न्यायियों 13:23 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उसकी पत्नी ने उससे कहा, ‘यदि प्रभु हमारा वध करना चाहता तो वह हमारे हाथ से अग्नि-बलि और अन्न-बलि ग्रहण नहीं करता। वह हमें इन घटनाओं के दर्शन नहीं कराता। वह इस समय ऐसी बातें भी हमें नहीं सुनाता।’ पवित्र बाइबल लेकिन उसकी पत्नी ने उससे कहा, “यहोवा हम लोगों को मारना नहीं चाहता। यदि यहोवा हम लोगों को मारना चाहता तो वह हम लोगों की होमबलि और अन्नबलि स्वीकार न करता। उसने हम लोगों को वह सब न दिखाया होता, और वह हम लोगों से ये बातें न कहा होता।” Hindi Holy Bible उसकी पत्नी ने उस से कहा, यदि यहोवा हमें मार डालना चाहता, तो हमारे हाथ से होमबलि और अन्नबलि ग्रहण न करता, और न वह ऐसी सब बातें हम को दिखाता, और न वह इस समय हमें ऐसी बातें सुनाता। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उसकी पत्नी ने उससे कहा, “यदि यहोवा हमें मार डालना चाहता, तो हमारे हाथ से होमबलि और अन्नबलि ग्रहण न करता, और न वह ऐसी सब बातें हम को दिखाता, और न वह इस समय हमें ऐसी बातें सुनाता।” सरल हिन्दी बाइबल किंतु उसकी पत्नी ने उससे कहा, “यदि याहवेह का उद्देश्य हमारी मृत्यु ही होती तो वह हमारे द्वारा चढ़ाई होमबलि एवं अन्नबलि स्वीकार क्यों करते? या वह क्यों हम पर यह सब प्रकट करते? अथवा वह हमारे सामने इन सब की घोषणा करते?” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 उसकी पत्नी ने उससे कहा, “यदि यहोवा हमें मार डालना चाहता, तो हमारे हाथ से होमबलि और अन्नबलि ग्रहण न करता, और न वह ऐसी सब बातें हमको दिखाता, और न वह इस समय हमें ऐसी बातें सुनाता।” |
अपनी भलाई का चिह्न प्रकट कर, कि मेरे बैरी उसे देख कर लज्जित हों। हे प्रभु, तू ही ने मेरी सहायता की है, मुझे सांत्वना प्रदान की है।
प्रभु की दृष्टि में कुटिल व्यक्ति घृणित है, किन्तु निष्कपट व्यक्ति उसका विश्वासपात्र है।
येशु ने उसे उत्तर दिया, “जो मुझ से प्रेम करेंगे, वे मेरे वचन का पालन करेंगे और मेरा पिता उन से प्रेम करेगा और हम उनके पास आएँगे और उनके साथ निवास करेंगे।
अब से मैं तुम्हें सेवक नहीं कहूँगा। सेवक नहीं जानता कि उसका स्वामी क्या करने वाला है। मैंने तुम्हें मित्र कहा है, क्योंकि मैंने अपने पिता से जो कुछ सुना, वह सब तुम्हें बता दिया है।
आँख हाथ से नहीं कह सकती, “मुझे तुम्हारी जरूरत नहीं”, और सिर पैरों से नहीं कह सकता, “मुझे तुम्हारी जरूरत नहीं।”
मानोह की पत्नी ने एक बालक को जन्म दिया, और उसका नाम शिमशोन रखा। बालक बड़ा हुआ। प्रभु ने उसे आशिष दी।