प्रकाशितवाक्य 8:7 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) पहले ने तुरही बजायी। इस पर रक्त से मिश्रित ओले एवं आग उत्पन्न हुई और पृथ्वी पर डाली गयी। एक तिहाई पृथ्वी भस्म हो गयी, एक तिहाई वृक्ष भस्म हो गये और सारी हरी घास भस्म हो गयी। पवित्र बाइबल पहले स्वर्गदूत ने तुरही में जैसे ही फूँक मारी, वैसे ही लहू ओले और अग्नि एक साथ मिले जुले दिखाई देने लगे और उन्हें धरती पर नीचे उछाल कर फेंक दिया गया। जिससे धरती का एक तिहाई भाग जल कर भस्म हो गया। एक तिहाई पेड़ जल गए और समूची हरी घास राख हो गई। Hindi Holy Bible पहिले स्वर्गदूत ने तुरही फूंकी, और लोहू से मिले हुए ओले और आग उत्पन्न हुई, और पृथ्वी पर डाली गई; और पृथ्वी की एक तिहाई जल गई, और पेडों की एक तिहाई जल गई, और सब हरी घास भी जल गई॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) पहले स्वर्गदूत ने तुरही फूँकी, और लहू से मिले हुए ओले और आग उत्पन्न हुई, और पृथ्वी पर डाली गई; और पृथ्वी की एक तिहाई जल गई, और पेड़ों की एक तिहाई जल गई, और सब हरी घास भी जल गई। नवीन हिंदी बाइबल पहले स्वर्गदूत ने जब तुरही फूँकी, तो लहू मिले हुए ओले और आग उत्पन्न हुए, जिन्हें पृथ्वी पर फेंक दिया गया; और पृथ्वी का एक-तिहाई भाग और एक-तिहाई पेड़ भस्म हो गए, तथा सारी हरी घास भी जलकर भस्म हो गई। सरल हिन्दी बाइबल जब पहले स्वर्गदूत ने तुरही फूंकी तो आग और ओले उत्पन्न हुए, जिनमें लहू मिला हुआ था. उन्हें पृथ्वी पर फेंक दिया गया. परिणामस्वरूप एक तिहाई पृथ्वी जल उठी, एक तिहाई पेड़ भस्म हो गए तथा सारी हरी घास भी. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 पहले स्वर्गदूत ने तुरही फूँकी, और लहू से मिले हुए ओले और आग उत्पन्न हुई, और पृथ्वी पर डाली गई; और एक तिहाई पृथ्वी जल गई, और एक तिहाई पेड़ जल गई, और सब हरी घास भी जल गई। (यहे. 38:22) |
मूसा फरओ के पास से नगर के बाहर गए, और प्रभु की ओर अपने हाथ फैलाए। अत: मेघों की गरज एवं ओलों की वर्षा रुक गई। पृथ्वी पर वर्षा भी बन्द हो गई।
देख, तुझे दण्ड देने के लिए प्रभु ने एक शक्तिशाली और बलवान राष्ट्र को नियुक्त किया है; वह ओलों की वर्षा जैसा तुझ पर बरसेगा; वह विनाशकारी तूफान के सदृश, प्रचण्ड तूफान के समान, बाढ़ की तेज धार के सदृश तुझ पर टूट पड़ेगा, और तुझे निर्दयतापूर्वक भूमि पर पटकेगा।
स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु का आगमन होगा; बादल गरजेंगे, भूकम्प होगा, महानाद सुनाई देगा। बवंडर उठेगा, तूफान आएगा। भस्म करनेवाली अग्निज्वाला प्रकट होगी; और प्रभु तुझे दण्ड देगा।
