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प्रेरितों के काम 14:22 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

वे शिष्‍यों का मन सुदृढ़ करते और उन्‍हें विश्‍वास में स्‍थिर रहने के लिए प्रोत्‍साहित करते थे, और कहते थे कि हमें बहुत-से कष्‍ट सह कर परमेश्‍वर के राज्‍य में प्रवेश करना है।

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Hindi Holy Bible

और चेलों के मन को स्थिर करते रहे और यह उपदेश देते थे, कि हमें बड़े क्लेश उठाकर परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करना होगा।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

और चेलों के मन को स्थिर करते रहे और यह उपदेश देते थे कि विश्‍वास में बने रहो; और यह कहते थे, “हमें बड़े क्लेश उठाकर परमेश्‍वर के राज्य में प्रवेश करना होगा।”

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नवीन हिंदी बाइबल

और शिष्यों के मनों को दृढ़ करते और यह कहकर विश्‍वास में बने रहने के लिए प्रोत्साहित करते रहे, “हमें बड़े क्लेश उठाकर परमेश्‍वर के राज्य में प्रवेश करना होगा।”

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सरल हिन्दी बाइबल

वे शिष्यों को दृढ़ करते और प्रोत्साहित करते हुए यह शिक्षा देते रहे कि उनका परमेश्वर के राज्य में प्रवेश हेतु इस विश्वास में स्थिर रहना तथा अनेक विपत्तियों को सहना ज़रूरी है.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

और चेलों के मन को स्थिर करते रहे और यह उपदेश देते थे कि विश्वास में बने रहो; और यह कहते थे, “हमें बड़े क्लेश उठाकर परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करना होगा।”

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प्रेरितों के काम 14:22
49 क्रॉस रेफरेंस  

कमजोर हाथों में शक्‍ति भरो, निर्बल घुटनों को बलवान बनाओ,


जो शिष्‍य अपना क्रूस उठा कर मेरा अनुसरण नहीं करता, वह मेरे योग्‍य नहीं।


इसके पश्‍चात् येशु ने अपने शिष्‍यों से कहा, “जो मेरा अनुसरण करना चाहता है, वह आत्‍मत्‍याग करे और अपना क्रूस उठा कर मेरे पीछे हो ले;


मैं तुम से फिर कहता हूँ कि परमेश्‍वर के राज्‍य में धनवान के प्रवेश करने की अपेक्षा सूई के छेद से हो कर ऊंट का निकलना अधिक सरल है।”


और जो अब, इस लोक में सौ गुना न पाए−घर, भाई, बहिनें, माताएँ, बाल-बच्‍चे और खेत, साथ ही साथ अत्‍याचार और आनेवाले युग में शाश्‍वत जीवन।


क्‍या यह अनिवार्य नहीं था कि मसीह यह सब दु:ख भोगें और इस प्रकार अपनी महिमा में प्रवेश करें?”


“यदि संसार तुम से बैर करे, तो ध्‍यान रखो कि तुम से पहले उसने मुझ से बैर किया।


मैंने तुम से जो बात कही, उसे स्‍मरण रखो : सेवक अपने स्‍वामी से बड़ा नहीं होता। यदि उन्‍होंने मुझे सताया, तो वे तुम्‍हें भी सताएँगे। यदि उन्‍होंने मेरे वचन का पालन किया, तो वे तुम्‍हारे वचन का भी पालन करेंगे।


मैंने तुम से यह सब इसलिए कहा है कि तुम मुझ में शान्‍ति प्राप्‍त कर सको। संसार में तुम्‍हें क्‍लेश सहना पड़ेगा। परन्‍तु धैर्य रखो; मैंने संसार पर विजय पायी है।”


येशु ने उत्तर दिया, “मैं आप से सच-सच कहता हूँ; जब तक कोई जल और आत्‍मा से जन्‍म न ले, तब तक वह परमेश्‍वर के राज्‍य में प्रवेश नहीं कर सकता।


जब बरनबास ने वहाँ पहुच कर परमेश्‍वर का अनुग्रह देखा, तो वह आनन्‍दित हो उठे। उन्‍होंने सब को प्रोत्‍साहित किया कि वे सम्‍पूर्ण हृदय से प्रभु के प्रति निष्‍ठावान बने रहें;


और जब वह उन्‍हें मिले तो वह शाऊल को अन्‍ताकिया ले आये। वे दोनों पूरे एक वर्ष तक वहाँ की कलीसिया के साथ रहे और बहुत-से लोगों को शिक्षा देते रहे। सब से पहले अन्‍ताकिया में ही येशु के शिष्‍य ‘मसीही’ कहलाए।


शिष्‍यों ने निश्‍चय किया कि यहूदा प्रदेश में रहने वाले विश्‍वासी भाई-बहिनों की सहायता के लिए उन में से प्रत्‍येक अपने-अपने सामर्थ्य के अनुसार कुछ भेजेगा।


सभा के विसर्जन के बाद बहुत-से यहूदी और भक्‍त नव-यहूदी पौलुस और बरनबास के पीछे हो लिये। पौलुस और बरनबास ने उन से बात की और आग्रह किया कि वे परमेश्‍वर की कृपा में बने रहें।


पर जब शिष्‍य पौलुस के चारों ओर एकत्र हुए, तो वह उठे और नगर में गए। दूसरे दिन वह बरनबास के साथ दिरबे चले गये।


वे बहुत समय तक वहाँ शिष्‍यों के साथ रहे।


यहूदा और सीलास स्‍वयं नबी थे। उन्‍होंने भी भाई-बहिनों को देर तक सम्‍बोधित कर प्रोत्‍साहित और विश्‍वास में दृढ़ किया।


