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प्रेरितों के काम 13:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

जब वे प्रभु की उपासना में लगे हुये थे और उपवास कर रहे थे तो पवित्र आत्‍मा ने कहा, “मैंने बरनबास तथा शाऊल को एक विशेष कार्य के लिए बुलाया है। उन्‍हें मेरे लिए अलग करो।”

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पवित्र बाइबल

वे जब उपवास करते हुए प्रभु की उपासना में लगे हुए थे, तभी पवित्र आत्मा ने कहा, “बरनाबास और शाऊल को जिस काम के लिये मैंने बुलाया है, उसे करने के लिये मेरे निमित्त, उन्हें अलग कर दो।”

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Hindi Holy Bible

जब वे उपवास सहित प्रभु की उपासना कर रहे था, तो पवित्र आत्मा ने कहा; मेरे निमित्त बरनबास और शाऊल को उस काम के लिये अलग करो जिस के लिये मैं ने उन्हें बुलाया है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

जब वे उपवास सहित प्रभु की उपासना कर रहे थे, तो पवित्र आत्मा ने कहा, “मेरे लिये बरनबास और शाऊल को उस काम के लिये अलग करो जिसके लिये मैं ने उन्हें बुलाया है।”

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नवीन हिंदी बाइबल

जब वे उपवास के साथ प्रभु की उपासना कर रहे थे तो पवित्र आत्मा ने कहा, “मेरे लिए बरनाबास और शाऊल को उस कार्य के लिए अलग करो जिसके लिए मैंने उन्हें बुलाया है।”

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सरल हिन्दी बाइबल

जब ये लोग प्रभु की आराधना और उपवास कर रहे थे, पवित्र आत्मा ने उनसे कहा, “बारनबास तथा शाऊल को उस सेवा के लिए समर्पित करो, जिसके लिए मैंने उनको बुलाया है.”

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

जब वे उपवास सहित प्रभु की उपासना कर रहे थे, तो पवित्र आत्मा ने कहा, “मेरे लिये बरनबास और शाऊल को उस काम के लिये अलग करो जिसके लिये मैंने उन्हें बुलाया है।”

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प्रेरितों के काम 13:2
41 क्रॉस रेफरेंस  

इसके अतिरिक्‍त दाऊद ने उप-पुरोहितों में से कुछ व्यक्‍तियों को धर्म-सेवकों के रूप में नियुक्‍त किया। ये प्रभु की मंजूषा के सम्‍मुख उपस्‍थित रहते थे। इनका कार्य यह था: इस्राएली राष्‍ट्र के प्रभु परमेश्‍वर का स्‍मरण, सराहना और स्‍तुति करना।


“तब मैं अपने स्‍वामी परमेश्‍वर की ओर उन्‍मुख हुआ। मैंने पश्‍चात्ताप प्रकट करने के लिए टाट के वस्‍त्र पहिने, और अपने सिर पर राख डाली। मैंने उपवास रखा। मैं परमेश्‍वर की कृपा-दृष्‍टि पाने के लिए प्रार्थना और विनती करने लगा।


[परन्‍तु भूतों की यह जाति प्रार्थना तथा उपवास के सिवा किसी और उपाय से नहीं निकाली जा सकती]।”


“जब तुम उपवास करते हो तब ढोंगियों की तरह मुँह उदास बनाकर उपवास नहीं करो। वे अपना मुँह मलिन बना लेते हैं, जिस से लोग यह समझें कि वे उपवास कर रहे हैं। मैं तुम लोगों से सच कहता हूँ, वे अपना पुरस्‍कार पा चुके हैं।


इसलिए फसल के स्‍वामी से विनती करो कि वह अपनी फसल काटने के लिए मजदूरों को भेजे।”


इसके बाद प्रभु ने अन्‍य बहत्तर शिष्‍यों को नियुक्‍त किया और जिस-जिस नगर और गाँव में वे स्‍वयं जाने वाले थे, वहाँ दो-दो करके उन्‍हें अपने आगे भेजा।


और फिर विधवा हो गयी थी। अब वह चौरासी वर्ष की थी। वह मन्‍दिर से बाहर नहीं जाती थी और उपवास तथा प्रार्थना करते हुए दिन-रात परमेश्‍वर की सेवा में लगी रहती थी।


पतरस अब भी उस दर्शन के विषय में विचार कर रहे थे कि आत्‍मा ने उनसे कहा, “देखो! तीन मनुष्‍य तुम को ढूंढ़ रहे हैं।


करनेलियुस ने उत्तर दिया, “चार दिन पहले इसी समय मैं अपने घर में तीन बजे की प्रार्थना कर रहा था कि उजले वस्‍त्र पहने एक पुरुष मेरे सामने आ खड़ा हुआ।


तब उन्‍होंने उपवास तथा प्रार्थना कर बरनबास तथा शाऊल पर हाथ रखे और उन्‍हें विदा किया।


इस प्रकार पवित्र आत्‍मा द्वारा प्रेषित बरनबास और शाऊल सिलूकिया बन्‍दरगाह गये और वहां से वे जलयान पर कुप्रुस† द्वीप चले।


वहाँ से उन्‍होंने जलयान पर महानगर अन्‍ताकिया को प्रस्‍थान किया, जहाँ उन्‍हें उस कार्य के लिए परमेश्‍वर के अनुग्रह को अर्पित किया गया था, जो उन्‍होंने अब पूरा कर लिया था।


