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दानिय्येल 9:3 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

3 “तब मैं अपने स्‍वामी परमेश्‍वर की ओर उन्‍मुख हुआ। मैंने पश्‍चात्ताप प्रकट करने के लिए टाट के वस्‍त्र पहिने, और अपने सिर पर राख डाली। मैंने उपवास रखा। मैं परमेश्‍वर की कृपा-दृष्‍टि पाने के लिए प्रार्थना और विनती करने लगा।

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पवित्र बाइबल

3 फिर मैं अपने स्वामी परमेश्वर की ओर मुड़ा और उससे प्रार्थना करते हुए सहायता की याचना की। मैंने भोजन करना छोड़ दिया और ऐसे कपड़े पहन लिये जिनसे यह लगे कि मैं दु:खी हूँ। मैंने अपने सिर पर धूल डाल ली।

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Hindi Holy Bible

3 तब मैं अपना मुख परमेश्वर की ओर कर के गिड़गिड़ाहट के साथ प्रार्थना करने लगा, और उपवास कर, टाट पहिन, राख में बैठ कर वरदान मांगने लगा।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

3 तब मैं अपना मुख प्रभु परमेश्‍वर की ओर करके गिड़गिड़ाहट के साथ प्रार्थना करने लगा, और उपवास कर, टाट पहिन, राख में बैठकर वरदान माँगने लगा।

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सरल हिन्दी बाइबल

3 अतः मैं टाट का वस्त्र पहने, राख लगाये, उपवास करते हुए प्रभु परमेश्वर से गिड़गिड़ाकर प्रार्थना और याचना करने लगा.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

3 तब मैं अपना मुख प्रभु परमेश्वर की ओर करके गिड़गिड़ाहट के साथ प्रार्थना करने लगा, और उपवास कर, टाट पहन, राख में बैठकर विनती करने लगा।

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दानिय्येल 9:3
30 क्रॉस रेफरेंस  

दाऊद ने बालक के लिए परमेश्‍वर से अनुनय-विनय की। उसने उपवास किया। वह महल में आया। वह रात भर भूमि पर पड़ा रहा।


उसके बाद एज्रा परमेश्‍वर के भवन के सामने से उठकर योहानान बेन-एल्‍याशीब के कमरे में गया, और उसने वहां बिना खाए-पीए रात बिताई; क्‍योंकि वह निष्‍कासन से लौटे इस्राएलियों के विश्‍वासघात के लिए शोक मना रहा था।


तब मैंने अहवा नदी के तट पर सामूहिक उपवास की घोषणा की ताकि हम परमेश्‍वर के सम्‍मुख विनम्र बनें, और उससे स्‍वयं की, अपने बच्‍चों की तथा सम्‍पत्ति की रक्षा के लिए निर्विघ्‍न यात्रा की मांग करें।


मैं सन्‍ध्‍या-बलि के समय उपवास की स्‍थिति से उठा। मेरे वस्‍त्र और चादर फटी हुई थी। मैंने घुटने टेके, और अपने प्रभु परमेश्‍वर की ओर हाथ फैलाकर यह कहा :


इसी महीने के चौबीसवें दिन इस्राएली समाज ने सामूहिक उपवास किया। उन्‍होंने प्रायश्‍चित प्रकट करने के लिए टाट के वस्‍त्र पहिने और सिर पर राख डाली, और वे एक स्‍थान पर एकत्र हुए।


‘जाओ, और शूशन नगर के सब यहूदियों को एकत्र करो, और मेरे लिए सामूहिक उपवास करो। तीन दिन और रात न भोजन करना, और न पानी पीना। तुम्‍हारे समान मैं भी अपनी सखियों के साथ उपवास करूंगी। तब मैं महाराज के पास जाऊंगी, यद्यपि ऐसा करना नियम के विरुद्ध होगा। यदि मुझे मरना ही पड़ेगा तो मैं मर जाऊंगी।’


अत: मुझे अपने ऊपर ग्‍लानि होती है; मैं धूलि और राख में लेट कर पश्‍चात्ताप करता हूँ।’


परन्‍तु जब वे रोगी थे, तब मैंने पश्‍चात्ताप के लिए टाट ओढ़ा था। स्‍वयं को भूख-प्‍यास से पीड़ित किया था। मैंने नतमस्‍तक हो प्रार्थना की थी।


