धर्मवृद्ध, आप लोगों के भाई, अन्ताकिया, सीरिया तथा किलिकिया के गैर-यहूदी भाई-बहिनों को नमस्कार करते हैं।
हमने सुना है कि हमारे यहाँ के कुछ लोगों ने, जिन्हें हमने कोई अधिकार नहीं दिया था, अपनी बातों से आप लोगों में घबराहट उत्पन्न की और आपके मन को उलझन में डाल दिया है।
अन्ताकिया की कलीसिया ने उन्हें विदा किया। उन्होंने फीनीके तथा सामरी प्रदेशों से हो कर यात्रा की और वहाँ के भाई-बहिनों को बताया कि गैर-यहूदी किस प्रकार परमेश्वर की ओर अभिमुख हुए। यह विवरण देकर उन्होंने सब को बहुत आनन्दित किया।
यहूदा और सीलास स्वयं नबी थे। उन्होंने भी भाई-बहिनों को देर तक सम्बोधित कर प्रोत्साहित और विश्वास में दृढ़ किया।
फरीसी सम्प्रदाय के कुछ सदस्य, जो विश्वासी हो गये थे, यह कहते हुए उठ खड़े हुए कि अन्यजाति के विश्वासी भाइयों का खतना करना चाहिए और उन्हें आदेश देना चाहिए कि वे मूसा की व्यवस्था का पालन करें।
उन्होंने यह सुन कर परमेश्वर की स्तुति की और पौलुस से कहा, “भाई! आप देखते हैं कि हजारों यहूदियों ने विश्वास कर लिया है और वे सब व्यवस्था के कट्टर समर्थक भी हैं।
हमने इसे यह कहते सुना है कि येशु नासरी यह स्थान नष्ट कर देगा और मूसा के द्वारा दी गई प्रथाओं को बदल देगा।”
इसके बाद चौदह वर्ष बीतने पर मैं बरनबास के साथ फिर यरूशलेम गया। मैं तीतुस को भी अपने साथ ले गया।
यदि हम येशु मसीह से संयुक्त हैं, तो न तो खतने का कोई महत्व है और न उसके अभाव का। महत्व विश्वास का है, जो प्रेम द्वारा क्रियाशील होता है।
जो लोग बाह्य विधि-पालन द्वारा झूठी प्रशंसा पाना चाहते हैं, वे ही खतना करवाने के लिए आप को बाध्य करते हैं; यह केवल इसलिए कि मसीह के क्रूस के कारण उन पर अत्याचार न किया जाये।
इसलिए किसी को यह अधिकार नहीं कि वह खान-पान, पर्व, अमावस्या या विश्राम-दिवस के विषय में आप लोगों पर दोष लगाये।
सावधान रहें। कहीं ऐसा न हो कि कोई आप लोगों को ऐसे खोखले और भ्रामक दर्शनशास्त्र द्वारा बहकाये, जो मनुष्यों की परम्परागत शिक्षा के अनुसार है और मसीह पर नहीं बल्कि संसार के तत्वों पर आधारित है।