उन्‍होंने सीरिया देश तथा किलिकिया का भ्रमण किया और कलीसियाओं को विश्‍वास में दृढ़ किया।


पौलुस कुछ समय अन्‍ताकिया में रहे। तब उन्‍होंने प्रस्‍थान किया और गलातिया और फ्रुगिया के क्षेत्रों से होते हुए एक नगर से दूसरे नगर का भ्रमण करते हुए सब शिष्‍यों को विश्‍वास में सुदृढ़ करते रहे।


परमेश्‍वर का वचन फैलता गया। यरूशलेम में शिष्‍यों की संख्‍या बहुत अधिक बढ़ गई; और बहुत-से पुरोहितों ने इस विश्‍वास को स्‍वीकार कर लिया।


मैं स्‍वयं उसे बताऊंगा कि उसे मेरे नाम के कारण कितना कष्‍ट भोगना होगा।”


यदि हम सन्‍तान हैं, तो हम विरासत के अधिकारी भी हैं—हां, परमेश्‍वर के उत्तराधिकारी, वरन् मसीह के सह-उत्तराधिकारी। केवल एक शर्त है कि हम मसीह के साथ दु:ख सहें, जिससे हम उनके साथ महिमान्‍वित भी हों।


परमेश्‍वर अन्‍त तक आप लोगों को विश्‍वास में सुदृढ़ बनाये रखेगा, जिससे आप हमारे प्रभु येशु मसीह के दिन निर्दोष पाये जायें।


आप लोगों को न केवल मसीह में विश्‍वास करने का, बल्‍कि उनके कारण दु:ख भोगने का भी वरदान मिला है।


किन्‍तु आप को विश्‍वास के आधार पर दृढ़ और अटल बना रहना चाहिए और उस आशा से विचलित नहीं होनी चाहिए, जो आप को शुभसमाचार द्वारा दिलायी गयी है। वह शुभसमाचार आकाश के नीचे की समस्‍त सृष्‍टि को सुनाया गया है और मैं, पौलुस, उसका सेवक बना हूँ।


इस प्रकार वह उस दिन तक आपके हृदय को हमारे पिता परमेश्‍वर के सामने पवित्र और निर्दोष बनाये रखें, जब हमारे वही प्रभु येशु अपने सब सन्‍तों के साथ आयेंगे। आमेन!


तुम न तो हमारे प्रभु की साक्षी देने में लज्‍जा अनुभव करो और न मुझ से, जो उनके लिए बन्‍दी हूँ, बल्‍कि परमेश्‍वर के सामर्थ्य पर भरोसा रख कर, तुम मेरे साथ शुभसमाचार के लिए कष्‍ट सहते रहो।


वास्‍तव में जो लोग येशु मसीह के शिष्‍य बन कर भक्‍तिपूर्वक जीवन बिताना चाहेंगे, उन सबको अत्‍याचार सहना ही पड़ेगा।


इसलिए तो आप बुलाये गये हैं, क्‍योंकि मसीह ने आप लोगों के लिए दु:ख भोगा और आप को उदाहरण दिया, जिससे आप उनके पद-चिह्‍नों पर चलें।


परमेश्‍वर ने, जो सम्‍पूर्ण अनुग्रह का स्रोत है, आप लोगों को येशु मसीह में अपनी शाश्‍वत महिमा का भागीदार बनने के लिए बुलाया है। वह, आपके थोड़े ही समय तक दु:ख भोगने के बाद, आप को परिपूर्ण, सुस्‍थिर, समर्थ तथा सुदृढ़ बनायेगा।


आप विश्‍वास में दृढ़ हो कर उसका सामना करें। आप जानते हैं कि संसार भर में आपके भाई-बहिन भी इस प्रकार का दु:ख भोग रहे हैं।


और हमारे प्रभु एवं मुक्‍तिदाता येशु मसीह के शाश्‍वत राज्‍य में आप को उदारतापूर्वक प्रवेश दिलाया जाएगा।


प्रिय भाइयो एवं बहिनो! हम जिस मुक्‍ति के सहभागी हैं, मैं उसके विषय में बड़ी उत्‍सुकता से आप लोगों को लिखना चाहता था, किन्‍तु अब मुझे आवश्‍यक प्रतीत हुआ कि इस पत्र द्वारा आप लोगों से यह अनुरोध करूँ कि आप उस विश्‍वास की रक्षा के लिए संघर्ष करें, जो सदा के लिए सन्‍तों को सौंपा गया है;


मैं आप लोगों का भाई योहन हूँ और येशु के संकट, राज्‍य तथा धैर्य में आपका सहभागी। परमेश्‍वर का संदेश सुनाने तथा येशु के विषय में साक्षी देने के कारण मैं पतमुस नामक द्वीप में था।


तुम्‍हें जो कष्‍ट भोगना होगा, उस से मत डरो। शैतान तुम्‍हारी परीक्षा लेने के उद्देश्‍य से तुम लोगों में से कुछ को क़ैद में डाल देगा और तुम लोग दस दिनों तक संकट में पड़े रहोगे। तुम मृत्‍यु तक विश्‍वस्‍त बने रहो और मैं तुम्‍हें जीवन का मुकुट प्रदान करूँगा।


मैंने उत्तर दिया, “महोदय, आप ही जानते हैं”, और उसने मुझसे कहा, “ये वे लोग हैं, जो महासंकट में से निकल कर आये हैं। इन्‍होंने मेमने के रक्‍त में अपने वस्‍त्र धो कर उजले कर लिये हैं।