पक्षपात करना अच्छा नहीं; परन्तु रोटी के एक टुकड़े के लिए भी मनुष्य अनुचित कार्य कर डालता है।
न्यायियों 18:4 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) लेवीय ने उनसे कहा, ‘मीकाह ने मेरे साथ इस प्रकार का व्यवहार किया : मैं उनका पुरोहित हूँ। वह मुझे वेतन देते हैं।’ पवित्र बाइबल उसने उनसे कहा, “मीका ने मेरी नियुक्ति की है। मैं उसका याजक हूँ।” Hindi Holy Bible उसने उन से कहा, मीका ने मुझ से ऐसा ऐसा व्यवहार किया है, और मुझे नौकर रखा है, और मैं उसका पुरोहित हो गया हूं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उसने उनसे कहा, “मीका ने मुझ से ऐसा ऐसा व्यवहार किया है, और मुझे नौकर रखा है, और मैं उसका पुरोहित हो गया हूँ।” सरल हिन्दी बाइबल लेवी ने उन्हें उत्तर दिया, “मीकाह ने मेरे लिए इतना सब किया है! उन्होंने मुझे नौकरी पर रखा है. अब मैं उनका पुरोहित हूं.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 उसने उनसे कहा, “मीका ने मुझसे ऐसा-ऐसा व्यवहार किया है, और मुझे नौकर रखा है, और मैं उसका पुरोहित हो गया हूँ।” |
पक्षपात करना अच्छा नहीं; परन्तु रोटी के एक टुकड़े के लिए भी मनुष्य अनुचित कार्य कर डालता है।
कुत्तों की भूख शान्त नहीं होती, उनका पेट कभी नहीं भरता। चरवाहों में भी समझ नहीं है, वे अपने-अपने मार्ग पर चल रहे हैं, उन सबको केवल अपने लाभ की चिन्ता है।
तुमने मुट्ठी भर जौ और चन्द रोटी के टुकड़ो के लिए मेरे निज लोगों के सम्मुख मुझे अपवित्र किया है। तुम ऐसे लोगों को मार डालती हो, जिन्हें मरना नहीं चाहिए; और ऐसे लोगों को जीवित रखती हो, जिन्हें जीवित नहीं रहना चाहिए। तुम मेरी जनता से झूठ बोलती हो, जो झूठ सुनना पसन्द करती है।
‘काश! तुम्हारे मध्य कोई ऐसा व्यक्ति होता जो मेरे मन्दिर के दरवाजों को बन्द कर देता, जिससे तुम मेरी वेदी पर व्यर्थ अग्नि नहीं जलाते। मैं, स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यह कहता हूं: मुझे तुममें कोई रुचि नहीं रही। मैं तुम्हारे हाथ से भेंट स्वीकार नहीं करूंगा।
ऐसे लोगों का मुँह बन्द कर देना चाहिए, क्योंकि वे घिनावने लाभ के लिए अनुचित बातें सिखाते हैं और इस प्रकार परिवार के परिवार चौपट कर देते हैं।
वे लोभ के कारण अपनी मनगढ़न्त बातों द्वारा आप से अनुचित लाभ उठायेंगे। उनकी दण्डाज्ञा का निर्णय बहुत पहले हो चुका है और वह उनका पीछा कर रहा है। उनका विनाश सोया हुआ नहीं है!
मीकाह ने उससे कहा, ‘मेरे साथ रहिए। मेरे आदरणीय पिता और पुरोहित बनिए। मैं प्रतिवर्ष आपको चांदी के दस सिक्के, एक जोड़ी वस्त्र और भोजन-वस्तु दूँगा।’
मीकाह ने लेवी कुल के युवक को पुरोहित के पद पर प्रतिष्ठित किया। युवक उसका पुरोहित हो गया। वह मीकाह के घर में रहने लगा।
जब वे मीकाह के घर के निकट थे तब उन्होंने लेवीय युवक की आवाज पहचान ली। वे उस ओर मुड़ आए। उन्होंने उससे पूछा, ‘कौन व्यक्ति आपको यहाँ लाया? आप यहाँ क्या कर रहे हैं? यहाँ आपका क्या काम है?’
उन्होंने लेवीय से कहा, ‘कृपया, परमेश्वर से एक बात पूछिए जिससे हमें पता चले : जिस यात्रा पर हम जा रहे हैं, क्या वह सफल होगी?’