यहूदा प्रदेश के राजा आसा के राज्यकाल के दूसरे वर्ष यारोबआम के पुत्र नादाब ने इस्राएल प्रदेश में राज्य करना आरम्भ किया। उसने इस्राएल प्रदेश पर दो वर्ष तक राज्य किया।
नीतिवचन 28:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जब देश में अराजकता फैल जाती है तब अनेक लोग शासक बन जाते हैं; किन्तु समझदार और बुद्धिमान लोगों के कारण राष्ट्र दीर्घ काल तक सुदृढ़ बना रहता है। पवित्र बाइबल देश में जब अराजकता उभर आती है बहुत से शासक बन बैठते हैं। किन्तु जो समझता है और ज्ञानी होता है, ऐसा मनुष्य ही व्यवस्था स्थिर करता है। Hindi Holy Bible देश में पाप होन के कारण उसके हाकिम बदलते जाते हैं; परन्तु समझदार और ज्ञानी मनुष्य के द्वारा सुप्रबन्ध बहुत दिन के लिये बना रहेगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) देश में पाप होने के कारण उसके हाकिम बदलते जाते हैं; परन्तु समझदार और ज्ञानी मनुष्य के द्वारा सुप्रबन्ध बहुत दिन के लिये बना रहेगा। नवीन हिंदी बाइबल देश में विद्रोह की स्थिति होने पर उसके कई शासक बन बैठते हैं, परंतु एक समझदार और ज्ञानवान मनुष्य के कारण देश में स्थिरता रहती है। सरल हिन्दी बाइबल राष्ट्र में अराजकता फैलने पर अनेक शासक उठ खड़े होते हैं, किंतु बुद्धिमान शासक के शासन में स्थायी सुव्यवस्था बनी रहती है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 देश में पाप होने के कारण उसके हाकिम बदलते जाते हैं; परन्तु समझदार और ज्ञानी मनुष्य के द्वारा सुप्रबन्ध बहुत दिन के लिये बना रहेगा। |
यहूदा प्रदेश के राजा आसा के राज्यकाल के दूसरे वर्ष यारोबआम के पुत्र नादाब ने इस्राएल प्रदेश में राज्य करना आरम्भ किया। उसने इस्राएल प्रदेश पर दो वर्ष तक राज्य किया।
बाशा बेन-अहियाब ने, यहूदा प्रदेश के राजा आसा के राज्य-काल के तीसरे वर्ष में, नादाब का वध किया था। तब वह उसके स्थान पर राज्य करने लगा।
निष्कपट व्यक्ति के आशिष-वचनों से नगर की उन्नति होती है, परन्तु दुर्जन के दुर्वचनों से वह ध्वस्त हो जाता है।
उस छोटे-से नगर में एक गरीब, पर बुद्धिमान मनुष्य था। उसने अपनी बुद्धि से उस नगर को बचाया। फिर भी उस गरीब को सब लोग भूल गए।
तेरे नगर के प्राचीन खण्डहरों का पुन: निर्माण होगा, जो नींव अनेक वर्षों से उजाड़ पड़ी थी, तू उसको फिर उठाएगा, तू दरारों को भरनेवाला, और घरों में निवास के हेतु गलियों को सुधारनेवाला कहलाएगा।
महाराज, मैं आपसे निवेदन करता हूं, आप मेरा यह परामर्श स्वीकार कीजिए: सद् आचरण कर अपने पाप के बन्धनों को तोड़ दीजिए। आप पीड़ितों के प्रति दया कर अधर्म से मुक्त हो जाइए। तब संभव है कि आपकी शांति के ये दिन लम्बे हो जाएं।”