न्यायियों 18:5 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उन्होंने लेवीय से कहा, ‘कृपया, परमेश्वर से एक बात पूछिए जिससे हमें पता चले : जिस यात्रा पर हम जा रहे हैं, क्या वह सफल होगी?’ पवित्र बाइबल उन्होंने उससे कहा, “कृपया परमेश्वर से हम लोगों के लिये कुछ मांगो। हम लोग कुछ जानना चाहते हैं। क्या हमारे रहने के लिये भूमि की खोज सफल होगी?” Hindi Holy Bible उन्होंने उस से कहा, परमेश्वर से सलाह ले, कि हम जान लें कि जो यात्रा हम करते हैं वह सफल होगी वा नहीं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उन्होंने उस से कहा, “परमेश्वर से सलाह ले, कि हम जान लें कि जो यात्रा हम करते हैं वह सफल होगी या नहीं।” सरल हिन्दी बाइबल उन्होंने लेवी से विनती की, “कृपया परमेश्वर से यह मालूम कर हमें बता दीजिए, कि हम जिस काम से निकले हैं, वह पूरा होगा या नहीं.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 उन्होंने उससे कहा, “परमेश्वर से सलाह ले, कि हम जान लें कि जो यात्रा हम करते हैं वह सफल होगी या नहीं।” |
राजा आहाज ने पुरोहित ऊरियाह को यह आदेश दिया, ‘आप इस महावेदी पर पहले के समान प्रात:कालीन अग्नि-बलि, सन्ध्याकालीन अन्न-बलि, राज अग्नि-बलि और राज अन्न-बलि तथा समस्त देशवासियों की अग्नि-बलि, अन्न-बलि और पेय-बलि चढ़ा सकते हैं। इसके अतिरिक्त आप इसी महावेदी पर अग्नि-बलि के पशु तथा अन्य बलि-पशुओं का रक्त छिड़केंगे। परन्तु मैं कांस्य वेदी का उपयोग प्रभु का उत्तर प्राप्त करने के लिए करूंगा।’
प्रभु कहता है; “ओ विद्रोही पुत्रो, धिक्कार है तुम्हें! तुम योजना तो बनाते हो, परन्तु मेरी सम्मति से नहीं; तुम सन्धि तो करते हो, पर मेरे आत्मा की प्रेरणा से नहीं। यों तुम पाप पर पाप करे रहे हो।
बेबीलोन का राजा इन दोनों मार्गों के उद्गम स्थल पर खड़ा है, और वह शकुन विचार रहा है कि वह किस मार्ग पर जाए : वह तीरों को हिलाता है; वह तराफीम गृह-देवताओं से पूछता है; वह कलेजे को देखता है।
मेरे निज लोग काठ के पुतले से सलाह लेते हैं, वे पूजा के डण्डों से शकुन पूछते हैं! वेश्यावृत्ति की आत्मा ने उन्हें पथभ्रष्ट कर दिया है। उन्होंने मुझ-परमेश्वर को त्याग कर अन्य देवताओं पर विश्वास किया है।
छोटों से लेकर बड़ों तक, सभी लोग उसकी बात मानते थे और कहते थे, “यह मनुष्य ईश्वर की वह शक्ति है, जो ‘महाशक्ति’ कहलाती है।”
मीकाह ने कहा, ‘अब मुझे ज्ञात हुआ कि प्रभु मेरी भलाई करेगा; क्योंकि लेवी कुल का व्यक्ति मेरा पुरोहित बना।’
मीकाह के घर में एक देव-स्थान था। उसने एपोद और गृह-देवता की मूर्तियाँ बनाईं, और अपने एक पुत्र को पुरोहित-पद पर प्रतिष्ठित कर दिया। पुत्र उसका पुरोहित हो गया।
जो पाँच पुरुष लइश नगर का भेद लेने गए थे, उन्होंने अपने भाई-बन्धुओं से यह कहा था, ‘क्या आप जानते हैं कि इन घरों में एपोद, गृह-देवता की मूर्तियाँ और चांदी की ढली-गढ़ी प्रतिमा हैं? अब सोचिए कि हमें ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए।’
लेवीय ने उनसे कहा, ‘मीकाह ने मेरे साथ इस प्रकार का व्यवहार किया : मैं उनका पुरोहित हूँ। वह मुझे वेतन देते हैं।’
पुरोहित ने उनसे कहा, ‘शान्ति से जाओ। जो यात्रा आप कर रहे हैं, उस पर प्रभु की कृपा-दृष्टि है।’
(प्राचीन काल में इस्राएली देश में यह प्रथा थी : जब कोई व्यक्ति परमेश्वर से कुछ बात पूछने जाता था, तब वह कहता था, ‘आओ, हम द्रष्टा के पास चलें।’ जिस मनुष्य को आजकल नबी कहते हैं, उसे प्राचीन काल में द्रष्टा कहते थे)