प्रभु परमेश्वर ने कहा, ‘मनुष्य का अकेला रहना अच्छा नहीं। मैं उसके लिए एक उपयुक्त सहायक बनाऊंगा।’
नीतिवचन 18:22 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जिसने धर्मपत्नी पा ली उसको अनमोल वस्तु मिल गई। प्रभु उस मनुष्य पर कृपा करता है। पवित्र बाइबल जिसको पत्नी मिली है, वह उत्तम पदार्थ पाया है। उसको यहोवा का अनुग्रह मिलता है। Hindi Holy Bible जिस ने स्त्री ब्याह ली, उस ने उत्तम पदार्थ पाया, और यहोवा का अनुग्रह उस पर हुआ है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जिसने स्त्री ब्याह ली, उसने उत्तम पदार्थ पाया, और यहोवा का अनुग्रह उस पर हुआ है। नवीन हिंदी बाइबल जो पत्नी प्राप्त करता है, वह भलाई प्राप्त करता है, और उस पर यहोवा का अनुग्रह होता है। सरल हिन्दी बाइबल जिस किसी को पत्नी प्राप्त हो गई है, उसने भलाई प्राप्त की है, उसे याहवेह की ओर से ही यह आनंद प्राप्त हुआ है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जिसने स्त्री ब्याह ली, उसने उत्तम पदार्थ पाया, और यहोवा का अनुग्रह उस पर हुआ है। |
प्रभु परमेश्वर ने कहा, ‘मनुष्य का अकेला रहना अच्छा नहीं। मैं उसके लिए एक उपयुक्त सहायक बनाऊंगा।’
इसहाक रिबका को अपनी मां सारा के तम्बू में ले गया। उसने रिबका को ग्रहण किया। वह उसकी पत्नी बन गई। इसहाक ने उसे प्यार किया। इस प्रकार इसहाक को अपनी मां की मृत्यु के पश्चात् सान्त्वना प्राप्त हुई।
याकूब ने ऐसा ही किया। उसने सप्ताह पूरा किया। इसके पश्चात् लाबान ने अपनी पुत्री राहेल का विवाह उससे कर दिया।
चरित्रवान पत्नी अपने पति की शोभा है, पर व्यभिचारिणी पत्नी मानो अपने पति की हड्डियों का क्षय है!
मकान और धन-सम्पत्ति पूर्वजों से प्राप्त होती है; किन्तु बुद्धिमति पत्नी केवल प्रभु ही देता है।
तब तू परमेश्वर और मनुष्य दोनों की दृष्टि में कृपा का पात्र होगा। तू अति बुद्धिमान बनेगा।
मेरे शिष्यो, जो मनुष्य मुझ को प्राप्त कर लेता है, वह जीवन को पा जाता है; वह प्रभु की कृपा का पात्र बन जाता है।
परमेश्वर ने सूर्य के नीचे धरती पर निस्सार जीवन के जितने भी दिन दिए हैं, उनमें अपनी प्रिय पत्नी के साथ जीवन का आनन्द भोगो, क्योंकि जीवन में यही तुम्हारा भाग है। जो परिश्रम तुम धरती पर करते हो उसमें यही तुम्हारा हिस्सा है।
याकूब सीरिया देश को भाग गया था। वहाँ इस्राएल ने पत्नी प्राप्त करने के लिए गुलामी की। स्त्री प्राप्त करने के लिए वह चरवाहा बना।
इसके अतिरिक्त मैं महलोन की विधवा, मोआबी रूत को पत्नी के रूप में स्वीकार करता हूँ, जिससे मृतक का नाम उसकी पैतृक सम्पत्ति पर कायम रहे, और मृतक का नाम उसके भाइयों के मध्य से तथा उसके नगर के सभा-स्थल से लुप्त न हो जाए। आज आप इस बात के गवाह हैं।’