कि सभागृह का एक अधिकारी आया। उसका नाम याईर था। वह येशु को देखते ही उनके चरणों पर गिर पड़ा
प्रेरितों के काम 13:15 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) व्यवस्था तथा नबियों का पाठ समाप्त हो जाने पर सभागृह के अधिकारियों ने उन्हें यह कहला भेजा, “भाइयो! यदि लोगों के प्रोत्साहन के लिये आप कुछ कहना चाहते हैं, तो कहिए।” पवित्र बाइबल व्यवस्था के विधान और नबियों के ग्रन्थों का पाठ कर चुकने के बाद यहूदी प्रार्थना सभागार के अधिकारियों ने उनके पास यह संदेश कहला भेजा, “हे भाईयों, लोगों को शिक्षा देने के लिये तुम्हारे पास कहने को कोई और वचन है तो उसे सुनाओ।” Hindi Holy Bible और व्यवस्था और भविष्यद्वक्ताओं की पुस्तक के पढ़ने के बाद सभा के सरदारों ने उन के पास कहला भेजा, कि हे भाइयों, यदि लोगों के उपदेश के लिये तुम्हारे मन में कोई बात हो तो कहो। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) व्यवस्था और भविष्यद्वक्ताओं की पुस्तक से पढ़ने के बाद आराधनालय के सरदारों ने उनके पास कहला भेजा, “हे भाइयो, यदि लोगों के उपदेश के लिये तुम्हारे मन में कोई बात हो तो कहो।” नवीन हिंदी बाइबल व्यवस्था और भविष्यवक्ताओं की पुस्तकों से पढ़ने के बाद आराधनालय के अधिकारियों ने उनके पास कहला भेजा, “भाइयो, यदि तुम्हारे पास लोगों के लिए प्रोत्साहन का कोई वचन है तो कहो।” सरल हिन्दी बाइबल जब व्यवस्था तथा भविष्यद्वक्ताओं के ग्रंथों का पढ़ना समाप्त हो चुका, सभागृह के अधिकारियों ने उनसे कहा, “प्रियजन, यदि आप में से किसी के पास लोगों के प्रोत्साहन के लिए कोई वचन है तो कृपा कर वह उसे यहां प्रस्तुत करे.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 व्यवस्था और भविष्यद्वक्ताओं की पुस्तक से पढ़ने के बाद आराधनालय के सरदारों ने उनके पास कहला भेजा, “हे भाइयों, यदि लोगों के उपदेश के लिये तुम्हारे मन में कोई बात हो तो कहो।” |
कि सभागृह का एक अधिकारी आया। उसका नाम याईर था। वह येशु को देखते ही उनके चरणों पर गिर पड़ा
“योहन बपतिस्मादाता के आगमन तक मूसा की व्यवस्था और नबी प्रभावी रहे। अब योहन के आगमन के समय से परमेश्वर के राज्य का शुभ समाचार सुनाया जा रहा है और सब उसमें प्रवेश करने का बलपूर्वक प्रयत्न कर रहे हैं।
“ भाइयो! यह अनिवार्य था कि धर्मग्रन्थ की वह भविष्यवाणी पूरी हो जाये, जो पवित्र आत्मा ने दाऊद के मुख से यूदस [यहूदा] के विषय में की थी। यूदस तो येशु को गिरफ्तार करने वालों का अगुआ बन गया।
यरूशलेम के निवासियों तथा उनके शासकों ने येशु को नहीं पहचाना। उन्हें दण्डाज्ञा दिला कर उन्होंने अनजाने ही नबियों के वे कथन पूरे कर दिये, जो प्रत्येक विश्राम-दिवस को पढ़ कर सुनाये जाते हैं।
क्योंकि प्राचीन काल से नगर-नगर में मूसा की इन बातों के प्रचारक विद्यमान हैं, जो प्रत्येक विश्राम-दिवस को सभागृहों में मूसा की व्यवस्था से पाठ करते हैं।”
जब बहुत वाद-विवाद हो चुका तब पतरस ने उठ कर यह कहा : “भाइयो! आप जानते हैं कि परमेश्वर ने प्रारम्भ से आप लोगों में से ही यह चयन किया था कि गैर-यहूदी मेरे मुख से शुभ-समाचार का वचन सुनें और विश्वास करें।
तब सब ने सभागृह के अध्यक्ष सोस्थेनेस को पकड़ कर न्यायालय के सामने ही पीटा, किन्तु गल्लियो ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया।
सभागृह के अध्यक्ष क्रिस्पुस ने अपने सारे परिवार के साथ प्रभु में विश्वास किया। कुरिन्थुस के अनेक निवासियों ने भी पौलुस की बातें सुन कर विश्वास किया और बपतिस्मा ग्रहण किया।
भाइयो! मैं कुलपति दाऊद के विषय में आप लोगों से निस्संकोच यह कह सकता हूँ कि वह मर गये और कबर में रखे गये। उनकी कबर आज तक हमारे बीच विद्यमान है।
यह सुनकर वे मर्माहत हो गये और उन्होंने पतरस तथा अन्य प्रेरितों से पूछा, “भाइयो! हमें क्या करना चाहिए?”
वे सब पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हो गये और जो वाणी का वरदान पवित्र आत्मा ने उन्हें दिया, उस के अनुसार भिन्न-भिन्न भाषाओं में बोलने लगे।
उन्होंने समस्त प्रदेश का दौरा किया और बहुत-से उपदेशों द्वारा विश्वासियों का उत्साह बढ़ाते हुए वह दक्षिण यूनान देश पहुँचे।
उदाहरण के लिये यूसुफ नामक एक व्यक्ति था। वह लेवी वंश का था। उसका जन्म कुप्रुस द्वीप में हुआ था। प्रेरितों ने उसका उपनाम बरनबास अर्थात् “सान्त्वना-पुत्र” रखा था।
स्तीफनुस ने उत्तर दिया, “भाइयो और गुरुजनो! मेरी बात सुनिए। जब हमारे पूर्वज अब्राहम हारान देश में बसने से पहले मेसोपोतामिया में रहते थे, तो उस समय महिमामय परमेश्वर ने उन्हें दर्शन दिये
उपदेशक उपदेश देने में लगे रहें। दान देने वाला उदारता से दे, अधिकारी यत्नपूर्वक नेतृत्व करे और परोपकारक सहर्ष परोपकार करे।
किन्तु जो नबूवत करता है, वह मनुष्यों से आध्यात्मिक निर्माण, प्रोत्साहन और सान्त्वना की बातें करता है।
इस्राएलियों की बुद्धि कुण्ठित हो गयी थी और आज भी, जब प्राचीन विधान पढ़ कर सुनाया जाता है, तो वही परदा पड़ा रहता है। वह पड़ा रहता है, क्योंकि मसीह ही उसे हटा सकते हैं।
हमारा आग्रह न तो भ्रम पर आधारित है, न दूषित अभिप्राय से प्रेरित है और न उस में कोई छल-कपट है।
भाइयो एवं बहिनो! आप से अनुरोध है कि आप मेरे प्रोत्साहन के इन वचनों को धीरज के साथ स्वीकार करें। मैंने संक्षेप में ही आप को यह पत्र लिखा है।