इसके बाद राज्यपाल के सैनिक येशु को राजभवन के अन्दर ले गए और उन्होंने येशु के पास सारा सैन्य-दल एकत्र कर लिया।
प्रेरितों के काम 10:1 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) कैसरिया में करनेलियुस नामक एक मनुष्य रहता था। वह इतालवी नामक सेना-दल का शतपति था। पवित्र बाइबल कैसरिया में कुरनेलियुस नाम का एक व्यक्ति था। वह सेना के उस दल का नायक था जिसे इतालवी कहा जाता था। Hindi Holy Bible कैसरिया में कुरनेलियुस नाम ऐक मनुष्य था, जो इतालियानी नाम पलटन का सूबेदार था। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) कैसरिया में कुरनेलियुस नाम का एक मनुष्य था, जो इतालियानी नामक पलटन का सूबेदार था। नवीन हिंदी बाइबल कैसरिया में कुरनेलियुस नामक एक व्यक्ति था। वह उस सैन्य दल का शतपति था जो इतालियानी कहलाता था। सरल हिन्दी बाइबल कयसरिया नगर में कॉरनेलियॉस नामक एक व्यक्ति थे, जो इतालियन नामक सैन्य दल के शताधिपति थे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 कैसरिया में कुरनेलियुस नामक एक मनुष्य था, जो इतालियानी नाम सैन्य-दल का सूबेदार था। |
इसके बाद राज्यपाल के सैनिक येशु को राजभवन के अन्दर ले गए और उन्होंने येशु के पास सारा सैन्य-दल एकत्र कर लिया।
शतपति और उसके साथ येशु पर पहरा देने वाले सैनिक भूकम्प और इन सब घटनाओं को देख कर अत्यन्त भयभीत हो गये और बोल उठे, “निश्चय ही, यह परमेश्वर का पुत्र था।”
इसके बाद सैनिक येशु को भवन के अन्दर, अर्थात् राजभवन में, ले गए और उन्होंने वहाँ सारा सैन्य-दल एकत्र कर लिया।
वहाँ किसी रोमन शतपति का अत्यन्त प्रिय सेवक गंभीर रूप से बीमार था, और मृत्यु के निकट था।
इसलिए यूदस, सैन्यदल और महापुरोहितों तथा फरीसियों के भेजे हुए सिपहियों के साथ, वहाँ आ पहुँचा। वे लालटेनें, मशालें और हथियार लिये हुए थे।
वह अगले दिन कैसरिया पहुंचे। करनेलियुस अपने सम्बन्धियों और घनिष्ठ मित्रों को बुला कर उन लोगों की प्रतीक्षा कर रहा था।
वे पौलुस का वध करना चाहते ही थे कि रोमन सैन्यदल के नायक को सूचना मिली कि समस्त यरूशलेम में उपद्रव मचा हुआ है।
वहाँ से चल कर हम दूसरे दिन कैसरिया पहुँचे। हम शुभसमाचार-प्रचारक फिलिप के घर गये और उसके यहाँ ठहरे। वह “सात सेवकों” में से एक था।
जब वे कोड़े लगाने के लिए उन्हें बाँध रहे थे, तो पौलुस ने पास खड़े शतपति से पूछा, “क्या आप कानून के अनुसार ऐसे व्यक्ति को कोड़े लगा सकते हैं, जो रोमन नागरिक है और दोषी भी प्रमाणित नहीं हुआ है?”
तब सेना-नायक ने दो शतपतियों को बुलाया और उनसे कहा, “आज रात नौ बजे तक कैसरिया जाने के लिए दो सौ सैनिक, सत्तर घुड़सवार और दो सौ भाला-बरदार तैयार रखो।
घुड़सवारों ने कैसरिया पहुँच कर राज्यपाल को वह पत्र दिया और पौलुस को उसके सम्मुख प्रस्तुत किया।
कुछ दिन बीतने के पश्चात् राजा अग्रिप्पा और उसकी बहिन बिरनीके राज्यपाल फेस्तुस का अभिवादन करने कैसरिया में आये।
जब यह निश्चित हो गया कि हम जलमार्ग से इटली जायेंगे, तो पौलुस और कुछ अन्य बन्दियों को यूलियुस नामक शतपति के हाथ सौंप दिया गया। यूलियुस सम्राट औगुस्तुस के सैन्यदल का था।
इस पर पौलुस ने शतपति और सैनिकों से कहा, “यदि ये जलयान पर नहीं रहेंगे, तो आप लोग बच नहीं सकते।”
किन्तु शतपति ने पौलुस को बचाने के विचार से उनकी योजना रोक दी। उसने आदेश दिया कि जो तैर सकते हैं, वे पहले समुद्र में कूद कर तट पर निकल जाएं
फ़िलिप ने अपने को अश्दोद नगर में पाया और वह कैसरिया पहुँचने तक सब नगरों में शुभ समाचार का प्रचार करता रहा।