उस दिन प्रभु अपने भक्तों को अपनी तेजस्वी वाणी सुनाएगा और पृथ्वी की ओर नीचे आती हुई अपनी शक्तिशाली भुजा के दर्शन कराएगा। वह प्रचण्ड क्रोध, भस्मकारी ज्वाला, मेघों की गड़गड़ाहट, तूफान और ओलों की वर्षा में यह कार्य करेगा।
मैं महामारी और रक्तपात के रूप में उसको दण्ड दूंगा। मैं उस पर, उसके असंख्य सैनिक-दलों पर और उसके साथ ही अनेक जातियों पर मूसलाधार वर्षा करूंगा। मैं उन पर ओले, आग और गन्धक की वर्षा करूंगा।
मैं आकाश और पृथ्वी पर यह आश्चर्यपूर्ण चिह्न दिखाऊंगा: रक्त, अग्नि और धुएं के स्तम्भ।
जब सूर्य उगता है और लू चलने लगती है, तो घास मुरझाती है, फूल झड़ता है और उसकी कान्ति नष्ट हो जाती है। इसी तरह धनी और उसका पूरा व्यापार समाप्त हो जायेगा।
जब एमोरी सैनिक इस्राएलियों के सम्मुख से अजेकाह की ओर भागते हुए बेतहोरोन की ढाल पर पहुंचे, तब प्रभु ने आकाश से बड़े-बड़े ओले उन पर बरसाए और वे मर गए। जितनी संख्या में इस्राएलियों ने तलवार से उन का वध किया था, उससे अधिक संख्या में वे ओलों से मर गए!
क्योंकि धर्मग्रन्थ में लिखा है- “समस्त शरीरधारी घास के सदृश हैं और उनका सौन्दर्य घास के फूल की तरह। घास मुरझाती है और फूल झड़ता है,
उसकी पूँछ ने आकाश के एक तिहाई तारे बुहार कर पृथ्वी पर फेंक दिये। वह पंखदार सर्प प्रसव-पीड़ित महिला के सामने खड़ा रहा, जिससे वह नवजात शिशु को निगल जाये।
पहला स्वर्गदूत गया और उसने पृथ्वी पर अपना प्याला उँडेल दिया। जिन लोगों पर पशु की छाप लगी थी और जो उसकी प्रतिमा की आराधना करते थे, उनके शरीर पर घृणित और दु:खदायी फोड़े निकल आये।
आकाश से मन-मन भर के बड़े ओले मनुष्यों पर गिरे। ओला-वृष्टि की विपत्ति के कारण मनुष्यों ने परमेश्वर की निन्दा की, क्योंकि वह विपत्ति बहुत भारी थी।
और मेरी आँखों के सामने एक पीला घोड़ा दिखाई पड़ा। जो उस पर सवार था, उसका नाम था मृत्यु और उसके पीछे-पीछे अधोलोक आ रहा था। उन्हें पृथ्वी के चौथाई भाग पर अधिकार प्रदान किया गया, जिससे वे तलवार, अकाल, महामारी और पृथ्वी के वन-पशुओं द्वारा संहार करें।
इसके बाद मैंने पृथ्वी के चार कोनों पर चार स्वर्गदूतों को खड़ा देखा। वे पृथ्वी के चारों पवनों को रोक रहे थे, जिसके फलस्वरूप कोई भी पवन न पृथ्वी पर बह रहा था, न समुद्र पर और न किसी वृक्ष पर ही।
उन चार दूतों के बन्धन खोल दिये गये, जो उसी घड़ी, दिन, महीने और वर्ष के लिए प्रस्तुत थे, जब उन्हें एक तिहाई मनुष्यों का वध करना था।
इन तीन विपत्तियों द्वारा, अर्थात् आग, धूएँ और गन्धक द्वारा, जो घोड़ों के मुँह से निकल रही थी, एक तिहाई मनुष्यों का वध किया गया।
उन्हें यह आदेश मिला कि वे घास अथवा किसी पौधे या वृक्ष को हानि नहीं पहुचायें, बल्कि केवल उन मनुष्यों को, जिनके माथे पर परमेश्वर की मुहर नहीं लगी हो।