वह स्त्री यूनानी जाति की थी। वह जन्म से सूरुफिनीकी थी। उसने येशु से विनती की कि वह उसकी बेटी में से भूत को निकाल दें।
प्रेरितों के काम 14:1 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ऐसी ही घटना इकोनियुम नगर में घटी : पौलुस और बरनबास ने यहूदियों के सभागृह में प्रवेश किया और ऐसा भाषण दिया कि यहूदी तथा यूनानी, दोनों बड़ी संख्या में विश्वासी बन गये। पवित्र बाइबल इसी प्रकार पौलुस और बरनाबास इकुनियुम में यहूदी आराधनालय में गये। वहाँ उन्होंने इस ढंग से व्याख्यान दिया कि यहूदियों के एक विशाल जनसमूह ने विश्वास धारण किया। Hindi Holy Bible इकुनियुम में ऐसा हुआ कि वे यहूदियों की आराधनालय में साथ साथ गए, और ऐसी बातें की, कि यहूदियों और यूनानियों दोनों में से बहुतों ने विश्वास किया। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इकुनियुम में ऐसा हुआ कि वे यहूदियों के आराधनालय में साथ साथ गए, और इस प्रकार बातें कीं कि यहूदियों और यूनानियों दोनों में से बहुतों ने विश्वास किया। नवीन हिंदी बाइबल फिर ऐसा हुआ कि वे साथ-साथ इकुनियुम में यहूदियों के आराधनालय में गए और इस प्रकार बातें कीं कि यहूदियों और यूनानियों दोनों में से बहुत लोगों ने विश्वास किया। सरल हिन्दी बाइबल इकोनियॉन नगर में पौलॉस और बारनबास यहूदी सभागृहों में गए. वहां उनका प्रवचन इतना प्रभावशाली रहा कि बड़ी संख्या में यहूदियों और यूनानियों ने विश्वास किया. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इकुनियुम में ऐसा हुआ कि पौलुस और बरनबास यहूदियों की आराधनालय में साथ-साथ गए, और ऐसी बातें की, कि यहूदियों और यूनानियों दोनों में से बहुतों ने विश्वास किया। |
वह स्त्री यूनानी जाति की थी। वह जन्म से सूरुफिनीकी थी। उसने येशु से विनती की कि वह उसकी बेटी में से भूत को निकाल दें।
इस पर यहूदी धर्मगुरुओं ने आपस में कहा, “इन्हें कहाँ जाना है, जो हम इन को नहीं पा सकेंगे? क्या यह यूनानियों के बीच बसे हुए यहूदियों के पास जाएँगे और यूनानियों को भी शिक्षा देंगे?
सभा के विसर्जन के बाद बहुत-से यहूदी और भक्त नव-यहूदी पौलुस और बरनबास के पीछे हो लिये। पौलुस और बरनबास ने उन से बात की और आग्रह किया कि वे परमेश्वर की कृपा में बने रहें।
पौलुस और बरनबास ने निडर हो कर कहा, “यह आवश्यक था कि पहले आप लोगों को परमेश्वर का वचन सुनाया जाता, परन्तु आप लोग इसे अस्वीकार करते हैं और अपने को शाश्वत जीवन के योग्य नहीं समझते। इसलिए हम अब गैर-यहूदियों के पास जाते हैं।
सलमिस पहुंच कर वे यहूदियों के सभागृहों में परमेश्वर के वचन का प्रचार करते रहे। योहन भी उनके साथ रह कर उनकी सहायता करता था।
अत: पौलुस और बरनबास ने उनके विरुद्ध साक्षी देने के लिए अपने पैरों की धूल झाड़ दी, और वे इकोनियुम नगर में आये।
किन्तु अन्ताकिया तथा इकोनियुम से कुछ यहूदी आ पहुंचे। उन्होंने जनता को अपने पक्ष में मिला लिया। उन्होंने पौलुस को पत्थरों से मारा और मृत समझ कर उन्हें नगर के बाहर घसीट कर ले गये।
किन्तु जिन यहूदियों ने विश्वास करना अस्वीकार किया था, उन्होंने ग़ैर-यहूदियों को उभाड़ा और उनके मन में विश्वासी भाई-बहिनों के प्रति द्वेष भर दिया।
उन्होंने उस नगर में शुभ समाचार का प्रचार किया और बहुत शिष्य बनाये। इसके बाद वे लुस्त्रा और इकोनियुम हो कर अन्ताकिया लौटे।
