प्रभु यह कहता है, “पीड़ित लुट गए, दरिद्र विलाप करते हैं। इस कारण अब मैं उठूंगा; मैं उसे सुरक्षित रखूंगा, जो सुरक्षा चाहता है।”
नीतिवचन 18:21 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जीभ के वश में मनुष्य का जीवन और मृत्यु दोनों हैं; और जो मनुष्य अपनी जीभ का प्रयोग जानता है उसको उचित फल प्राप्त होता है। पवित्र बाइबल वाणी जीवन, मृत्यु की शक्ति रखती है, और जो वाणी से प्रेम रखते है, वे उसका फल खाते हैं। Hindi Holy Bible जीभ के वश में मृत्यु और जीवन दोनों होते हैं, और जो उसे काम में लाना जानता है वह उसका फल भोगेगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जीभ के वश में मृत्यु और जीवन दोनों होते हैं, और जो उसे काम में लाना जानता है वह उसका फल भोगेगा। नवीन हिंदी बाइबल जीभ के वश में मृत्यु और जीवन दोनों होते हैं, और जो उसका सदुपयोग करना जानता है, वह उसका फल पाएगा। सरल हिन्दी बाइबल जिह्वा की सामर्थ्य जीवन और मृत्यु तक व्याप्त है, और जिन्हें यह बात ज्ञात है, उन्हें इसका प्रतिफल प्राप्त होगा. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जीभ के वश में मृत्यु और जीवन दोनों होते हैं, और जो उसे काम में लाना जानता है वह उसका फल भोगेगा। |
प्रभु यह कहता है, “पीड़ित लुट गए, दरिद्र विलाप करते हैं। इस कारण अब मैं उठूंगा; मैं उसे सुरक्षित रखूंगा, जो सुरक्षा चाहता है।”
दुर्जन अपने मुंह से निकले शब्दों के जाल में स्वयं फंस जाता है, पर धार्मिक मनुष्य संकट आने पर भी बच जाता है।
जो मनुष्य अपने मुह में लगाम देता है, और जीभ को वश में रखता है, वह अपने प्राण को विपत्तियों से बचाता है।
धार्मिक व्यक्तियों से यह कहो, ‘चिन्ता मत करो, तुम्हारा भला होगा, तुम अपने परिश्रम का फल खाओगे।’
प्रभु यह कहता है : ‘जो समीप है, और जो दूर है, दोनों का कल्याण हो, उन्हें शान्ति प्राप्त हो। मैं उन्हें स्वस्थ करूंगा।
तुमने अधर्म का बीज बोया था; अत: तुमने अन्याय की फसल काटी और झूठ का फल खाया। तुमने अपने रथों पर भरोसा किया। तुम्हें अभिमान है कि तुम्हारे पास हजारों-हजार महायोद्धा हैं।
इसलिए उसके सेवक भी धार्मिकता के सेवक बनने का स्वांग रचते हैं, किन्तु जैसे उनके काम हैं वैसे ही उनका अन्त होगा।
विनष्ट हो जाने वालों के लिए यह गंध घातक हो कर मृत्यु की ओर ले जाती है; किन्तु मुक्ति प्राप्त करने वालों के लिए यह जीवनदायक हो कर जीवन की ओर ले जाती है। इस कार्य को योग्य रीति से कौन सम्पन्न कर सकता है?
आपके मुख से कोई अश्लील बात नहीं, बल्कि ऐसे शब्द निकलें, जो अवसर के अनुरूप हों, और दूसरों के निर्माण तथा कल्याण में सहायक हों।
जो लोग अभी-अभी भ्रान्ति का जीवन बिताने वालों से अलग हुए हैं, वे उन्हें व्यर्थ शब्दाडम्बर और शरीर की घृणित वासनाओं द्वारा लुभाते हैं।