उस दिन स्‍वर्गिक सेनाओं के प्रभु ने, स्‍वामी ने तुम्‍हें आदेश दिया था कि तुम अपना पश्‍चात्ताप प्रकट करने के लिए रोओ, शोक मनाओ, सिर मुंड़ाओ, टाटवस्‍त्र पहिनो।


यिर्मयाह, मुझे पुकार और मैं तुझे उत्तर दूंगा। मैं तुझे महान और रहस्‍यमय बातें बताऊंगा जो तू नहीं जानता है।


स्‍वामी-प्रभु यों कहता है, ‘मैं इस्राएल वंशियों को अनुमति दूंगा कि वे मुझसे विनती करें और मैं उनके लिए उस कार्य को करूं। निस्‍सन्‍देह वे मुझसे विनती करेंगे, और मैं उनके मनुष्‍यों की संख्‍या भेड़-बकरियों की तरह बढ़ा दूंगा।


जब दानिएल को यह मालूम हुआ कि निषेधाज्ञा के पत्र पर सम्राट दारा का हस्‍ताक्षर हो गया, तब वह अपने घर गए। उनके घर की ऊपरी मंजिल के कमरे की खिड़कियां यरूशलेम नगर की दिशा में खुलती थीं। वह दिन में तीन बार घुटने टेककर परमेश्‍वर से प्रार्थना करते और उसको धन्‍यवाद दिया करते थे। आज भी उन्‍होंने वैसा ही किया।


उसके राज्‍य-काल के प्रथम वर्ष में मैं-दानिएल ने धर्मग्रन्‍थों में उल्‍लिखित उन वर्षों की संख्‍या की गणना कर ली, जिनके दौरान यरूशलेम नगर उजाड़ पड़ा रहेगा, जैसा प्रभु ने नबी यिर्मयाह के माध्‍यम से बताया था। यह संख्‍या थी सत्तर वर्ष।


“इस प्रकार मैं बोल रहा था। मैं प्रार्थना कर रहा था। मैं अपने और अपनी इस्राएली कौम के पाप को स्‍वीकार कर रहा था। जब मैं अपने प्रभु परमेश्‍वर के सम्‍मुख उसके पवित्र पहाड़ी नगर के लिए याचना प्रस्‍तुत कर रहा था;


मैंने प्रभु परमेश्‍वर से अपना पाप स्‍वीकार किया, और तब उससे इन शब्‍दों में प्रार्थना की : “हे स्‍वामी, तू महान और भययोग्‍य परमेश्‍वर है। जो लोग तुझसे प्रेम करते हैं, और तेरी आज्ञाओं का पालन करते हैं, उन पर तू करुणा करता है, और उनके साथ अपने विधान को पूरा करता है।


ओ पुरोहितो, पश्‍चात्ताप के लिए, टाट-वस्‍त्र पहिनो, और रोओ। ओ प्रभु-वेदी के सेवको, विलाप करो। ओ मेरे परमेश्‍वर के सेवको, पवित्र स्‍थान में जाओ, और रात-भर पश्‍चात्ताप के लिए टाट-वस्‍त्र पहिने रहो, क्‍योंकि विपत्ति के कारण अब आराधक तुम्‍हारे परमेश्‍वर के भवन में अन्नबलि और पेयबलि नहीं चढ़ाते।


प्रभु का यह सन्‍देश है : ‘अब भी तुम पूर्ण हृदय से उपवास करते, शोक मनाते और रोते हुए मेरे पास लौटो। पश्‍चात्ताप करने के लिए


नीनवे के नागरिकों ने परमेश्‍वर पर विश्‍वास किया। उन्‍होंने पश्‍चात्ताप करने के लिए उपवास की घोषणा की। छोटे-बड़े सब नागरिकों ने टाट के वस्‍त्र पहिने।


[परन्‍तु भूतों की यह जाति प्रार्थना तथा उपवास के सिवा किसी और उपाय से नहीं निकाली जा सकती]।”


और फिर विधवा हो गयी थी। अब वह चौरासी वर्ष की थी। वह मन्‍दिर से बाहर नहीं जाती थी और उपवास तथा प्रार्थना करते हुए दिन-रात परमेश्‍वर की सेवा में लगी रहती थी।


करनेलियुस ने उत्तर दिया, “चार दिन पहले इसी समय मैं अपने घर में तीन बजे की प्रार्थना कर रहा था कि उजले वस्‍त्र पहने एक पुरुष मेरे सामने आ खड़ा हुआ।


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