प्रेरितों तथा यहूदा-प्रदेश के विश्वासी भाई-बहिनों को यह पता चला कि गैर-यहूदियों ने भी परमेश्वर का वचन स्वीकार कर लिया है।
प्रेरितों के काम 11:22 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जब उनके विषय में यरूशलेम की कलीसिया के कानों तक समाचार पहुँचा, तब उसने बरनबास को अन्ताकिया भेजा। पवित्र बाइबल इसका समाचार जब यरूशलेम में कलीसिया के कानों तक पहुँचा तो उन्होंने बरनाबास को अन्ताकिया जाने को भेजा। Hindi Holy Bible तब उन की चर्चा यरूशलेम की कलीसिया के सुनने में आई, और उन्होंने बरनबास को अन्ताकिया भेजा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जब उनकी चर्चा यरूशलेम की कलीसिया के सुनने में आई, तो उन्होंने बरनबास को अन्ताकिया भेजा। नवीन हिंदी बाइबल जब उनके विषय में यह चर्चा यरूशलेम की कलीसिया के कानों तक पहुँची, तो उन्होंने बरनाबास को अंताकिया भेजा। सरल हिन्दी बाइबल यह समाचार येरूशलेम की कलीसिया में भी पहुंचा. इसलिये उन्होंने बारनबास को अंतियोख़ नगर भेजा. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब उनकी चर्चा यरूशलेम की कलीसिया के सुनने में आई, और उन्होंने बरनबास को अन्ताकिया भेजा। |
प्रेरितों तथा यहूदा-प्रदेश के विश्वासी भाई-बहिनों को यह पता चला कि गैर-यहूदियों ने भी परमेश्वर का वचन स्वीकार कर लिया है।
स्तीफनुस को लेकर यरूशलेम में सताव प्रारम्भ हुआ था। जो लोग इसके कारण बिखर गये थे, वे फीनीके प्रदेश, कुप्रुस द्वीप तथा अन्ताकिया महानगर तक पहुँच गये। वे यहूदियों के अतिरिक्त किसी को संदेश नहीं सुनाते थे।
किन्तु उन में से कुछ कुप्रुस† तथा कुरेने के निवासी थे। जब वे अन्ताकिया पहुँचे, तब उन्होंने यूनानी भाषा-भाषियों को भी प्रभु येशु का शुभ-समाचार सुनाया।
और जब वह उन्हें मिले तो वह शाऊल को अन्ताकिया ले आये। वे दोनों पूरे एक वर्ष तक वहाँ की कलीसिया के साथ रहे और बहुत-से लोगों को शिक्षा देते रहे। सब से पहले अन्ताकिया में ही येशु के शिष्य ‘मसीही’ कहलाए।
इस विषय पर पौलुस और बरनबास तथा उन लोगों के बीच तीव्र मतभेद और वाद-विवाद छिड़ गया, और यह निश्चय किया गया कि पौलुस तथा बरनबास, अन्ताकिया के कुछ लोगों के साथ, यरूशलेम जायेंगे और इस प्रश्न पर प्रेरितों तथा धर्मवृद्धों से परामर्श करेंगे।
तब समस्त कलीसिया की सहमति से प्रेरितों तथा धर्मवृद्धों ने निश्चय किया कि उन में से कुछ लोगों को चुन कर पौलुस तथा बरनबास के साथ महानगर अन्ताकिया भेजा जाये। उन्होंने दो व्यक्तियों को चुना, जो भाई-बहिनों में प्रमुख थे, अर्थात् यहूदा को, जो बरसब्बास कहलाता था, तथा सीलास को,
कैसरिया बन्दरगाह पहुँचे। वहाँ से वह कलीसिया का अभिवादन करने गये, और यरूशलेम से महानगर अन्ताकिया चले गये।
यह बात समस्त सभा को अच्छी लगी। उन्होंने स्तीफनुस नामक व्यक्ति को, जो विश्वास तथा पवित्र आत्मा से परिपूर्ण था, तथा फ़िलिप, प्रोखुरुस, निकानोर, तीमोन, परमिनास और अन्ताकिया-निवासी नवयहूदी निकोलास को चुना
जब यरूशलेम में रहने वाले प्रेरितों ने यह सुना कि सामरियों ने परमेश्वर का वचन स्वीकार कर लिया है, तो उन्होंने पतरस और योहन को उनके पास भेजा।
तब बरनबास उनको प्रेरितों के पास ले गये और बताया कि शाऊल ने मार्ग में किस प्रकार प्रभु के दर्शन किये और प्रभु ने उन से बात की। बरनबास ने उन्हें यह भी बताया कि किस प्रकार पौलुस ने दमिश्क में निर्भीकता से येशु के नाम का प्रचार किया।
तिमोथी अभी-अभी आप के यहाँ से लौटे हैं और आप के विश्वास तथा प्रेम के विषय में अच्छा समाचार लाये हैं। वह हमें बताते हैं कि आप सदा हम को प्रेम से याद करते हैं और हमें फिर देखने के लिए उतने ही उत्सुक हैं, जितने हम आप लोगों को देखने के लिए।