जब एसाव चालीस वर्ष का हुआ, उसने हित्ती जाति की दो कन्याओं से विवाह किया : यहूदीत और बाशमत। यहूदीत के पिता का नाम बएरी और बाशमत के पिता का नाम एलोन था।
नीतिवचन 17:21 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मूर्ख संतान अपने पिता के दु:ख का कारण बनती है; पिता नासमझ संतान से आनन्द नहीं पाता। पवित्र बाइबल मूर्ख पुत्र पिता के लिये पीड़ा लाता है, मूर्ख के पिता को कभी आनन्द नहीं होता। Hindi Holy Bible जो मूर्ख को जन्माता है वह उस से दु:ख ही पाता है; और मूढ़ के पिता को आनन्द नहीं होता। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जो मूर्ख को जन्म देता है वह उससे दु:ख ही पाता है; और मूढ़ के पिता को आनन्द नहीं होता। नवीन हिंदी बाइबल मूर्ख को उत्पन्न करनेवाला उससे दुःख पाता है; और मूर्ख के पिता को आनंद नहीं मिलता। सरल हिन्दी बाइबल वह, जो मन्दबुद्धि पुत्र को जन्म देता है, अपने ही ऊपर शोक ले आता है; मूर्ख के पिता के समक्ष आनंद का कोई विषय नहीं रह जाता. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जो मूर्ख को जन्म देता है वह उससे दुःख ही पाता है; और मूर्ख के पिता को आनन्द नहीं होता। |
जब एसाव चालीस वर्ष का हुआ, उसने हित्ती जाति की दो कन्याओं से विवाह किया : यहूदीत और बाशमत। यहूदीत के पिता का नाम बएरी और बाशमत के पिता का नाम एलोन था।
राजा इस धक्के से हिल उठा। वह द्वार के ऊपर बने हुए कमरे में चला गया और वहाँ रोने लगा। उसने रोते हुए कहा, ‘ओ मेरे बेटे अबशालोम! मेरे बेटे! मेरे बेटे अबशालोम! काश, तेरे बदले मुझे मौत आई होती। ओ मेरे बेटे अबशालोम, मेरे बेटे!’
राजा सुलेमान के नीतिवचन : बुद्धिमती संतान के कारण पिता आनन्दित रहता है; पर मूर्ख संतान से मां को दु:ख होता है।
बुद्धिमती संतान के कारण पिता आनन्दित होता है; किन्तु मूर्ख संतान अपनी मां का तिरस्कार करती है।
मूर्ख संतान पिता के विनाश का कारण होती है; पत्नी का लड़ाई-झगड़ा करना मानो घर की छत से लगातार पानी का टपकना है।
तब मैंने इस बात को लेकर पत्र लिखा, जिससे कहीं ऐसा न हो कि मेरे आने पर, जिन लोगों से मुझे आनन्द मिलना चाहिए, वे मुझे दु:खी बनायें; क्योंकि आप सब के विषय में मेरा दृढ़ विश्वास है कि मेरा आनन्द आप सब का आनन्द भी है।
मुझे और किसी बात से इतना आनन्द नहीं होता, जितना यह सुन कर कि मेरे बच्चे सत्य के मार्ग पर चलते हैं।
परन्तु शमूएल के पुत्र अपने पिता के मार्ग पर नहीं चले। वे पैसा कमाने के लिए अनुचित तरीका अपनाते थे। वे घूस लेकर न्याय को भ्रष्ट करते थे।