“आप लोग अपने लिए और सारे झुण्‍ड के लिए सावधान रहिए। पवित्र आत्‍मा ने आप को झुण्‍ड की रखवाली का भार सौंपा है, ताकि आप परमेश्‍वर की कलीसिया के सच्‍चे चरवाहे बने रहें, जिसे उसने अपने पुत्र का रक्‍त दे कर प्राप्‍त किया है।


इस पर प्रभु ने मुझ से कहा, ‘जा, क्‍योंकि मैं तुझे अन्‍य-जातियों के पास दूर-दूर तक भेजूँगा’।”


उदाहरण के लिये यूसुफ नामक एक व्यक्‍ति था। वह लेवी वंश का था। उसका जन्‍म कुप्रुस द्वीप में हुआ था। प्रेरितों ने उसका उपनाम बरनबास अर्थात् “सान्‍त्‍वना-पुत्र” रखा था।


और हम लोग प्रार्थना में और वचन की सेवा में लगे रहेंगे।”


आत्‍मा ने फ़िलिप से कहा, “आगे बढ़िए और रथ के साथ चलिए।”


प्रभु ने हनन्‍याह से कहा, “जाओ। वह मेरा निर्वाचित पात्र है। वह अन्‍यजातियों, राजाओं तथा इस्राएलियों के सम्‍मुख मेरे नाम का प्रचार करेगा।


यह पत्र येशु मसीह के सेवक पौलुस की ओर से है, जो परमेश्‍वर के द्वारा प्रेरित होने के लिए बुलाया गया है और उसके शुभ समाचार के प्रचार के लिए पृथक किया गया है।


और यदि वह भेजा नहीं जाये, तो कोई प्रचारक कैसे बन सकता है? धर्मग्रन्‍थ में लिखा है, “कल्‍याण का शुभ समाचार सुनाने वालों के चरण कितने सुन्‍दर लगते हैं!”


कि मैं, गैर-यहूदियों को लिए येशु मसीह का जन्‍म-सेवक बनकर, परमेश्‍वर के शुभ समाचार की सेवा पुरोहित के रूप में करूँ, जिससे गैर-यहूदी, पवित्र आत्‍मा द्वारा पवित्र किये जाने के बाद, परमेश्‍वर को अर्पित और सुग्राह्य हो जायें।


एक ही और वही आत्‍मा यह सब करता है। वह अपनी इच्‍छा के अनुसार प्रत्‍येक को अलग-अलग वरदान देता है।


आप लोग एक-दूसरे को उस अधिकार से वंचित नहीं करें और यदि ऐसा करें, तो दोनों की सहमति से और कुछ समय के लिए, जिससे प्रार्थना का अवकाश मिले और इसके बाद पहले-जैसे रहें। कहीं ऐसा न हो कि शैतान असंयम के कारण आप को प्रलोभन में डाल दे।


मैंने कठोर परिश्रम किया और बहुत-सी रातें जागते हुए बितायीं। मुझे अकसर भोजन नहीं मिला। भूख-प्‍यास, ठण्‍ड और कपड़ों का अभाव−यह सब मैं सहता रहा


हमें कोड़ों से मारा गया, कारागार में डाला गया, हम पर भीड़ ने उत्‍पात किया। हमने अत्‍यधिक परिश्रम किया, हम रात-रात भर जागे और भूखे रहे।


किन्‍तु परमेश्‍वर ने मुझे माता के गर्भ से ही अपने कार्य के लिए अलग कर लिया था और उसने अपने अनुग्रह से मुझे बुलाया;


परमेश्‍वर ने अपने सामर्थ्य के प्रभाव से मुझे यह कृपा प्रदान की कि मैं उस शुभसमाचार का सेवक बनूँ।


उस समय प्रभु ने लेवी कुल को पृथक किया कि वे प्रभु की विधान-मंजूषा को वहन करें। वे प्रभु के सम्‍मुख प्रस्‍तुत रहकर उसकी सेवा करें और उसके नाम से आशिष दें, जैसा वे आज भी करते हैं।


आप लोग भाई अर्खिप्‍पुस से यह कहें, “जो धर्मसेवा आप को प्रभु के नाम पर सौंपी गयी है, उसे अच्‍छी तरह पूरा करने का ध्‍यान रखिए।”


मैं सच कहता हूँ, झूठ नहीं बोलता। मैं इसी का प्रचारक तथा प्रेरित, गैर-यहूदियों के लिए विश्‍वास तथा सत्‍य का शिक्षक नियुक्‍त हुआ हूँ।


मैं उस शुभ समाचार का प्रचारक, प्रेरित तथा शिक्षक नियुक्‍त किया गया हूँ।


तुम्‍हें अनेक सािक्षयों के सामने मुझ से जो शिक्षा मिली, उसे तुम ऐसे विश्‍वस्‍त व्यक्‍तियों को सौंप दो, जो स्‍वयं दूसरों को शिक्षा देने योग्‍य हों।


केवल लूकस मेरे साथ है। मारकुस को अपने साथ ले कर आओ, क्‍योंकि मुझे सेवा-कार्य में उस से बहुत सहायता मिलती है।


परन्‍तु तुम सब बातों में सन्‍तुलित बने रहो, धैर्य से कष्‍ट सहो, शुभ समाचार के प्रचार में लगे रहो और अपने सेवा-कार्य के सब कर्त्तव्‍य पूरे करते जाओ।


कोई भी अपने आप यह गौरवपूर्ण पद नहीं अपनाता। प्रत्‍येक महापुरोहित हारून की भाँति परमेश्‍वर द्वारा बुलाया जाता है।


तत्‍पश्‍चात् हन्नाह अपने घर रामाह नगर चली गईं। बालक शमूएल पुरोहित एली की उपस्‍थिति में प्रभु की सेवा करने लगा।