पौलुस दिरबे और लुस्त्रा नगर भी पहुँचे। वहां तिमोथी नामक एक शिष्य था, जो विश्वासी यहूदी माता तथा यूनानी पिता का पुत्र था।
उन में बहुत लोग विश्वासी बन गये। इसके अतिरिक्त प्रतिष्ठित यूनानी महिलाओं ने और बहुत पुरुषों ने विश्वास किया।
इस कारण वह न केवल सभागृह में यहूदियों तथा ईश्वर-भक्तों के साथ, बल्कि प्रतिदिन चौक में आने-जाने वाले लोगों के साथ भी तर्क-वितर्क करते थे।
उन में कुछ लोगों ने विश्वास किया और वे पौलुस तथा सीलास के साथ सम्मिलित हो गये। बहुत-से ईश्वर-भक्त यूनानियों और अनेक प्रतिष्ठित महिलाओं ने भी यही किया।
पौलुस प्रत्येक विश्राम-दिवस पर सभागृह में तर्क-वितर्क करते और यहूदियों तथा यूनानियों को समझाने का प्रयत्न करते थे।
सभागृह के अध्यक्ष क्रिस्पुस ने अपने सारे परिवार के साथ प्रभु में विश्वास किया। कुरिन्थुस के अनेक निवासियों ने भी पौलुस की बातें सुन कर विश्वास किया और बपतिस्मा ग्रहण किया।
यह क्रम दो वर्षों तक चलता रहा और इस तरह आसिया प्रदेश के निवासियों ने − चाहे वे यहूदी हों या यूनानी, सब ने प्रभु का वचन सुना।
इफिसुस के निवासियों को − चाहे वे यहूदी हों या यूनानी, सब को, यह बात मालूम हो गयी। सब पर भय छा गया और प्रभु येशु के नाम का गुणगान होने लगा।
पौलुस तीन महीनों तक सभागृह जाते रहे। वह परमेश्वर के राज्य के विषय में निर्भीकता-पूर्वक बोलते और यहूदियों को समझाते थे।
वे परमेश्वर की स्तुति किया करते थे और सारी जनता उन्हें बहुत मानती थी। प्रभु प्रतिदिन उनके समुदाय में उन लोगों को मिला देता था, जो मुक्ति प्राप्त करते थे।
मैं यहूदियों तथा यूनानियों, दोनों के सम्मुख स्पष्ट साक्षी देता रहा कि वे पश्चात्ताप कर परमेश्वर की ओर अभिमुख हो जाएं और हमारे प्रभु येशु में विश्वास करें।
चिल्लाने लगे, “इस्राएली भाइयो! हमारी सहायता कीजिये! यह वही व्यक्ति है, जो सब जगह सब लोगों में ऐसी शिक्षा का प्रचार करता है, जो हमारी जाति, हमारी व्यवस्था और इस मन्दिर के विरुद्ध है। यही नहीं, इसने यूनानियों को मन्दिर में लाकर इस पवित्र स्थान को भ्रष्ट कर दिया है।”
वह शीघ्र ही सभागृहों में येशु के विषय में प्रचार करने लगे कि वही परमेश्वर के पुत्र हैं।
शुभ समाचार से मैं लज्जित नहीं होता! यह परमेश्वर का सामर्थ्य है, जो प्रत्येक विश्वासी के लिए—पहले यहूदी और फिर यूनानी के लिए—मुक्ति का स्रोत है।
इसलिए यहूदी और यूनानी में कोई भेद नहीं है—सब का प्रभु एक ही है। वह उन सब के प्रति उदार है, जो उसकी दुहाई देते हैं;
किन्तु उन्होंने तीतुस को, जो मेरे साथ आये थे और यूनानी हैं, इसके लिए बाध्य नहीं किया कि वह अपना खतना करायें।
अब न तो कोई यहूदी है और न यूनानी, न तो कोई दास है और न स्वतन्त्र, न तो कोई पुरुष है और न स्त्री-आप सब येशु मसीह में एक हो गये हैं।
इस नवीनता में कोई भेद नहीं रहता, इसमें न यूनानी है, न यहूदी; न खतना है, न खतने का अभाव; न बर्बर है, न स्कूती, न दास और न स्वतन्त्र। केवल मसीह हैं, जो सब कुछ और सब में हैं।
तुम जानते हो कि अन्ताकिया, इकोनियुम तथा लुस्त्रा जैसे नगरों में मुझ पर क्या-क्या अत्याचार हुए और मुझे कितना सताया गया। मैंने कितने अत्याचार सहे! किन्तु प्रभु सब में मेरी रक्षा करता रहा है।