प्रेरितों के काम 12:3 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) और जब उसने यह देखा कि इससे यहूदी प्रसन्न हुए, तो उसने पतरस को भी गिरफ्तार कर लिया। उन दिनों बेखमीर रोटियों का पर्व था। पवित्र बाइबल उसने जब यह देखा कि इस बात से यहूदी प्रसन्न होते हैं तो उसने पतरस को भी बंदी बनाने के लिये हाथ बढ़ाया (यह बिना ख़मीर की रोटी के उत्सव के दिनों की बात है) Hindi Holy Bible और जब उस ने देखा, कि यहूदी लोग इस से आनन्दित होते हैं, तो उस ने पतरस को भी पकड़ लिया: वे दिन अखमीरी रोटी के दिन थे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जब उसने देखा कि यहूदी लोग इस से आनन्दित होते हैं, तो उसने पतरस को भी पकड़ लिया। वे दिन अखमीरी रोटी के दिन थे। नवीन हिंदी बाइबल जब उसने देखा कि यहूदी इससे प्रसन्न होते हैं तो वह पतरस को भी पकड़ने के लिए आगे बढ़ा। वे अख़मीरी रोटी के पर्व के दिन थे। सरल हिन्दी बाइबल जब उसने यह देखा कि उसके ऐसा करने से यहूदी प्रसन्न होते हैं, उसने पेतरॉस को भी बंदी बनाने का निश्चय किया. यह अखमीरी रोटी के पर्व का अवसर था. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जब उसने देखा, कि यहूदी लोग इससे आनन्दित होते हैं, तो उसने पतरस को भी पकड़ लिया। वे दिन अख़मीरी रोटी के दिन थे। |
तू बेखमीर रोटी का पर्व मनाना। जैसी आज्ञा मैंने तुझे दी है, उसके अनुसार तू निर्धारित समय पर अबीब महीने में सात दिन तक बेखमीर रोटी खाना; क्योंकि तुम उस महीने में मिस्र देश से बाहर निकले थे। कोई भी व्यक्ति मेरे दर्शन के लिए खाली हाथ न आए।
बेखमीर रोटी के पर्व के पहले दिन शिष्य येशु के पास आ कर बोले, “आप क्या चाहते हैं? हम कहाँ आपके लिए पास्का पर्व के भोज की तैयारी करें?”
येशु ने उत्तर दिया, “यदि आप को ऊपर से अधिकार न दिया गया होता, तो आपका मुझ पर कोई अधिकार नहीं होता। इसलिए जिसने मुझे आपके हाथ सौंपा है, उसका पाप अधिक है।”
“मैं तुम से सच-सच कहता हूँ : जब तुम युवा थे तब तुम स्वयं अपनी कमर कस कर जहाँ चाहते थे, वहाँ घूमते-फिरते थे। किन्तु जब तुम वृद्ध होगे, तब तुम अपने हाथ फैलाओगे और दूसरा व्यक्ति तुम्हारी कमर कस कर तुम्हें वहाँ ले जाएगा, जहाँ तुम जाना नहीं चाहते।”
उसने पतरस को पकड़वा कर बन्दीगृह में डलवाया और उसे चार-चार सैनिकों के चार दलों के पहरे में रख दिया। वह पास्का (फसह) पर्व के बाद उसे लोगों के सामने पेश करना चाहता था।
पतरस ने ग्यारहों के साथ खड़े हो कर लोगों को सम्बोधित करते हुए ऊंचे स्वर से कहा, “यहूदी भाइयो और यरूशलेम के सब निवासियो! आप मेरी बात ध्यान से सुनें और यह जान लें कि
हमने बेखमीर रोटी के पर्व के पश्चात् फिलिप्पी नगर से जलयात्रा आरंभ की और पाँच दिन बाद त्रोआस में उनके पास पहुँचे, जहाँ हम सात दिन रहे।
किन्तु जब दो वर्षों के बाद राज्यपाल फ़ेलिक्स के स्थान पर पोर्कियुस फेस्तुस नियुक्त हुआ, तब फ़ेलिक्स यहूदी धर्मगुरुओं को प्रसन्न करने के उद्देश्य से पौलुस को बन्दीगृह में ही छोड़ गया।
किन्तु फ़ेस्तुस ने यहूदी अधिकारियों को प्रसन्न करने के लिए पौलुस से पूछा, “क्या तुम यरूशलेम जाना चाहते हो, जिससे वहाँ मेरे सामने इन बातों के विषय में तुम्हारा न्याय किया जाये?”
पतरस और योहन की निर्भीकता देख कर और यह जानकर कि वे अशििक्षत तथा साधारण मनुष्य हैं, धर्म-महासभा के सदस्य अचम्भे में पड़ गये। फिर, वे पहचान गये कि ये तो येशु के साथ रह चुके हैं;
मैं अब किसका कृपापात्र बनने की कोशिश कर रहा हूँ—मनुष्यों का अथवा परमेश्वर का? क्या मैं मनुष्यों को प्रसन्न करना चाहता हूँ? यदि मैं अब तक मनुष्यों को प्रसन्न करना चाहता, तो मैं मसीह का सेवक नहीं होता।
परमेश्वर ने हमें योग्य समझ कर शुभ समाचार सौंपा है। इसलिए हम मनुष्यों को नहीं, बल्कि हमारा हृदय परखनेवाले परमेश्वर को प्रसन्न करने के लिए उपदेश देते हैं।