प्रकाशितवाक्य 13:5 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) पशु को डींग मारने एवं ईश-निन्दा करने की अनुमति और बयालीस महीनों तक बने रहने का अधिकार दिया गया। पवित्र बाइबल उसे अनुमति दे दी गई कि वह अहंकार पूर्ण तथा निन्दा से भरे शब्द बोलने में अपने मुख का प्रयोग करे। उसे बयालीस महीने तक अपनी शक्ति के प्रयोग का अधिकार दिया गया। Hindi Holy Bible कौन उस से लड़ सकता है और बड़े बोल बोलने और निन्दा करने के लिये उसे एक मुंह दिया गया, और उसे बयालीस महीने तक काम करने का अधिकार दिया गया। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) बड़े बोल बोलने और निन्दा करने के लिये उसे एक मुँह दिया गया, और उसे बयालीस महीने तक काम करने का अधिकार दिया गया। नवीन हिंदी बाइबल उसे बड़ी-बड़ी बातें बोलने और परमेश्वर की निंदा करने के लिए एक मुँह दिया गया, और उसे बयालीस महीनों तक ऐसा करने का अधिकार दिया गया। सरल हिन्दी बाइबल उसे डींग मारने तथा परमेश्वर की निंदा करने का अधिकार तथा बयालीस माह तक शासन करने की अनुमति दी गई. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 बड़े बोल बोलने और निन्दा करने के लिये उसे एक मुँह दिया गया, और उसे बयालीस महीने तक काम करने का अधिकार दिया गया। |
तूने मेरे विरुद्ध अपने मुंह से बड़ी-बड़ी बातें कीं, अपने आप को गर्व से फुलाया। मैंने स्वयं यह सब सुना है।
“और वह राजा अपनी इच्छा के अनुसार कार्य करेगा। वह स्वयं को सब देवताओं से ऊपर प्रतिष्ठित करेगा और अपने आपको उनसे बड़ा बताएगा। वह ईश्वरों के ईश्वर, परमेश्वर के विरुद्ध भी अनोखी बातें बोलेगा। वह तब तक सफल होता रहेगा जब तक कि उसके पाप का घड़ा भर न जाए; क्योंकि जो निश्चित है, वह तो होगा ही।
“जब वह सींग बड़े बोल बोल रहा था, तब उसकी आवाज से मेरा ध्यान पशु की ओर गया। मैंने देखा कि पशु का वध कर दिया गया है। उसका शरीर नष्ट कर दिया गया, और उसका शव आग में जलाने के लिए दे दिया गया है।
मैंने उसके दस सींगों के विषय में भी पूछा, जो उसके सिर पर थे। मैंने उससे उस छोटे सींग के बारे में भी पूछा जो दस सींगों के मध्य निकला था, और जिसके कारण तीन सींग गिर गए थे, जिसकी आंखें थीं, और जिसमें बड़े बोल बोलनेवाला मुंह था, और अन्य साथी-सींगों में बहुत बड़ा प्रतीत हो रहा था।
यह राजा सर्वोच्च परमेश्वर की निन्दा करेगा, और उसके भक्तों को पीस डालेगा। यह निर्धारित पर्व-कालों और विधि-विधानों को बदलने का प्रयत्न करेगा; सर्वोच्च परमेश्वर के भक्त साढ़े तीन वर्ष तक इसके हाथ में सौंप दिए जाएंगे।
मैंने उसके सींगों को ध्यान से देखा। उसी समय उन सींगों के मध्य से एक और सींग निकला, जिसके कारण तीन सींग जड़ से उखड़ गए। यह सींग छोटा था, और इसमें मनुष्य की आंखों के समान आंखें थीं। इसमें मुंह भी था, जो बड़े बोल बोल रहा था।
पहले भक्त ने उसको यह बताया, “जब तक तेईस सौ संध्या और सबेरा न बीत जाएंगे, तब तक यह अधर्म होता रहेगा। इस अवधि के पश्चात् पवित्र स्थान शुद्ध किया जाएगा।”
कोई आप लोगों को किसी भी तरह न बहकाये। वह दिन तब तक नहीं आ सकता जब तक पहले धर्म-विद्रोह न हो जाये और वह “अधर्म-पुरुष” प्रकट न हो, जिसका विनाश अनिवार्य है।
वह अपने घमण्ड में उन सब का विरोध करता और उन से अपने को बड़ा मानता है, जो देवता कहलाते या पूज्य समझे जाते हैं, यहाँ तक कि वह परमेश्वर के मन्दिर में विराजमान हो कर स्वयं ईश्वर होने का दावा करता है।
तब वह “अधर्मी” प्रकट होगा, जिसे प्रभु येशु अपने मुख के निश्वास से नष्ट करेंगे और अपने आगमन के प्रताप से भस्म कर देंगे।
जब ये अपनी साक्षी दे चुके होंगे, तो अगाध गर्त्त में से ऊपर उठनेवाला पशु इन से युद्ध करेगा और इन्हें परास्त कर इनका वध करेगा।
परन्तु महिला को विशालकाय गरुड़ के दो पंख मिले, जिससे वह निर्जन प्रदेश में अपने उस आश्रय-स्थान को उड़ जाये, जहाँ उसे, सर्प की पहुँच से परे, साढ़े तीन वर्ष तक भोजन मिलनेवाला था।
तब वह महिला निर्जन प्रदेश की ओर भाग गयी, जहाँ परमेश्वर ने उसके लिए आश्रय तैयार करवाया था और उसे बारह सौ साठ दिनों तक भोजन मिलने वाला था।
उसे सन्तों से युद्ध करने एवं उन्हें परास्त करने की अनुमति मिली और हर एक कुल, प्रजाति, भाषा और राष्ट्र पर अधिकार दिया गया।