येशु ने उत्तर दिया, “हट जा, शैतान! क्योंकि धर्मग्रन्थ में लिखा है : ‘अपने प्रभु परमेश्वर की आराधना करो और केवल उसी की सेवा करो।’ ”
प्रकाशितवाक्य 2:9 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैं तुम्हारे संकट और दरिद्रता से परिचित हूँ। फिर भी तुम धनी हो; और मैं यह भी जानता हूँ कि वे लोग तुम्हारी कितनी बदनामी करते हैं जो अपने को “यहूदा-वासी” कहते हैं, किन्तु जो यहूदा के नहीं, बल्कि शैतान के सभागृह के सदस्य हैं। पवित्र बाइबल “मैं तुम्हारी यातना और तुम्हारी दीनता के विषय में जानता हूँ। यद्यपि वास्तव में तुम धनवान हो! जो अपने आपको यहूदी कह रहे हैं, उन्होंने तुम्हारी जो निन्दा की है, मैं उसे भी जानता हूँ। यद्यपि वे यहूदी हैं नहीं। बल्कि वे तो उपासकों का एक ऐसा जमघट हैं जो शैतान से सम्बन्धित है। Hindi Holy Bible मैं तेरे क्लेश और दरिद्रता को जानता हूं; (परन्तु तू धनी है); और जो लोग अपने आप को यहूदी कहते हैं और हैं नहीं, पर शैतान की सभा हैं, उन की निन्दा को भी जानता हूं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) मैं तेरे क्लेश और दरिद्रता को जानता हूँ (परन्तु तू धनी है), और जो लोग अपने आप को यहूदी कहते हैं और हैं नहीं, पर शैतान की सभा हैं, उनकी निन्दा को भी जानता हूँ। नवीन हिंदी बाइबल मैंतेरे क्लेश और तेरी निर्धनता को जानता हूँ (परंतु तू धनी है), और मैं उनकी निंदा को भी जानता हूँ जो अपने आपको यहूदी कहते हैं परंतु हैं नहीं, बल्कि शैतान की मंडली हैं। सरल हिन्दी बाइबल मैं तुम्हारी पीड़ा और कंगाली से परिचित हूं—किंतु वास्तव में तुम धनी हो! मैं उनके द्वारा तुम्हारे लिए इस्तेमाल अपशब्दों से भी परिचित हूं, जो स्वयं को यहूदी कहते तो हैं किंतु हैं नहीं. वे शैतान का सभागृह हैं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “मैं तेरे क्लेश और दरिद्रता को जानता हूँ (परन्तु तू धनी है); और जो लोग अपने आपको यहूदी कहते हैं और हैं नहीं, पर शैतान का आराधनालय हैं, उनकी निन्दा को भी जानता हूँ। |
येशु ने उत्तर दिया, “हट जा, शैतान! क्योंकि धर्मग्रन्थ में लिखा है : ‘अपने प्रभु परमेश्वर की आराधना करो और केवल उसी की सेवा करो।’ ”
यही दशा उन लोगों की होती है जो अपने लिए तो धन एकत्र करते हैं, किन्तु परमेश्वर की दृष्टि में वे धनी नहीं हैं।”
“प्रभु का आत्मा मुझ पर है, क्योंकि उसने मेरा अभिषेक किया है कि मैं गरीबों को शुभ-समाचार सुनाऊं, उसने मुझे भेजा है जिससे मैं बन्दियों को मुक्ति का और अन्धों को दृष्टि-प्राप्ति का सन्देश दूँ, मैं दलितों को स्वतन्त्र करूँ
येशु ने अपने शिष्यों की ओर देखा और यह कहा, “धन्य हो तुम, जो गरीब हो; क्योंकि परमेश्वर का राज्य तुम्हारा है।
मैंने तुम से यह सब इसलिए कहा है कि तुम मुझ में शान्ति प्राप्त कर सको। संसार में तुम्हें क्लेश सहना पड़ेगा। परन्तु धैर्य रखो; मैंने संसार पर विजय पायी है।”
वे शिष्यों का मन सुदृढ़ करते और उन्हें विश्वास में स्थिर रहने के लिए प्रोत्साहित करते थे, और कहते थे कि हमें बहुत-से कष्ट सह कर परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करना है।
मैं उन्हें प्रत्येक सभागृह में बार-बार दण्ड दिला कर येशु की निन्दा के लिए बाध्य करने का प्रयत्न करता था। मैं उनके प्रति क्रोध में इतना पागल हो गया था कि मैं विदेशी नगरों में भी जा कर उन को सताता था।
और तुम, जो यहूदी कहलाते हो! तुम व्यवस्था पर निर्भर रहते हुए परमेश्वर पर गर्व करते हो,
इतना ही नहीं, हम दु:ख-तकलीफ पर भी गौरव करें, क्योंकि हम जानते हैं कि दु:ख-तकलीफ से धैर्य,
कौन हम को मसीह के प्रेम से अलग कर सकता है? क्या विपत्ति या संकट? क्या अत्याचार, भूख, नग्नता, जोखिम या तलवार?
