नीतिवचन 20:18 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) योजनाएं विचार-विमर्श से निश्चित की जाती हैं, युद्ध भी बुद्धिपूर्ण मार्ग-दर्शन में लड़ा जाता है। पवित्र बाइबल योजनाएँ बनाने से पहले तू उत्तम सलाह पा लिया कर। यदि युद्ध करना हो तो उत्तम लोगों से आगुवा लें। Hindi Holy Bible सब कल्पनाएं सम्मति ही से स्थिर होती हैं; और युक्ति के साथ युद्ध करना चाहिये। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) सब कल्पनाएँ सम्मति ही से स्थिर होती हैं; और युक्ति के साथ युद्ध करना चाहिये। नवीन हिंदी बाइबल सम्मति के द्वारा ही योजनाएँ बना, और उचित सलाह लेकर ही युद्ध कर। सरल हिन्दी बाइबल किसी भी योजना की सिद्धि का मर्म है सुसंगत परामर्श; तब युद्ध के पूर्व उपयुक्त निर्देश प्राप्त कर रखो. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 सब कल्पनाएँ सम्मति ही से स्थिर होती हैं; और युक्ति के साथ युद्ध करना चाहिये। |
तुम सोचते हो कि युद्ध के लिए शक्ति और युद्ध-कौशल नहीं, वरन् किसी के मुंह के शब्द ही पर्याप्त हैं। तुमने किस पर भरोसा करके मुझसे विद्रोह किया है?
पथ-प्रदर्शन के अभाव में कौम का पतन हो जाता है; पर यदि उचित परामर्श देनेवाले मंत्री बहुत हों तो राष्ट्र सुरक्षित रहता है।
बिना उचित सलाह के योजनाएं निष्फल हो जाती हैं; किन्तु यदि योजना में अनेक बुद्धिमानों की सम्मति प्राप्त हो, तो वह सफल हो जाती है।
क्योंकि बुद्धिमान मनुष्यों के निर्देशन में तुम युद्ध जीत सकते हो; अनेक सलाहकारों के होने से विजय निश्चित होती है।
पड़ोसी की जो बात तेरी आंखों ने देखी है, उसका फैसला कराने के लिए तुरन्त अदालत मत जाना: क्योंकि यदि तेरा पड़ोसी तुझे अदालत में झूठा सिद्ध कर देगा तो तू अन्त में क्या करेगा?
“अथवा कौन ऐसा राजा होगा जो दूसरे राजा से युद्ध करने जाता हो और पहले बैठ कर यह विचार न करे कि जो राजा बीस हजार सैनिकों की फौज के साथ उस पर चढ़ा आ रहा है, क्या वह दस हजार सैनिकों की फौज से उसका सामना कर सकता है?
उसने दूतों को यह आदेश दिया : ‘तुम सब इस्राएलियों से यों कहना, “जिस दिन इस्राएली मिस्र देश से बाहर निकले थे उस दिन से आज तक क्या किसी व्यक्ति ने ऐसी घटना देखी है? अत: इस घटना पर सोचिए, विचार-विमर्श कीजिए, और फिर बोलिए।” ’ तब देखनेवालों ने यह कहा, ‘इस्राएलियों के मिस्र देश से बाहर निकलने के बाद आज तक ऐसी घटना कभी नहीं घटी, और न देखी गई।’
इस्राएली उठे, और वे बेत-एल गए। उन्होंने परमेश्वर से पूछा, ‘हममें से किस कुल को सर्वप्रथम बिन्यामिनियों से युद्ध करने के लिए जाना चाहिए?’ प्रभु ने कहा, ‘यहूदा कुल सर्वप्रथम जाएगा।’
इस्राएली प्रभु के पास गए। वे सन्ध्या समय तक उसके सम्मुख रोते रहे। उन्होंने प्रभु से पूछा, ‘क्या हम अपने जाति-भाई बिन्यामिनियों से युद्ध करने के लिए फिर जाएँ?’ प्रभु ने कहा, ‘उन पर चढ़ाई करो।’
यदि ये लोग मेरे हाथ में होते तो मैं अबीमेलक से पिण्ड छुड़ा लेता। मैं अबीमेलक से कहता, “अपने सैनिकों की संख्या बढ़ा ले, और नगर से बाहर निकल!” ’