एमोरी जाति के लोगों ने दान के वंशजों को पहाड़ी प्रदेश की ओर भगा दिया, और उन्हें मैदान में, नीचे उतरने नहीं दिया।
न्यायियों 18:1 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उन दिनों में इस्राएली समाज में राजा की प्रथा न थी। उन्हीं दिनों में दान-कुल के लोग निवास के लिए भूमि की खोज में थे; क्योंकि अब तक उन्हें इस्राएली कुलों के मध्य पैतृक अधिकार के लिए भूमि प्राप्त नहीं हुई थी। पवित्र बाइबल उस समय इस्राएल के लोगों का कोई राजा नहीं था और उस समय दान का परिवार समूह, अपना कहे जाने योग्य रहने के लिये भूमि की खोज में था। इस्राएल के अन्य परिवार समूहों ने पहले ही अपनी भूमि प्राप्त कर ली थी। किन्तु दान का परिवार समूह अभी अपनी भूमि नहीं पा सका था। Hindi Holy Bible उन दिनों में इस्राएलियों का कोई राजा न था। और उन्हीं दिनों में दानियों के गोत्र के लोग रहने के लिये कोई भाग ढूंढ़ रहे थे; क्योंकि इस्राएली गोत्रों के बीच उनका भाग उस समय तक न मिला था। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उन दिनों में इस्राएलियों का कोई राजा न था। और उन्हीं दिनों में दानियों के गोत्र के लोग रहने के लिये कोई भाग ढूँढ़ रहे थे; क्योंकि इस्राएली गोत्रों के बीच उनका भाग उस समय तक न मिला था। सरल हिन्दी बाइबल उन दिनों इस्राएल का कोई राजा न था. उन्हीं दिनों में दान वंशजों ने अपने बसने के लिए सही ज़मीन की खोज करने शुरू कर दी. अब तक उन्हें इस्राएल के गोत्रों के बीच कोई ज़मीन नहीं दी गई थी. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 उन दिनों में इस्राएलियों का कोई राजा न था। और उन्हीं दिनों में दानियों के गोत्र के लोग रहने के लिये कोई भाग ढूँढ़ रहे थे; क्योंकि इस्राएली गोत्रों के बीच उनका भाग उस समय तक न मिला था। |
एमोरी जाति के लोगों ने दान के वंशजों को पहाड़ी प्रदेश की ओर भगा दिया, और उन्हें मैदान में, नीचे उतरने नहीं दिया।
मीकाह ने कहा, ‘अब मुझे ज्ञात हुआ कि प्रभु मेरी भलाई करेगा; क्योंकि लेवी कुल का व्यक्ति मेरा पुरोहित बना।’
उन दिनों में इस्राएली समाज में राजा की प्रथा नहीं थी। हर एक व्यक्ति वही कार्य करता था, जो उसकी दृष्टि में उचित प्रतीत होता था।
यह उन दिनों की बात है जब इस्राएली समाज में राजा की प्रथा न थी। लेवी कुल का एक मनुष्य था। वह एफ्रइम पहाड़ी प्रदेश से सुदूर क्षेत्र में प्रवास करता था। उसने यहूदा प्रदेश के बेतलेहम नगर की एक स्त्री को रखेल के रूप में रख लिया था।
उन दिनों में इस्राएली समाज में राजा की प्रथा न थी। हर एक व्यक्ति वही कार्य करता था जो उसकी दृष्टि में उचित प्रतीत होता था।