फिर भी यह नहीं समझना चाहिए कि परमेश्वर का वचन रद्द हो गया है; क्योंकि इस्राएल के वंश में उत्पन्न सभी लोग सच्चे इस्राएली नहीं हैं
हम दु:खी हैं, फिर भी हम हर समय आनन्दित हैं। हम दरिद्र हैं, फिर भी हम बहुतों को सम्पन्न बनाते हैं। हमारे पास कुछ नहीं है; फिर भी सब कुछ हमारा है।
कष्टों की अग्निपरीक्षा में भी उनका आनन्द अपार रहा और घोर दरिद्रता की दशा में रहते हुए भी उन्होंने बड़ी उदारता का परिचय दिया है।
आप लोग हमारे प्रभु येशु मसीह की उदारता जानते हैं। वह धनी थे, किन्तु आप लोगों के कारण निर्धन बन गये, जिससे आप उनकी निर्धनता द्वारा धनी बन जाएँ।
आप के यहाँ रहते समय हम आप से कहा करते थे कि विपत्तियाँ हम पर आ पड़ेंगी और जैसा कि आप जानते हैं, हुआ भी वही।
मैं तो पहले ईश-निन्दक, अत्याचारी और उद्दण्ड था; किन्तु मुझ पर दया की गयी है, क्योंकि अविश्वास के कारण मैं यह नहीं जानता था कि मैं क्या कर रहा हूँ।
मैं आप लोगों का भाई योहन हूँ और येशु के संकट, राज्य तथा धैर्य में आपका सहभागी। परमेश्वर का संदेश सुनाने तथा येशु के विषय में साक्षी देने के कारण मैं पतमुस नामक द्वीप में था।
मैं जानता हूँ कि तुम्हारा निवास कहाँ है- वह उस स्थान में है, जहाँ शैतान की गद्दी है। फिर भी तुम मेरा नाम दृढ़ बनाये रखते हो और तुमने उन दिनों भी मुझ में अपना विश्वास नहीं त्यागा, जब मेरा विश्वस्त साक्षी अन्तिपास तुम्हारे नगर में, जो शैतान का निवास स्थान है, मारा गया।
मैं तुम्हारे आचरण, तुम्हारे परिश्रम और धैर्य से परिचित हूँ। मैं जानता हूँ कि तुम दुष्टों को सह नहीं सकते। जो अपने को प्रेरित कहते हैं, किन्तु हैं नहीं, तुमने उनकी परीक्षा ली है और उन्हें झूठ पाया है।
थुआतीरा के शेष लोगों से, जो इस शिक्षा को नहीं मानते और शैतान के तथा-कथित गहरे भेदों को नहीं जानते, उन सब से मैं यह कहता हूँ : मैं तुम लोगों पर कोई नया बोझ नहीं डालूँगा।
देखो, शैतान के सभागृह के उन सदस्यों को, जो अपने को यहूदा-वासी कहते हैं, किन्तु यहूदा के नहीं हैं और झूठ बोलते हैं, मैं उनको बाध्य करूँगा कि वे आ कर तुम्हारे चरणों पर गिरें और यह जानें कि मैं तुम से प्रेम करता हूँ।
मैंने उत्तर दिया, “महोदय, आप ही जानते हैं”, और उसने मुझसे कहा, “ये वे लोग हैं, जो महासंकट में से निकल कर आये हैं। इन्होंने मेमने के रक्त में अपने वस्त्र धो कर उजले कर लिये हैं।