एक बार नबी-संघ के किसी नबी की विधवा ने एलीशा की दुहाई दी। विधवा ने कहा, ‘आपके सेवक, मेरे पति की मृत्यु हो गई है। आप जानते हैं कि मेरे पति प्रभु की कितनी भक्ति करते थे। अब, सूदखोर मेरे दो पुत्रों को लेने और उनको गुलाम बनाने के लिए आया है।’
नीतिवचन 22:7 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) धनवान गरीब पर शासन करता है; उधार लेने वाला साहूकार का गुलाम होता है। पवित्र बाइबल धनी दरिद्रों पर शासन करते हैं। उधार लेने वाला, देनेवालों का दास होता है। Hindi Holy Bible धनी, निर्धन लोगों पर प्रभुता करता है, और उधार लेने वाला उधार देने वाले का दास होता है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) धनी, निर्धन लोगों पर प्रभुता करता है, और उधार लेनेवाला उधार देनेवाले का दास होता है। नवीन हिंदी बाइबल धनी मनुष्य निर्धन लोगों पर प्रभुता करता है, और उधार लेनेवाला उधार देनेवाले का दास हो जाता है। सरल हिन्दी बाइबल निर्धन पर धनाढ्य अधिकार कर लेता है, तथा ऋणी महाजन का दास होकर रह जाता है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 धनी, निर्धन लोगों पर प्रभुता करता है, और उधार लेनेवाला उधार देनेवाले का दास होता है। |
एक बार नबी-संघ के किसी नबी की विधवा ने एलीशा की दुहाई दी। विधवा ने कहा, ‘आपके सेवक, मेरे पति की मृत्यु हो गई है। आप जानते हैं कि मेरे पति प्रभु की कितनी भक्ति करते थे। अब, सूदखोर मेरे दो पुत्रों को लेने और उनको गुलाम बनाने के लिए आया है।’
जो मनुष्य गरीब पर अत्याचार करता है, वह उसके सृजक का अपमान करता है; किन्तु दीन-दरिद्र पर दया करनेवाला उसके रचयिता का आदर करता है।
जो मनुष्य अपना धन बढ़ाने के लिए अथवा धनवानों को भेंट चढ़ाने के लिए गरीब पर अत्याचार करता है, वह स्वयं अभावग्रस्त होगा।
तब पुरोहित की भी वही दशा होगी जो आराधकों की होगी। इन सब की दशा एक-जैसी होगी : मालिक की और गुलाम की, मालकिन की और दासी की, विक्रेता की और खरीददार की, उधार देनेवाले की और उधार लेनेवाले की, साहूकार की और कर्जदार की।
प्रभु यों कहता है : मैं इस्राएल प्रदेश के तीन अपराधों, नहीं, उसके चार अपराधों के लिए निस्सन्देह उसको दण्ड दूंगा; मैं उसको नहीं छोड़ूंगा। इस्राएल प्रदेश के निवासी चांदी के सिक्कों में निरपराध व्यक्ति को, केवल एक जोड़ी जूती के बदले गरीब को बेच देते हैं!
ओ सामरी राज्य की समृद्ध नारियो! ओ सामरी पहाड़ की महिलाओ! यह सन्देश सुनो! तुम गरीबों का दमन करती हो, तुम दरिद्रों को रौंदती हो। तुम अपने पतियों को आदेश देती हो : ‘शराब लाओ, ताकि हम पीएं।’
तुम गरीब को चांदी से और निर्धन को एक जोड़ी जूतों के दाम पर खरीदते हो। तुम घुन लगा गेहूं बेचते हो।
कर्ज चुकाने के लिए उसके पास कुछ भी नहीं था, इसलिए स्वामी ने आदेश दिया कि उसे, उसकी पत्नी, उसके बच्चों और उसकी सारी जायदाद को बेच दिया जाए और ऋण अदा कर लिया जाए।
तब भी आपने दरिद्र का तिरस्कार किया है। क्या धनी आप लोगों का शोषण नहीं करते और आप को अदालतों में घसीट कर नहीं ले जाते?
धनवानो, मेरी बात सुनो! तुम लोगों को रोना और विलाप करना चाहिए, क्योंकि विपत्तियाँ तुम पर आ पड़ने वाली हैं।
मजदूरों ने तुम्हारे खेतों की फसल लुनी और तुमने उन्हें मजदूरी नहीं दी। वह मजदूरी पुकार रही है और लुनने वालों की दुहाई स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु के कानों तक पहुँच गयी है।