‘जब तुम इब्रानी स्त्रियों का प्रसव करवाने जाओ और उन्हें प्रसव-शिला पर देखो तब यदि लड़के का जन्म हुआ हो, तो उसे मार डालना; किन्तु यदि लड़की हो तो उसे जीवित रहने देना।’
प्रकाशितवाक्य 12:4 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उसकी पूँछ ने आकाश के एक तिहाई तारे बुहार कर पृथ्वी पर फेंक दिये। वह पंखदार सर्प प्रसव-पीड़ित महिला के सामने खड़ा रहा, जिससे वह नवजात शिशु को निगल जाये। पवित्र बाइबल उसकी पूँछ ने आकाश के तारों के एक तिहाई भाग को सपाटा मारकर धरती पर नीचे फेंक दिया। वह स्त्री जो बच्चे को जन्म देने ही वाली थी, वह अजगर उसके सामने खड़ा हो गया ताकि वह जैसे ही उस बच्चे को जन्म दे, वह उसके बच्चे को निगल जाए। Hindi Holy Bible और उस की पूंछ ने आकाश के तारों की एक तिहाई को खींच कर पृथ्वी पर डाल दिया, और वह अजगर उस स्त्री से साम्हने जो जच्चा थी, खड़ा हुआ, कि जब वह बच्चा जने तो उसके बच्चे को निगल जाए। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उसकी पूंछ ने आकाश के तारों की एक तिहाई को खींचकर पृथ्वी पर डाल दिया। वह अजगर उस स्त्री के सामने जो ज़च्चा थी, खड़ा हुआ कि जब वह बच्चा जने तो उस बच्चे को निगल जाए। नवीन हिंदी बाइबल उसकी पूँछ ने आकाश के तारों का एक-तिहाई भाग नीचे खींचकर पृथ्वी पर फेंक दिया। फिर वह अजगर उस स्त्री के सामने खड़ा हो गया जो बच्चे को जन्म देने वाली थी, ताकि जब वह अपने बच्चे को जन्म दे तो वह उसे निगल जाए। सरल हिन्दी बाइबल उसने आकाश के एक तिहाई तारों को अपनी पूंछ से समेटकर पृथ्वी पर फेंक दिया और तब वह परों वाला सांप उस स्त्री के सामने, जो शिशु को जन्म देने को थी, खड़ा हो गया कि शिशु के जन्म लेते ही वह उसे निगल जाए. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और उसकी पूँछ ने आकाश के तारों की एक तिहाई को खींचकर पृथ्वी पर डाल दिया, और वह अजगर उस स्त्री के सामने जो जच्चा थी, खड़ा हुआ, कि जब वह बच्चा जने तो उसके बच्चे को निगल जाए। |
‘जब तुम इब्रानी स्त्रियों का प्रसव करवाने जाओ और उन्हें प्रसव-शिला पर देखो तब यदि लड़के का जन्म हुआ हो, तो उसे मार डालना; किन्तु यदि लड़की हो तो उसे जीवित रहने देना।’
उस दिन प्रभु अपनी मजबूत, कठोर और विशाल तलवार से वेगवान, वक्र सर्पासुर लिव्यातान को दण्ड देगा, वह समुद्र में रहने वाले जल-पशु का वध करेगा।
“तुम तो अपने पिता शैतान से हो और अपने पिता की इच्छा पूरी करना चाहते हो। वह तो प्रारम्भ से ही हत्यारा था। वह सत्य पर स्थिर नहीं रहता, क्योंकि उसमें सत्य है ही नहीं। जब वह झूठ बोलता है, तो अपने ही स्वभाव के अनुसार बोलता है; क्योंकि वह झूठा है और झूठ का पिता है।
आप संयम रखें और जागते रहें! आपका विरोधी, शैतान, दहाड़ते हुए सिंह की तरह विचरता है और ढूँढ़ता रहता है कि किसे फाड़ खाये।
अब स्वर्ग में युद्ध छिड़ गया। मीखाएल और उसके दूतों को पंखदार सर्प से लड़ना पड़ा। पंखदार सर्प और उसके दूतों ने उनका सामना किया,
तब वह विशालकाय पंखदार सर्प-वह पुराना साँप, जो दोष लगाने वाला शैतान कहलाता और सारे संसार को भटकाता है-अपने दूतों के साथ पृथ्वी पर पटक दिया गया।
मैंने जिस पशु को देखा, वह चीते के सदृश था, किन्तु उसके पैर भालू के पैरों-जैसे थे और उसका मुँह सिंह के मुँह-जैसा था। पंखदार सर्प ने उसे अपना सामर्थ्य, अपना सिंहासन और महान अधिकार प्रदान किया।
लोगों ने पंखदार सर्प की पूजा की, क्योंकि उसने पशु को अधिकार प्रदान किया था और उन्होंने यह कहते हुए पशु की भी पूजा की, “इस पशु की बराबरी कौन कर सकता है? इस से युद्ध करने में कौन समर्थ है?”
तब मैंने पंखदार सर्प के मुँह से, पशु के मुँह से और झूठे नबी के मुँह से मेंढक-जैसे तीन अशुद्ध आत्माओं को निकलते देखा।
उसने पंखदार सर्प को, उस पुराने साँप अर्थात् दोष लगानेवाले शैतान को, पकड़ कर एक हजार वर्ष के लिए बाँधा
तीसरे स्वर्गदूत ने तुरही बजायी। इस पर मशाल की तरह जलता हुआ एक विशाल नक्षत्र आकाश से गिर पड़ा। वह एक तिहाई नदियों पर और जलस्रोतों पर गिरा।
नक्षत्र का नाम “नागदौना” है। एक तिहाई जल नागदौना के सदृश कड़वा हो गया और बहुत-से लोग मर गये, क्योंकि जल कड़वा हो गया था।
चौथे स्वर्गदूत ने तुरही बजायी। इस पर एक तिहाई सूर्य, एक तिहाई चन्द्रमा और एक तिहाई नक्षत्रों पर आघात हुआ, जिससे उनका एक तिहाई भाग अन्धकारमय हो गया : दिन के एक तिहाई भाग में प्रकाश नहीं होता था और रात की भी यही दशा थी।
पहले ने तुरही बजायी। इस पर रक्त से मिश्रित ओले एवं आग उत्पन्न हुई और पृथ्वी पर डाली गयी। एक तिहाई पृथ्वी भस्म हो गयी, एक तिहाई वृक्ष भस्म हो गये और सारी हरी घास भस्म हो गयी।
दूसरे स्वर्गदूत ने तुरही बजायी। इस पर मानो अग्नि से प्रज्वलित एक विशाल पर्वत समुद्र में फेंका गया। एक तिहाई समुद्र रक्त बन गया,
उनकी पूँछें, जिन में डंक थे, बिच्छुओं की पूँछों-जैसी थीं। उनकी पूँछों में मनुष्यों को पाँच महीनों तक हानि पहुँचाने का सामर्थ्य था।
क्योंकि उन घोड़ों का सामर्थ्य उनके मुँह में ही नहीं, उनकी पूँछ में भी था। उनकी पूँछें साँपों के सदृश थीं, जिनके अपने सिर थे और वे उन से भी हानि पहुँचाते थे।